बुधवार, 21 जून 2017

बिरगहनी चौक की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा, एक व्यवसायी ने दुकान निर्माण कराकर दिया किराए पर, शिकायत के बाद भी तहसीलदार नहीं कर रहे कार्यवाही

जांजगीर-चांपा. जिला प्रशासन के मुखिया यानी कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने राजस्व अमले को शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के सख्त निर्देश दिए हैं। कलेक्टर का दावा है कि उनके निर्देश पर राजस्व अधिकारी लगातार शासकीय भूमि को अतिक्रमणमुक्त कर रहे हैं, लेकिन बिरगहनी चौक में स्थित बेशकीमती शासकीय भूमि पर एक व्यवसायी द्वारा किया गया अतिक्रमण कलेक्टर के दावों की पोल खोलने काफी है। दिलचस्प बात यह है कि इस मामले की शिकायत होने के बाद भी जांजगीर तहसीलदार शशि चौधरी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। इससे ऐसा लगता है कि तहसीलदार ने संबंधित व्यवसायी से मिलकर सांठगांठ कर ली है, जिसके कारण इस मामले में हाथ डालने तहसीलदार पीछे हट रहे हैं।

जिला प्रशासन की उदासीनता से जिले में सरकारी जमीन सुरक्षित नहीं है। यही वजह है कि लोग सरकारी जमीन को अपना समझकर बेचने अमादा है। इसी तरह का मामला कुछ दिनों पहले चांपा से लगे ग्राम बिरगहनी में आया है। यहां खसरा नंबर 1131/1 की 10.784 हेक्टेयर सरकारी भूमि अवस्थित है। इस पर एक व्यवसायी द्वारा बेजाकब्जा कर निर्माण कार्य कराने के बाद किराए पर देने की शिकायत सामने आई है। संबंधितों ने अपनी शिकायत में कहा है कि मोहन मित्तल नामक एक व्यक्ति द्वारा बिरगहनी चौक से एनएच 49 होते हुए लछनपुर चौक तक करीब सौ दुकान व मकान निर्माण कराया है। ये सारे निर्माण सरकारी भूमि पर है। संबंधित व्यक्ति द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से बनाई गई दुकान को मोटी रकम लेकर किराए पर दे दी गई है। यहां बताना लाजिमी होगा कि इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने जांजगीर तहसीलदार शशि चौधरी को जांच कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार चौधरी ने अपने अमले के साथ मौका मुआयना कर राजस्व दस्तावेजों का परीक्षण किया, जिससे स्पष्ट हो गया कि वहां अवस्थित शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा का दुकान का निर्माण करवाया गया है। इसके बावजूद तहसीलदार ने अब तक संबंधित के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है। इससे तहसीलदार की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
 

मामला कहीं सेटिंग का तो नहीं!

कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन के निर्देश पर जिले भर में बेजाकब्जा अभियान चलाया जा रहा है। गांवों में अवस्थित 40-50 हजार रुपए कीमती भूमि से अतिक्रमण हटाकर वाहवाही लूटी जा रही है। इस अभियान के नाम पर गरीबों को बेघर किया जा रहा है, लेकिन बिरगहनी चौक में अवस्थित भूमि से अतिक्रमण हटाने मामले में जांजगीर तहसीलदार शशि चौधरी का रवैया अलग प्रतीत हो रहा है। इससे संभावना जताई जा रही है कि तहसीलदार चौधरी ने कलेक्टर के निर्देश को एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल दिया है और संबंधित व्यक्ति से सेटिंग कर अपनी जेबें भर ली है। यही वजह है कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर दुकान व मकान निर्माण करवाने वाला व्यवसायी निश्चिंत होकर मोटी रकम कमा रहा है।
 

तहसीलदार के खिलाफ कई शिकायतें

जिला मुख्यालय जांजगीर में पदस्थ तहसीलदार शशि चौधरी के खिलाफ शिकायतों की अंबार है। कुछ दिनों पहले तहसील क्षेत्र के एक ग्रामीण ने राजस्व मामला निपटाने के एवज में तहसीलदार द्वारा मोटी रकम मांगने की शिकायत कलेक्टर से की थी। ग्रामीण ने बताया था कि रकम नहीं दिए जाने पर उसके राजस्व संबंधी दस्तावेज दुरूस्त नहीं किए जा रहे हैं। इसी तरह कुछ दिनों पहले कुछ विद्यार्थियों ने आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र नहीं बनाने की शिकायत की थी। विद्यार्थियों का आरोप था कि तहसीलदार चौधरी के संरक्षण में उनके मतहत कर्मचारियों द्वारा पिछले दरवाजे से रकम लेकर दस्तावेज जारी किए जा रहे हैं। इनके खिलाफ शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करवाकर मोटी रकम लेने संबंधी दर्जनों शिकायतें सामने आई है।

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