बुधवार, 10 मई 2017

मरीजों को अस्पताल में देखने के बजाय निजी क्लीनिक में बुलवाते हैं डॉक्टर, डभरा के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को अपने हिसाब से चला रहा स्टॉफ

डभरा. विकासखंड मुख्यालय डभरा में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यहां पहुंचने वाले मरीजों को दवा नहीं बल्कि, दर्द मिलती है। आलम यह है कि सीएचसी में भर्ती होने के बाद मरीज इलाज के लिए तड़पते रहते हैं और यहां पदस्थ डॉक्टर व स्टॉफ अपने प्राइवेट क्लीनिक में व्यस्त रहते हैं। वे मरीजों को अपने प्राइवेट क्लीनिक में आकर इलाज कराने के लिए विवश करते हैं।

गौरतलब है कि सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा के नाम पर मोटी रकम खर्च की जा रही है। सरकारी अस्पतालों में हर तरह की बीमारियों के उपचार की सुविधा होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत इससे हटकर है। जिले के डभरा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरकार की उम्मीदों पर पानी फेर रहा है। यहां मरीज के इलाज के लिए कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं रहते और न ही नर्सिंग ड्यूटी में सिस्टर रहती हैं, जिससे मरीजो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और मजबूरी में झोलाछाप डॉक्टरो के पास जाना पड़ता है। जब लोगों ने सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के अडि़यल रवैये की शिकायत की, तब ’नवीन कदम रिपोर्टर’ ने अस्पताल पहुंचकर पड़ताल की तो जो स्थिति दिखी, वह सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। 

पूछताछ में पता चला कि अस्पताल पहुंची एक महिला पिछले चार घंटे से डॉक्टर के आने का इंतजार कर रही है, लेकिन न तो कोई ड्यूटी डॉक्टर आया न कोई कोई पूछपरख हुई। मरीज के साथ पहुंची शकुंतला ने बताया कि यहां उन्हें समुचित उपचार की सुविधा नहीं मिल रही है। अच्छा इलाज तो दूर कोई पूछने वाला तक नहीं है। यहां से जब अस्पताल के इमरजेंसी गेट के पास देखा गया तो एक महिला मरीज सीढ़ी से गिरी हुई मिली, जिसे डभरा अस्पताल लाया गया था। उस महिला को डॉक्टर ने बिना देखे  रायगढ़ रेफर कर दिया। जबकि महिला गंभीर रूप से घायल थी। इसके बाद भी वहां न कोई प्राथमिक उपचार हुआ और न ही उसकी कोई पूछपरख की गई। जब नवीन कदम रिपोर्टर को पता चला एक सिस्टर ड्यूटी पर है तो उसकी खोजबीन की गई।

खोजते-खोजते बड़ी मुश्किल से मिली तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया और अपनी सफाई देती नजर आई। उन्होंने कहा की आज छुट्टी का दिन है इसीलिए सर-मैडम लोग घर पर हैं। मामले की जानकारी क्षेत्रीय बीजेपी नेता और विधायक प्रतिनिधि मनीष चौधरी और कांग्रेस नेता यशवंत चन्द्रा को मिली तो वे डभरा के सरकारी अस्पताल पहुंचे, जिन्होंने सभी डॉक्टरों को फोन के माध्यम से बात की और नाराजगी जाहिर की। जनप्रतिनिधियों ने लापरवाह डॉक्टरों के ऊपर कार्यवाही के लिए आलाधिकारियों व विधायक से बात करने की बात कही। आलाधिकारियों द्वारा लापरवाह डॉक्टरांें के ऊपर क्या कार्यवाही की जाती है, आगे देखना है।

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