जांजगीर-चांपा. मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत तीर्थ की चाह रखने वालों को अब घर में शौचालय निर्माण का प्रमाण पत्र देना होगा। घर में शौचालय न होने पर बुजुर्ग तीर्थयात्रा के लिए पात्र नहीं होंगे। खुले में शौच जाने से रोकने और घर-घर शौचालय को बढ़ावा देने के लिए शासन ने नई व्यवस्था शुरू की हैं।
शासन द्वारा मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना के तहत 60 साल के अधिक के वरिष्ठ नागरिकों को नि:शुल्क तीर्थ स्थलों की यात्रा कराई जाती है। इसके लिए पहले नगरीय निकाय और जनपद पंचायत स्तर पर आवेदकों से आवेदन लिए जाते हैं और समाज कल्याण विभाग द्वारा आवेदनों का अवलोकन कर पात्र हितग्राहियों की सूची शासन को भेजी जाती है। शासन स्तर पर चयनित लोगों की टिकट आदि की व्यवस्था की जाती है और निर्धारित तिथि पर आवेदक तीर्थ यात्रा के लिए रवाना होते हैं।
पहले आवेदकों को पहचान पत्र, आधार कार्ड और शासकीय अस्पताल के डॉक्टर द्वारा जारी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र आवेदन के साथ देना होता था। इसके आधार पर पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया जाता था, लेकिन अब शासन ने घर-घर शौचालय को बढ़ावा देने के लिए आवेदन के साथ घर में शौचालय होने का प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से देने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत अब आवेदकों को उपरोक्त दस्तावेजों के साथ ही घर में शौचालय होने के प्रमाण पत्र की कॉपी भी देनी होगी। शौचालय निर्माण के प्रमाण पत्र के बाद ही ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किया जाएगा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें