नवीन कदम ब्यूरो@चांपा. नगर के बेल्दारपारा स्थित जिस डबरी में डूबकर रथयात्रा के दिन एक मासूम की मौत हुई है, उसके बिल्कुल करीब से मुंबई-हावड़ा रेल लाइन गुजरी हुई है, जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों यात्री और मालगाडिय़ों का परिचालन होता है। रेलवे ट्रेक की ओर जानलेवा डबरी की मिट्टी लगातार धंस रही है, जिसकी शिकायत लोगों ने रेल प्रशासन से की है। बावजूद इसके, रेल प्रशासन बेपरवाह है। यदि समय रहते इस डबरी को नहीं पाटा गया तो रेलवे ट्रेक धंसने से बड़ा हादसा होना तय है।
चांपा शहर के बेल्दारपारा स्थित डबरी में डूबकर दो दिन पहले इसी मोहल्ले के पुनीलाल धीवर के दो वर्षीय पुत्र अभिनव धीवर की मौत हुई थी। मासूम अभिनव पड़ोस के बच्चों के साथ खेलते-खेलते डबरी के पास पहुंचा था और उसमें डूबकर वह मौत की आगोश में समा गया। इस घटना को लेकर मृतक अभिनव के पिता पुनीलाल एवं मोहल्ले के कई लोगों ने रेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। उनका आरोप है कि मुंबई-हावड़ा रेलवे ट्रेक के किनारे स्थित डबरी सालों से यूं ही है। बारिश में डबरी लबालब भरी हुई है। डबरी के आसपास दर्जनों परिवार निवास करते हैं। अधिकांश घरों में छोटे-छोटे बच्चे हैं। इसके बाद भी रेल प्रशासन द्वारा जानलेवा डबरी को नहीं पाटा जा रहा है। आसपास के लोगों ने इस तरह की घटना की पुनर्रावृत्ति होने की आशंका जताई है। ‘दैनिक नवीन कदम’ के ब्यूरो चीफ राजेन्द्र राठौर ने अपनी टीम के साथ मंगलवार को जब मौके पर पहुंचकर इस घटना के संबंध में विस्तृत पड़ताल की तो चौंकानें वाली बातें सामने आई। बेल्दारपारा स्थित जानलेवा डबरी के समीप से ही मुंबई-हावड़ा रेल लाइन गुजरी हुई है, जिसमें चौबीसों घंटे सैकड़ों यात्री और मालगाडिय़ों का परिचालन होता है। पड़ताल में पता चला कि जानलेवा डबरी की मिट्टी मुंबई-हावड़ा रेलवे ट्रेक की ओर लगातार धंसती जा रही है। पिछले तीन-चार दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण डबरी के उसी ओर का हिस्सा बड़े पैमाने पर धंसा है, जिस ओर रेलवे ट्रेक बिछी हुई है। पड़ताल में यह बात भी सामने आई कि डबरी और रेलवे ट्रेक के बीच की मिट्टी धंसने से भूमि खोखली हो गई है। जिस रफ्तार से मिट्टी धंस रही है, यदि वही रफ्तार बरकरार रही तो जल्द ही मुंबई-हावड़ा रेलवे ट्रेक धंस सकता है, जिससे बड़ी घटना संभावित है। आसपास के लोगों की मानें तो जानलेवा डबरी और रेलवे ट्रेक की ओर की मिट्टी धंसने के संबंध में रेल प्रशासन को कई बार मौखिक तौर पर अवगत करवाया जा चुका है, इसके बावजूद रेल अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा हैं। रेल अफसरों की इस लापरवाही से ऐसा लगता है कि उन्हें किसी बड़े हादसे का इंतजार है। बड़े हादसे के बाद ही उनकी कुंभकर्णी निंद्रा टूटेगी। बहरहाल, समय रहते यदि इस ओर सख्त कदम नहीं उठाया गया तो दो दिन पहले जिस डबरी में डूृबकर मासूम की मौत हुई है, वह डबरी मोहल्ले के ही छोटे बच्चों की नहीं, बल्कि मुंबई-हावड़ा रूट पर ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों की भी जान ले सकती है।
नगरपालिका ने खुद को किया किनारा
चांपा के बेल्दारपारा में जिस स्थान पर जानलेवा डबरी स्थित है, वह भूमि रेल प्रशासन के अधीन है। इस वजह से नगरपालिका परिषद ने खुद को किनारा कर लिया है, जबकि मोहल्ले के लोग लगातार नगरपालिका दफ्तर पहुंचकर सीएमओ और अध्यक्ष से उस जानलेवा डबरी को पाटने का आग्रह कर रहे हैं। मगर रेलवे की भूमि होने के कारण पालिका प्रशासन चाह कर भी उस अनुपयोगी डबरी को समतल नहीं करवा पा रहा है। वहीं रेल प्रशासन के पास उस डबरी को पटवाने की फुर्सत नहीं है। इस वजह से बेल्दारपारा के लोगों को परेशानी हो रही है तथा एक मासूम को अपनी जान गंवानी पड़ी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
देश के कई राज्यों में पुराने कुंए और नलकूपों के गड्ढ़ों में गिरकर हुई मासूमों की मौत के प्रकरणों में चिंता जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे जानलेवा गड्ढ़ों को भरने का आदेश जारी किया है। कानून के जानकारों की मानें तो जिला प्रशासन के संज्ञान में लाकर ऐसे जानलेवा गड्ढ़ों को सुरक्षा की दृष्टिकोण से मिट्टी-मुरूम से समतल करवाया जा सकता है, ताकि कोई हादसा न हो। मगर चांपा शहर में स्थित जानलेवा डबरी को पाटने को लेकर रेल व जिला प्रशासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का खुला उल्लंघन किया जा रहा है, जो लोगों की समझ से परे है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें