डभरा. शासकीय महाविद्यालय डभरा में व्याप्त अव्यवस्था को लेकर छात्रों के सब्र का पैमाना अब टूट गया है। मंगलवार को सभी छात्रों ने एकजुट होकर महाविद्यालय के बाहर न केवल हंगामा किया, बल्कि कलेक्टर के नाम मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपकर शीघ्र उचित पहल की मांग की। छात्रों ने साफ तौर पर चेतावनी दी कि यदि शीघ्र उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो वे सडक़ पर उतरकर उग्र आंदोलन करने बाध्य होंगे।
विकासखंड मुख्यालय डभरा में संचालित शासकीय महाविद्यालय में अव्यवस्थाओं की अंबार है। महाविद्यालय में जरूरी सुविधा बढ़ाए जाने की मांग को लेकर छात्र-छात्रा पिछले कई वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर शासन-प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। इस वजह से महाविद्यालय में दाखिला लेकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को किसी तरह की सुविधा नहीं मिल रही है। शासन-प्रशासन की उदासीनता से छात्रों के सब्र का पैमाना टूट गया है। यही वजह है कि छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार की सुबह महाविद्यालय के बाहर प्रदर्शन कर अपनी आवाज बुलंद की। इसके बाद छात्रों ने महाविद्यालय के प्राचार्य तथा स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। छात्र नेता खुशवंत चन्द्रा ने बताया कि वे पिछले तीन वर्षों से महाविद्यालय में जरूरी सुविधा बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। छात्रा शशिकला कुर्रे ने कहा कि पिछले तीन वर्षो से आवेदनों के माध्यम से हम शासन तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन आज तक समस्याएं यथावत है। सभी छात्रों ने कहा कि यदि जल्द ही हमारी सात सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं किया गया तो हम उग्र आंदोलन करने बाध्य होंगे।
कलेक्टर ने की वादाखिलाफी
शासकीय महाविद्यालय डभरा के छात्रों ने बताया कि अपनी सात सूत्रीय मांगों को लेकर उन्होंने पिछले वर्ष अनिश्चतकालीन आंदोलन किया था। उनका आंदोलन कई दिनों तक चला। उस दौरान कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने नए सत्र से कॉलेज में व्याप्त समस्याओं को दूर किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन समस्याएं अभी भी यथावत है। छात्रों का आरोप है कि कलेक्टर डॉ. भारतीदासन ने उनके साथ वादाखिलाफी की है।
विद्यार्थियों की ये हैं प्रमुख मांगे
⇒ स्नातकोत्तर की कक्षाएं प्रारंभ कराई जाए।
⇒ महाविद्यालय के लिए नए भवन की मंजूरी हो।
⇒ प्राध्यापकों के रिक्त पदों की पूर्ति हो।
⇒ पूरक परीक्षा केन्द्र की स्थापना हो।
⇒ रोजगारमूलक कम्प्यूटर कोर्स प्रारंभ कराई जाए।
⇒ एनसीसी को पुन: प्रारंभ कराई जाए।
⇒ महाविद्यालय के पुराने भवन का जीर्णोद्धार हो।
⇒ महाविद्यालय के लिए नए भवन की मंजूरी हो।
⇒ प्राध्यापकों के रिक्त पदों की पूर्ति हो।
⇒ पूरक परीक्षा केन्द्र की स्थापना हो।
⇒ रोजगारमूलक कम्प्यूटर कोर्स प्रारंभ कराई जाए।
⇒ एनसीसी को पुन: प्रारंभ कराई जाए।
⇒ महाविद्यालय के पुराने भवन का जीर्णोद्धार हो।
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