जांजगीर-चांपा. सरकारी दफ्तरों में अब आम जनता को छत्तीसगढ़ी में भी सूचनाएं मिलेंगी। हिंदी और अंग्रेजी के साइन बोर्ड, माइल स्टोन, नाम पट्टिकाएं आदि छत्तीसगढ़ी में भी होंगी। दरअसल हाल ही में केंद्र सरकार ने एक निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि जिन राज्यों में हिंदी प्रथम भाषा के रूप में इस्तेमाल होती है, उनमें माइल स्टोन, दिशा संकेतक, नाम पट्टिका आदि हिंदी और अंग्रेजी के अलावा राज्य की स्थानीय भाषा में भी लिखे जाएं।
राज्य सरकार ने इस संबंध में सभी विभागों को आदेश जारी कर दिया है। ज्ञात हो कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। सरकारी कामकाज में छत्तीसगढ़ी का उपयोग किए जाने के निर्देश हैं। ऐसे में माइल स्टोन और सरकारी बोर्डों में भी छत्तीसगढ़ी का उपयोग किया जाना निश्चित है। यहां बताना लाजिमी होगा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा हिंदी के बाद छत्तीसगढ़ी को द्वितीय राजभाषा बनाने का विधेयक पारित कर चुकी है। सरकारी फाइलों में जरूरत के अनुसार छत्तीसगढ़ी का उपयोग किया जा रहा है। नाम पट्टिकाओं पर भी छत्तीसगढ़ी का उपयोग किया जाना चाहिए।
यह है केंद्र सरकार का फरमान
केंद्र सरकार ने कहा है कि स्वायत्त निकायों, विभागों, संबद्ध कार्यालयों, उपक्रमों, लोक संपर्क रखने वाले संगठनों, रेलवे, भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण, भारत संचार निगम लिमिटेड आदि में यह सुनिश्चित किया जाए कि नाम पट्टिकाएं और सूचनाएं हिंदी और अंग्रेजी के साथ ही स्थानीय भाषाओं में भी हों। यह निर्देश उन राज्यों के लिए बेहद उपयोगी है, जिनकी अपनी लिपि है।
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