जांजगीर-चांपा. केंद्र सरकार ने राज्य शासन को जोर का झटका दिया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को मिलने वाली शक्कर से सब्सिडी बंद कर दी है। इसका असर भी दिखाई देने लगा है। बीते दो महीने से राशन दुकानों से शक्कर गायब हो गई है।
मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना के तहत राज्य शासन के द्वारा राशन कार्डधारी गरीबों को प्रति महीने 35 किलोग्राम चावल, दो लीटर केरोसिन व एक किलोग्राम शक्कर की आपूर्ति की जाती है। पहले चरण में शक्कर में दी जा रही सब्सिडी को खत्म कर दिया है। केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय ने राज्य शासन को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दे दी है। नागरिक आपूर्ति निगम ने राशन दुकानों को अप्रैल और मई महीने के खाद्यान्न के साथ शक्कर की सप्लाई नहीं की है। विभागीय अमले ने दुकानदारों के टैब को नए सिरे से अपडेट किया है। इसमें शक्कर का कोटा डिलीट कर दिया है। अब कार्डधारकों के नाम के आगे चावल व मिट्टी तेल की मात्रा ही दर्ज है।
12 रुपए प्रति किलो दे रहे थे सब्सिडी
पीडीएस के तहत कार्डधारकों को दी जाने वाली शक्कर में एक बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार का था। राशन दुकानों में कार्डधारकों को 17 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से शक्कर दिया जा रहा था। इसमें 12 रुपए प्रति किलोग्राम केंद्र सरकार द्वारा व मात्र पांच रुपए प्रति किलोग्राम राज्य शासन का शेयर था।
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