शुक्रवार, 19 मई 2017

मुख्यमंत्री के समक्ष देवांगन ने रखी पेयजल समस्या के निदान की मांग, जल आवर्धन योजना सहित हसदेव कारीडोर योजना की दिलाई गई याद

चांपा. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा की गई घोषणाओं पर शीघ्र क्रियान्वयन किए जाने सहित विभिन्न गांवों और जांजगीर व चांपा नगर में व्याप्त पेयजल समस्या का निदान किए जाने की मांग विधायक मोतीलाल देवांगन ने की है। उन्होंने इस आशय का ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा है। ज्ञापन में बताया गया है कि आपके द्वारा समय-समय पर जांजगीर-चांपा विधानसभा क्षेत्र के विकास संबंधी घोषणाएं की गई है, लेकिन घोषणाओं पर अब तक क्रियान्वयन नहीं हो सका है। 23 जनवरी 2016 को चांपा के हसदेव लोक महोत्सव शुभारंभ समारोह में बुनकरों की सुविधा के लिए बुनकर आवास बनाए जाने की घोषणा की गई थी। इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

इसी कार्यक्रम में चांपा नगर की नालियों का गंदा पानी को हसदेव नदी में बहाए जाने से रोकने तथा नदी तट के सौंदर्यीकरण के लिए हसदेव कारीडोर योजना को मंजूरी प्रदान करने की घोषणा की गई थी। इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। साथ ही पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस चांपा का उन्नयन तथा जिले की 430 हेक्टेयर भूमि में कोसा ककून के उत्पादन के लिए कार्ययोजना बनाने की घोषणा की गई थी, इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके अलावा जिले में इंजीनियरिंग महाविद्यालय प्रारंभ करने व जिला अस्पताल जांजगीर में सिटी स्कैन सुविधा उपलब्ध कराने की की गई, ये घोषणाएं भी अब तक अधूरी हैं। 27 अप्रैल 2017 को राष्ट्रीय राजमार्ग 49 से कलेक्टोरेट होते हुए हसदेव विहार कालोनी से पीथमपुर तक टूलेन सडक़ निर्माण कराए जाने की घोषणा भी क्रियान्यन की बाट जोह रही है। इस तरह जांजगीर व चांपा नगर के बीच फोरलेन सडक़ निर्माण की घोषणा पर भी क्रियान्वयन नहीं हुआ है। बीडीएम चिकित्सालय में बर्न यूनिट प्रारंभ कराने की घोषणा विभागीय मंत्री द्वारा विधानसभा में की गई थी। इस पर भी कार्रवाई नहीं हुई है। विधायक देवांगन ने बताया है कि वर्ष 2002 में हसदेव नदी से जांजगीर में जलापूर्ति के लिए साढ़े चार करोड़ की लागत के जल आवर्धन के लिए भूमिपूजन किया गया था, जो कार्य में विलंब के चलते लागत राशि साढ़े छह करोड़ हो गई। अब उससे पानी तक नहीं मिल रहा है। इसी तरह जिला मुख्यालय में भी नालियों की दशा जर्जर है। नियमित सफाई नहीं होने से भी गंदे पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। वर्षाकाल में सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे की आशंका है। इसलिए स्थाई समाधान के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाकर स्वीकृति देने की आवश्यकता है। 

विधायक देवांगन ने ऐतिहासिक भीमा तालाब का सौंदर्यीकरण कराकर इसमें जल भराव किए जाने की भी मांग की है। उन्होंने बताया है कि भीमा तालाब पालिका प्रशासन की उदासीनता एवं उपेक्षा के चलते बदहाल हो गया है। पालिका ने तालाब की दशा सुधारने 50 लाख रुपए खर्च किया है, लेकिन जल भराव की कोई व्यवस्था नहीं की गई। इस तालाब से बड़ी आबादी निस्तार करती है। वर्तमान में खनिज न्यास मद से तालाब सौंदर्यीकरण के लिए साढ़े छह करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं, मगर भीमा तालाब में जल भराव की कोई योजना नहीं है और न ही स्वीकृत राशि से काम प्रारंभ हो सका है। जांजगीर-नैला पालिका को नगरीय जल आवर्धन योजना के लिए अब तक वित्तीय मंजूरी नहीं मिल पाई है, जबकि इस भीषण गर्मी में 50 हजार की आबादी पेयजल की समस्या से जूझ रही है। इस योजना को वित्तीय मंजूरी दिलाकर समस्या का निराकरण कराया जाए।

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