शनिवार, 8 अप्रैल 2017

बिलासपुर से पद यात्रा करते हुए अकलतरा पहुंचे प्रखर प्रवक्ता राष्ट्रसंघ मुनि श्री 108 प्रतीक सागर महाराज

अकलतरा. आचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य प्रखर प्रवक्ता राष्ट्रसंघ मुनि श्री 108 प्रतीक सागर महाराज का बिलासपुर से पद यात्रा करते हुए शाम साढ़े 4 बजे अकलतरा नगर आगमन हुआ। जैन समाज द्वारा गाजेबाजे के साथ मुनि श्री 108 प्रतीक सागर महाराज को संत भवन तक ले जाया गया।

मुनि श्री 108 प्रतीक सागर महाराज ने पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि भारत देश की संस्कृति सत्य, अहिंसा एवं अनेकांत की संस्कृति है। आज से 2616 साल पहले अहिंसा के अवतार तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ। भगवान महावीर ने विश्व को जियो और जीने दो का संदेश दिया। प्रेम और भाईचारे का शंखनाद किया। भारत की आत्मा हिंसा में नहीं अहिंसा में निवास करती है। आज सारे विश्व को अणु बम और परमाणु बम से बचा सकता है तो वह महावीर का अणु व्रत है। आज समाज और देश में गौ हत्या, भ्रुण हत्या बड़ी संख्या में हो रही है। देश का युवा वर्ग नशे का आदि होकर खोखला हो रहा है। 

आज हमें आवश्यकता है वैचारिक क्रांति का सूत्र एवं सांस्कारिक शंखनाद करने की। आदमी को भगवान बनाने का पाठ देने के बजाय इंसान बनाने का नैतिक धर्म सिखाया जाए। इंसान वह होता है जो सारे विश्व को अपना परिवार समझता है। भारतीय संस्कृति और पाश्चात्य संस्कृति में केवल इतना अंतर होता है पाश्चात्य संस्कृति कहती है विश्व एक व्यापार है केवल इंसान को जीने का अधिकार है। भारतीय संस्कृति कहती है विश्व एक परिवार है जहां सभी को जीने का अधिकार है। हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, जैन और बौद्ध हम बाद में हैं। पहले चारित्रवान और नैतिकता सबसे आवश्यक है। एक नैतिक व्यक्ति हजार डाक्टरों के बराबर अकेला होता है। आज हम सभी को भगवान महावीर के जनकल्याणक के दिवस के अवसर पर यह संकल्प मन के अन्दर लेना चाहिए। जिस प्रकार महावीर भगवान जहां तप करते थे वहां गाय और शेर एक ही घाट पर पानी पिया करते थे। 

हम भी अगर सच्चे मन से भगवान महावीर को मानते हैं तो अपने दुश्मन के थाली में एक साथ बैठकर भोजन कर सकें तो भगवान महावीर को मानना हमारा सत्य प्रतीत होगा। पत्रकार वार्ता के दौरान संसार में नैतिक पतन का कारण क्या है इसका जवाब देते हुए मुनि प्रतीक सागर महाराज ने कहा कि घर के वातावरण को बदलना सर्वप्रथम जरुरी है। घर के अन्दर की व्यवस्था होटल जैसा कर दो, लेकिन घर के अन्दर पवित्र एवं मंदिर जैसा वातावरण अवश्य होना चाहिए। घर के वातावरण में बच्चों की शिक्षा के साथ-साथ नैतिक संस्कार देने की भी आवश्यकता है। कर्त्तव्यनिष्ठ बनने में नैतिकता आ जाएगी। राम एवं भगवान महावीर जैसा पुत्र चाहने के लिए हर माँ को कौशिल्या एवं त्रिशला का रुप लेना पड़ेगा। 

यदि एक राम एवं महावीर का जन्म होता है तो संसार में हजारों महाविनाश से बचा जा सकता है। युवापीढ़ी ने आध्यात्म की ओर प्रेरित करने के लिए सवाल पूछे जाने पर मुनि श्री सागर महाराज ने कहा कि धर्म करने की प्रवृत्ति में हमें वर्तमान परिवेश के साथ-साथ कट्टरवादिता से युवा पीढ़ी को मुक्त करने का प्रयास करना होगा। वर्तमान आधुनिक युग में पैकिंग का जमाना है। पैकिंग जितनी अच्छी होगी उतना ही उस वस्तु की बिक्री होगी। युवा पीढ़ी को छोटे-छोटे नियमों के माध्यम से आध्यात्म से जोड़ने का प्रयास किया जाए।

धूमधाम से मनाई जाएगी महावीर जयंती


जैन समाज द्वारा 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्मोत्सव 9 अप्रैल को आचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य प्रखर प्रवक्ता राष्ट्रसंघ मुनि श्री 108 प्रतीक सागर महाराज के मंगल सानिध्य में धूमधाम से मनाई जाएगी। सुबह 7 बजे जैन मंदिर में भगवान महावीर का 108 मंगल कलशों से महा मस्तकाभिषेक एवं शांतिधारा की जाएगी। सुबह साढ़े 8 बजे जैन मंदिर से भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। दोपहर 3 बजे नगर के हृदय स्थल शास्त्री चौक में महावीरोदय सर्वधर्म सत्संग उत्सव में मुनि श्री 108 प्रतीक सागर महाराज का मंगल प्रवचन होगा। शाम 5 बजे जैन भवन में समाज का सामूहिक भोजन एवं रात्रि 8 बजे जैन मंदिर में भगवान महावीर की मंगल आरती होगी।

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