शुक्रवार, 31 मार्च 2017

रकम डालने वाली कंपनी का कस्डोडियन निकला मास्टर माइंड, एटीएम खोलकर रकम चुराने वाले तीन आरोपी पकड़ाए

बाराद्वार में स्थापित भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम से की थी लाखों की चोरी

जांजगीर-चांपा. भारतीय स्टेट बैंक द्वारा बाराद्वार में स्थापित की गई एटीएम को खोलकर उसमें रखी रकम तीन लाख 61 हजार 850 रुपए की चोरी करने वाले तीन शातिर चोरों को पुलिस ने चौबीस घंटे के भीतर दबोच लिया है। इस वारदात का मास्टर माइंड रकम डालने वाली कंपनी का एक कस्डोडियन निकला, जो एटीएम की देखरेख करता था। उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था।

बाराद्वार थाना प्रभारी अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि 29 मार्च की रात पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी गश्त पर निकली हुई थी। पार्टी में वे स्वयं तथा सहयोगी स्टॉफ थे। गश्त कर लगभग पौने तीन बजे जब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया बाराद्वार के पास टीम पहुंची तो एटीएम चेक करने पर खुला हुआ मिला, जिस पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक रंजीत कुमार तिर्की को फोन द्वारा घटना की जानकारी दी गई। दूसरे दिन 30 मार्च की सुबह शाखा प्रबंधक तिर्की थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराई कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने रात में एटीएम खोलकर उसमें रखे कैस ट्रे दो नग चुरा लिया है, जिसमें दो हजार, पांच सौ, सौ एवं पचास के नोट हैं। उन्होंने बताया कि कुल रकम तीन लाख 61 हजार 850 रुपए की चोरी हुई है। मामले की रिपोर्ट पर भादवि की धारा 457, 380 के तहत अज्ञात चोरों के विरूद्ध अपराध दर्ज कर पुलिस की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। 

एटीएम के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि एटीएम का दरवाजा एक छोटी चॉबी से खोला गया था, जो चॉबी निरीक्षण के समय दरवाजे पर लगी हुई थी। मौके पर उपस्थित बैंक कर्मचारी अलबर्ड गुडिया तथा सीएमएस कंपनी के अधिकारी हितेश पटेल ने बताया कि एटीएम को तोड़ा नहीं गया है, बल्कि असल चॉबी से दरवाजे को खोला गया है। दरवाजे को खोलने के बाद इलेक्ट्रानिक की बोर्ड में 12 अंकों का गुप्त कोड डालकर एटीएम को खोला गया है। पूछताछ करने पर बैंक अधिकारियों ने बताया कि उक्त चॉबी एवं कोड नंबर एटीएम में रकम डालने वाली कंपनी द्वारा अधिकृत कस्डोडियन के पास उपलब्ध रहती है। पूछताछ में पता चला कि एटीएम की देखरेख करने वाला कस्डोडियन सक्ती थाना अंतर्गत ग्राम सोंठी निवासी दुर्गेश यादव पिता रामाधार यादव है, जिसने 29 मार्च को एटीएम खराब होने पर इंजीनियर सत्येन्द्र उपाध्याय के साथ सुधार कार्य किया था। 

इस पर पुलिस का संदेह पुख्ता हो गया कि एटीएम में चोरी की वारदात को दुर्गेश यादव ने ही अंजाम दिया है। इसकी तस्दीक के लिए मौके पर पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम संदेही दुर्गेश यादव की पतासाजी करने के लिए सक्ती सोंठी रवाना हुई, लेकिन संदेही वहां नहीं मिला। शुक्रवार 31 मार्च को सुबह मुखबिर से जानकारी मिली कि संदेही दुर्गेश यादव को बाइक में घूमते हुए सोंठी गांव में देखा गया है, जिस पर थाना की टीम ने क्राइम ब्रांच की टीम से संपर्क किया और दोनों टीमें संदेही की तलाश में सोंठी रवाना हुई। गांव पहुंची टीम को देखकर संदेही दुर्गेश ने भागने का प्रयास किया, जिसे घेराबंदी करके बाइक समेत पकड़ लिया गया।
 

घंटों तक पुलिस को करता रहा गुमराह

थाना प्रभारी त्रिपाठी ने बताया कि बाराद्वार थाना लाकर पूछताछ करने पर  संदेही दुर्गेश काफी देर तक गोलमोल जवाब देकर बचता रहा, लेकिन जब उसे एटीएम में लगे सीसी कैमरे का फुटेज दिखाया गया तो उसने अपना मुंह खोल दिया। उसने बताया कि वर्ष 2014 में वह इस कंपनी के लिए जैजैपुर, बाराद्वार, सक्ती एवं डभरा का कस्डोडियन नियुक्त हुआ था। लगभग 12 हजार रुपए तनख्वा मिलती है। पिछले दो वर्ष से एटीएम में रकम डालने के लिए वह अक्सर अपने बैक आफिस से कैस लेता था तथा एटीएम में रकम डालने से पहले ही पांच-दस हजार रुपए निकाल कर अपने पास रख लिया करता था, जिसे बाद में मौज मस्ती में खर्च करता था। एटीएम में शेष रकम डालने के बाद वह इलेक्ट्रानिक की पेड पर जितनी रकम टाइप करता था, उतना ही बैंक के सिस्टम में एंट्री हो जाता था, जिससे इस गड़बड़ी को बैंक अधिकारी समझ नहीं पाते थे। इसी का फायदा उठाकर वह लगातार रकम गबन करता रहा।
 

गड़बड़ी पकड़ में न आए, इसलिए की चोरी

आरोपी दुर्गेश से पूछताछ में पता चला कि जैजैपुर, बाराद्वार, सक्ती एवं डभरा के एटीएम में लगभग दो लाख रुपए का अंतर आ रहा था, जिससे उसे आशंका थी कि उसके द्वारा की गई गड़बड़ी कहीं पकड़ में न आ जाए, तब उसने एटीएम से रकम चोरी करने की योजना बनाई। योजना के तहत 29 मार्च को उसने अपने साढू भाई ग्राम झाराडीह निवासी सुरेश यादव एवं दोस्त ग्राम झाराडीह निवासी संतोष कुमार चतुर्वेदी को सक्ती स्थित शराब भट्ठी के पास बुलाया, जहां शाम को सात बजे तीनों ने शराब का सेवन किया। इसके बाद वही बैठकर एटीएम से रकम चोरी करने की योजना बनाई। योजना के मुताबिक, तीनों बाइक में बैठकर रात 12 बजे बाराद्वार स्थित एसबीआई के एटीएम पहुंचे, जहां एटीएम के भीतर जाकर दुर्गेश यादव ने चॉबी से एटीएम का दरवाजा खोला और 12 अंकों का पिन कोड डायल कर एटीएम को खोल लिया, जिसके बाद उसने दो नग केस ट्रे (कैसेड) को निकाल लिया एवं एक जूट की बोरी में भरकर सकरेली-जेठा होते हुए भाग निकले। रास्ते में सडक़ किनारे एक पैरावट के पास रूककर कैसेट को खोलकर उसमें रखी रकम निकाल लिए और आपस में बंटवारा कर लिया।
 

तीनों आरोपी से चोरी की रकम बरामद

थाना प्रभारी त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी दुर्गेश के कथनानुसार घटना स्थल का संपूर्ण ब्यौरा तत्काल पुलिस अधीक्षक अजय यादव को दिया गया, जिन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज चंद्रा को तत्काल बाराद्वार थाना भेजा। टीम आरोपी दुर्गेश को साथ लेकर उसके निवास पहुंची, जहां दुर्गेश ने अपने हिस्से की रकम को घर से निकालकर पुलिस के सुपुर्द किया। इसके बाद पुलिस की टीम ग्राम झाराडीह पहुंची, जहां दुर्गेश के साढृू भाई सुरेश यादव के घर पर छापा मारने से उसके कब्जे से बंटवारे की रकम 75000 रुपए जब्त हुआ। इसी तरह आरोपी संतोष चतुर्वेदी के कब्जे से भी बंटवारे की रकम 75000 रुपए बरामद हुआ, जिसके बाद पुलिस की टीम ने वापस ग्राम जेठा पहुंचकर सडक़ किनारे एक पैरावट में आरोपियों द्वारा छिपाकर रखी गई केस ट्रे को टूटे अवस्था में जब्त किया। साथ ही दुर्गेश के रिलायंस लाईफ कंपनी के मोबाइल को भी जब्त किया गया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर चोरी गई संपूर्ण राशि तीन लाख 61 हजार 850 रुपए एवं दो नग केस ट्रे बरामद किया है। बाराद्वार थाना प्रभारी त्रिपाठी ने बताया कि इस कार्रवाई में क्राइम ब्रांच के सहायक उपनिरीक्षक दिलीप सिंह, प्रधान आरक्षक लालाराम खुंटे, आरक्षक लक्ष्मी कश्यप, आतिक पारीक, मोहन साहू, रमेश कोसले, बाराद्वारा थाने में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक महेन्द्र तिवारी, आरक्षक फारूख, विकास, अलेक्स मिंज का सराहनीय योगदान रहा।

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