बुधवार, 10 मई 2017

संदेही युवक ने नारको टेस्ट कराने से किया इंकार, विरोधाभाषी बयान पर अब अगले सप्ताह होगी सुनवाई

जांजगीर-चांपा. जिले के पामगढ़ क्षेत्र की एक युवती के गायब होने के मामले में संदेही ने नारको टेस्ट कराने से साफ इंकार कर दिया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में इसे लेकर दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में अब अगले सप्ताह संदेही के विरोधाभाषी बयान पर सुनवाई होगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले के पामगढ़ क्षेत्र निवासी अमित साहू नवंबर 2015 को गांव में रहने वाली युवती को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया। इसके बाद अमित व युवती 2016 में होली के समय गांव लौटे। इस बात को लेकर गांव की पंचायत की बैठक हुई। बैठक में दोनों के एक ही गोत्र के होने पर शादी से इंकार कर दिया गया। कुछ दिन गांव में रहने के बाद दोनों फिर दिल्ली चले गए। अक्टूबर में अमित साहू दिल्ली से अकेला वापस लौट आया। उसके अकेले लौटने पर युवती के पिता ने पूछताछ की। इस पर वह गोलमोल जवाब देने लगा। ऐसे में युवती के पिता ने मामले की रिपोर्ट शिवरीनारायण थाने में दर्ज कराई। पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर पिता ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की। 

हाईकोर्ट की फटकार के बाद पुलिस ने मामले में विवेचना शुरू की। पूछताछ में सही जानकारी नहीं मिलने पर पुलिस ने संदेही का नारको टेस्ट कराने जिला एवं सत्र न्यायालय जांजगीर के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर अनुमति मांगी। संदेही ने नारको टेस्ट कराने से इंकार किया। इस पर न्यायालय ने पुलिस के आवेदन को खारिज कर दिया। मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में पुनः सुनवाई हुई। पुलिस ने जवाब में कहा कि संदेही ने टेस्ट कराने से इंकार कर दिया है। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि संदेही मामले में अलग-अलग बयान दे रहा है। उसके बयान में विरोधाभाष होने से यह लगता है, कि उसने ही युवती को गायब किया है। इस पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अगले सप्ताह संदेही के विरोधाभाषी बयान पर सुनवाई करने का आदेश दिया है।

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