जांजगीर-चांपा. ग्राम मुरलीडीह में फिर एक नाबालिग लड़की शादी की बलिवेदी पर चढ़ने जा रही थी, लेकिन इसकी सूचना ऐनवक्त पर पुलिस को मिल गई। प्रशिक्षु महिला डीएसपी ने इस बार भी तत्परता दिखाई और उनके प्रयास से नाबालिग लड़की की शादी टल गई।
प्रशिक्षु डीएसपी रश्मित कौर चावला ने बताया कि 9 मई को मुलमुला थाने में सूचना मिली कि ग्राम मुरलीडीह में एक नाबालिग लड़की के विवाह की रस्में 11 मई से शुरू होने वाली है। सूचना पर उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से दिशा-निर्देश लिया और महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षकों को सूचित कर हमराह स्टॉफ सहायक उपनिरीक्षक माधो प्रसाद शर्मा, प्रधान आरक्षक भुवनेश्वर साहू, श्रीकांत सेंग के साथ ग्राम मुरलीडीह पहुंची, जहां पुरूषोत्तम जोगी की 15 वर्ष 11 माह की पुत्री की शादी की तैयारी चल रही थी। पूछताछ करने पर पता चला कि लड़की नाबालिग है, इसके बावजूद परिजन उसकी शादी करवा रहे हैं। ऐसे में लड़की के परिजनों को बुलाकर समझाईश दी गई। उन्हें समझाया गया कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई के साथ ही कानूनन अपराध है। बालिका को अच्छे से पढ़ाई-लिखाई करने की सलाह भी दी गई। परिजनों को कहा गया कि तीन वर्ष बाद जब लड़की बालिग हो जाए, तब उसकी शादी धूमधाम से करें। इस पर परिजनों ने अपनी सहमति जताई। इस तरह एक नाबालिग की शादी टल गई।
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