जांजगीर-चांपा. सरकारी स्कूल और आंगनबाडिय़ों की तर्ज पर अब क्षमता से अधिक मतदाता वाले पोलिंग बूथों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी को नया फरमान जारी किया है। नई व्यवस्था के तहत अब एक मतदान केंद्र में एक हजार मतदाता होंगे। इससे अधिक होने पर नया मतदान केंद्र बनाया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, भारत निर्वाचन आयोग वर्ष 2018 में होने वाले विधानसभा और 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गया है। आयोग ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर पोलिंग बूथों के गठन के संबंध में जरूरी गाइडलाइन जारी की है, जिसके मुताबिक एक पोलिंग बूथ में अधिकतम एक हजार मतदाताओं को शामिल करने की शर्त रखी गई है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में इस व्यवस्था को लागू करने कहा गया है। पत्र के अनुसार, लोकसभा क्षेत्र को आधार मानकर प्रत्येक मतदान केंद्रों की नए सिरे से पड़ताल करने व इसमें शामिल किए जाने वाले मतदाताओं की संख्या का मिलान करने कहा गया है। किसी मतदान केंद्र में मतदाताओं की संख्या एक हजार से ज्यादा होने पर पोलिंग बूथ का गठन किया जाएगा। इस दौरान एक-एक मतदान केंद्र में मतदाताओं की संख्या दर्ज की जाएगी। जिस केंद्र में वोटरों की संख्या ज्यादा होगी, उसे चिन्हांकित किया जाएगा। सर्वे का काम पूरा करने के बाद नए मतदान केंद्र गठन के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्ताव भेजा जाएगा। अनुशंसा के साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी इसे राज्य चुनाव आयोग के हवाले कर देगा। आगे की प्रक्रिया राज्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा पूरी की जाएगी। पंचायत व सामुदायिक भवन का इस्तेमाल मतदान केंद्र के लिए किया जाएगा। नए केंद्र बनाए जाने वाले मतदान केंद्रों में मतदाताओं के लिए सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया करनी पड़ेगी। इसके बाद ही केंद्र बनाने का प्रस्ताव देने कहा गया है।
करना पड़ेगा एक-एक केन्द्र का सर्वे
जिला प्रशासन के अधिकारियों के अनुसार, भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश ने प्रशासनिक अमले की परेशानी बढ़ा दी है। शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के एक-एक मतदान केंद्रों का सर्वे करना पड़ेगा। सर्वे के अलावा मतदाताओं की संख्या भी इकट्ठी करनी पड़ेगी। नए मतदान केंद्रों गठन के लिए भवनों की तलाश भी ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी समस्या है।
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