बलौदा. जनपद पंचायत बलौदा के अध्यक्ष के ठेकेदार पति ने लाखों का भ्रष्टाचार किया है। इन महाशय ने जनपद क्षेत्र के कई गांवों कें निर्माण कार्यों का ठेका लेकर भर्राशाही की सीमा लांघी है। यही वजह है कि ग्राम मदनपुरगढ़ में दस लाख की लागत से नाली बनकर तैयार भी नहीं हुई है और कई जगह से आपस में जुड़ गई है। वहीं बसंतपुर गांव में संचालित शासकीय हाईस्कूल में दस लाख की लागत से अहाता निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन बमुश्किल पचास फीसदी काम कराकर रकम खत्म होने का हवाला दिया जा रहा है। इसी तरह का हाल सभी निर्माण कार्यों का है। बताया जा रहा है कि गौण खनिज मद से करीब ढाई करोड़ रुपए स्वीकृत हुआ है, जिसमें से करीब 75 लाख रुपए का काम अकेले जपं अध्यक्ष का पति कर रहा है।
सैय्या भये कोतवाल, डर काहे का...वाली कहावत इन दिनों जिले के जनपद पंचायत बलौदा में चरितार्थ हो रही है। यहां की जनपद अध्यक्ष रूक्मणि साहू हैं, लेकिन उनका पति प्रेम साहू अपने पावर का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। बताया जाता है कि गौण खनिज मद से करीब 75 लाख रुपए का काम ठेकेदार प्रेम साहू को मिला है। स्वीकृत रकम से क्षेत्र के ग्राम पंचायत नवागांव, कोसमंदा, कमरीद, बसंतपुर, करमंदा सहित अन्य जगहों में काम चल रहा है। निर्माण कार्यों में लगातार बरती जा रही लापरवाही की शिकायत पर जब ग्राम पंचायत रैनपुर और बसंतपुर का जायजा लिया गया, तब रैनपुर के आश्रित गांव मदनपुरगढ़ में बन रही नाली को देखकर यकीन ही नहीं हुआ। कुछ ग्रामीणों से जब बात की गई तो उन्होंने बेहद नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि नाली अभी बनी भी नहीं है और जगह-जगह से उखड़ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि दो माह पहले ही नाली का निर्माण शुरू हुआ है, लेकिन रेत, सीमेंट आदि की मात्रा में हेरफेर कर काम कराया जा रहा है। इसके कारण कई जगह से नाली आपस में जुड़ गई है, जबकि कई जगह नाली उखड़ रही है। दस लाख रुपए की लागत से बनने वाली इस नाली का निर्माण अभी पूरा भी नहीं हुआ है, जबकि काम भी अर्से से बंद है। उल्लेखनीय है कि अभी इस नाली में एक बूंद पानी की निकासी भी नहीं हुई है, जबकि अभी पूरी बारिश बाकी है। अच्छी बारिश होने की स्थिति में यहां नाली का नामोंनिशान तक नहीं रहेगा, लेकिन इस काम को जनपद अध्यक्ष का पति कर रहा है। इसलिए उसके खिलाफ आवाज उठाने की जहमत ग्रामीण नहीं उठा रहे हैं।
अधूरा अहाता बनवा हजम की राशि
ग्राम पंचायत रैनपुर तथा आश्रित ग्राम मदनपुरगढ़ का निरीक्षण करने के बाद जब ग्राम पंचायत बसंतपुर में चल रहे कार्यों का जायजा लिया गया तो पता चला कि यहां संचालित शासकीय हाईस्कूल में अहाता निर्माण के लिए दस लाख रुपए की मंजूरी मिली है। इस काम को भी जपं अध्यक्ष का पति प्रेम साहू करवा रहे हैं। जब हमने बाउंड्रीवाल को देखा तो महज पचास फीसदी ही काम पूरा हुआ है। इसकी अधिकतम लंबाई दो सौ मीटर से अधिक नहीं होगी। जानकारों के मुताबिक ये काम अधिक से अधिक पांच लाख का ही है, लेकिन ठेकेदार प्रेम साहू ने पूरी राशि अहाता निर्माण में खत्म होने का हवाला देकर निर्माण पूरा कराने से हाथ खड़ा कर दिया है। ऐसे में अहाता का निर्माण पूरा कराने के लिए पंचायत या शिक्षा विभाग को माथापच्ची करना पड़ेगा।
ग्रामीणों ने कहा-कार्य औचित्यहीन
ग्रामीणों का कहना है कि स्कूलों में अहाता का निर्माण इसीलिए कराया जाता है, ताकि बाहरी लोग बेवजह प्रवेश न कर सके। वहीं स्कूल छुटने व लगने से पहले शरारती तत्व स्कूल परिसर में घुसकर उत्पात न मचा सके, लेकिन अधूरा निर्माण होने से इस काम का कोई औचित्य ही नहीं है। इससे अच्छा तो निर्माण ही नहीं करना चाहिए था। ऐसी स्थिति में दस लाख रुपए तो बच जाता, लेकिन जिसकी लाठी उसकी भैस का दौर चले तो कोई क्या कर सकता है।
कराई जा रही है मामले की जांच
मदनपुरगढ़ में बन रही नाली का अवलोकन खुद किया गया है। नाली कई जगह से आपस में जुड़ गई है। इस मामले में जांच कराई जा रही है। इसके अलावा जनपद क्षेत्र में हो रहे अन्य निर्माण कार्यों की यदि शिकायत मिलती है और जांच में शिकायत सही पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ उन मामलों में भी कार्रवाई की जाएगी।
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