बुधवार, 8 मार्च 2017

हद हो गई! मजिस्ट्रेट के घर के सामने लगता है जाम

नगर पंचायत डभरा के तहसील रोड से गुजरना आसान नहीं

चौबीसों घंटे ट्रक और भारी वाहनों के जमावाड़ा से बढ़ी परेशानी

नवीन कदम न्यूज@जांजगीर-चांपा. नगर पंचायत डभरा के तहसील रोड से गुजरना आसान नहीं हैं। इस रोड में कई मजिस्ट्रेट और अनुविभागीय दंडाधिकारी का निवास है, बावजूद इसके धान से लोड वाहन मार्ग में खड़े कर दिए जाते हैं। इस वजह से लोगों को आवागमन में असुविधा होती है। इस समस्या से मजिस्ट्रेट और तहसील कॉलोनी में रहने वाले कई अफसर भी जूझ रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान करने वे स्वयं रूचि नहीं दिखा रहे हैं।
बड़े शहरों में भारी वाहनों केे जाम की समस्या तो आम है, लेकिन यही समस्या अगर छोटे शहर या कस्बे में हो तो लोगों को अनावश्यक रूप से परेशानियां से जूझना पड़ता है। ठीक ऐसे ही हालात इन दिनों नगर पंचायत डभरा के तहसील रोड में बना हुआ है। इस रोड में तहसील कॉलोनी स्थित है, जहां के आवासों में कई मजिस्ट्रेट, अनुविभागीय दंडाधिकारी सहित कई अफसर निवास करते हैं। उनके मकान के ठीक सामने चौबीसों घंटे धान से लदे ट्रक खड़े रहते हैं। ट्रक तब तक वहां से टस से मस नहीं होते, जब तक उसी मार्ग में स्थित धान संग्रहण केन्द्र के प्रभारी की हरी झण्डी न मिल जाए। इन दिनों स्थानीय संग्रहण केन्द्र से धान का उठाव हो रहा है, जिसके कारण इस मार्ग में ट्रक और अन्य किस्म के वाहनों की आवाजाही बढ़ी हुई है। संग्रहण केन्द्र में पहुंचे ट्रक में धान लोड करने के बाद संग्रहण प्रभारी की अनुमति से उसे रवाना किया जाता है। एक साथ कई ट्रकों के रवाना होने से मार्ग काफी व्यस्त हो जाता है। इस वजह से तहसील कॉलोनी के आसपास ही जाम की स्थिति बनती है। दिलचस्प बात यह है कि इस परेशानी से नगरवासी तो जूझ ही रहे हैं, वहीं इस समस्या से मजिस्ट्रेट और अन्य अफसर भी परेशान हैं। मगर वे आवागमन को व्यवस्थित बनाने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रहे हैं, जो लोगों के समझ से परे है। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि तहसील रोड में तहसील कॉलोनी के साथ-साथ विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, कृषि कार्यालय, शासकीय महाविद्यालय और कई स्कूल संचालित हैं, जहां रोजाना लोगों की आवाजाही होती है। तहसील रोड में ट्रकों के जाम लगने से इन दफ्तर और शैक्षणिक संस्थानों में जाने वाले लोग परेशान होते हैं। कई बार स्थिति ऐसी बनती है कि जाम हटने में घंटों लग जाता है। नागरिकों का कहना है कि इसकी शिकायत उन्हीं उच्चाधिकारियों से की गई है, जो इस समस्या से स्वयं जूझ रहे हैं। बावजूद इसके वे इसके समाधान को लेकर कोई पहल नहीं कर रहे हैं।

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