मंगलवार, 20 जून 2017

नवागढ़-भठली माइनर नहर में मिला मानव भू्रण, ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने शुरू की छानबीन

जांजगीर-चांपा. शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी जिले में भू्रण हत्या थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को नवागढ़-भठली माइनर नहर में एक मानव भू्रण मिला है। बताया जा रहा है कि नहर के पानी में बहकर आया भू्रण करीब छह माह का है। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। केन्द्र और राज्य सरकार ने भू्रण हत्या पर अंकुश लगाने सख्त कानून लागू किए हैं।

भू्रण हत्या रोकने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसमें लाखों-करोड़ों रुपए फूंके जा रहे हैं, इसके बावजूद जिले में भ्रूण हत्या पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। ताजा मामला नवागढ़ विकासखंड क्षेत्र से संबंधित है। मंगलवार की सुबह ग्राम बरगांव के कुछ लोगों ने नवागढ़-भठली माइनर नहर में छह माह के मानव भू्रण को बहता हुआ देखा। यह खबर आसपास के गांवों में आग की तरह फैल गई और वहां बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठे हो गए। इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई। बताया जा रहा है कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भू्रण को अपने कब्जे में लिया है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। भू्रण को परीक्षण के लिए भेजा जाएगा, जिससे उसके संबंध में आवश्यक जानकारी हाथ लगेगी। वहीं आसपास के क्षेत्र के लोगों से इस संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस का यह भी कहना है कि अवैध संबंध के चक्कर में फंसी किसी युवती अथवा महिला ने लोकलाज के भय से गर्भपात करवाकर भू्रण को नहर में फेंक दिया होगा। फिलहाल, पुलिस ने इस मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
 

प्रतिबंध के बावजूद लिंग परीक्षण

गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग की जांच करना या करवाना कानूनन अपराध है। इस संबंध में प्रभावी कानून में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि शब्दों या इशारों से गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग के बारे में बताना या पता करना, गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग की जांच कराने का विज्ञापन देना, गर्भवती महिला को उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग के बारे में जानने के लिए उकसाना, किसी व्यक्ति द्वारा रजिस्ट्रेशन करवाए बिना प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीएनडीटी) अर्थात अल्ट्रसाउंड इत्यादि मशीनों का इस्तेमाल करना अपराध है। साथ ही सभी जांच केंद्रों के मुख्य स्थान पर यह लिखवाना अनिवार्य है कि यहां पर भू्रण के लिंग की जांच नहीं की जाती, इसके बावजूद जिले में कायदे-कानून की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिले में संचालित कई सोनोग्राफी सेंटरों में खुलेआम लिंग परीक्षण किया जा रहा है। गर्भ में पल रहे भू्रण के लडक़ी होने की खबर पहले से ही पाकर लोग भू्रण हत्या करने अमादा हो रहे हैं।


प्रभावी कानून में यह है प्रावधान

भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाने के संबंध में प्रभावी कानून के अंतर्गत धारा 313 के अनुसार, स्त्री की सहमति के बिना गर्भपात करवाने वाले को आजीवन कारावास या जुर्माने की सजा दी जा सकती है। इसी तरह धारा 314 के तहत् गर्भपात के दौरान स्त्री की मौत होने पर 10 साल का कारावास या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। धारा 315 के अनुसार नवजात को जीवित पैदा होने से रोकने या जन्म के बाद उसको मारने की कोशिश करने का अपराध करने पर 10 साल की सजा या जुर्माना दोनों की सजा हो सकती है।

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