शुक्रवार, 18 अगस्त 2017

चांपा थानेदार के प्रयास से बुजुर्ग को मिला जीवनदान, कई दिनों से चांपा में भूखा-प्यासा भटक रहा था केरल का बुजुर्ग

राजेन्द्र जायसवाल @ चांपा.  ज्यादातर लोगों का पुलिस के प्रति नजरिया नकारात्मक होता है, लेकिन समाज में यदि पुलिस न हो तो आम लोगों का चैन से जीना दुश्वार हो जाएगा। कई बार पुलिस दूसरों को जीवनदान देने में अहम भूमिका निभाती है। कुछ इसी तरह का वाक्या अभी चांपा में हुआ है। चांपा थाना प्रभारी के प्रयास से एक ऐसे बेनाम शख्स को न केवल जीवनदान मिल गया, बल्कि वो शीघ्र ही बिछड़े अपने परिवार से मिल जाएगा। 

दरअसल, एक बुजुर्ग केरल से भटककर चांपा पहुंच गया था और कई दिनों से भूखे-प्यासे वह दर-दर की ठोखरे खा रहा था। जिस स्थिति में वह मिला, उससे देखकर कोई नहीं कहता कि वह जीवित बच जाएगा। केरल से चांपा पहुंचे 65 वर्षीय बुजुर्ग की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि वह बुजुर्ग केवल केरला और अंग्रेजी भाषा ही समझता है। चांपा थाना प्रभारी केपी मरकाम को शहर के ही आरिफ अंसारी ने कॉल कर सूचना दी कि एक बुजुर्ग बेरियर के पास बने यात्री प्रतिक्षालय में अचेत अवस्था में पड़ा है। सूचना मिलते ही टीआई मरकाम अपना सब काम छोडक़र वहां पहुंच गए। वह बुजुर्ग प्रतीक्षालय में अचेत पड़ा था। उसकी हालत किसी भिखारी से कम नहीं थी। उसके नाक पर चोट लगी थी, जिसमें से खून निकल रहा था। टीआई मरकाम ने उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन उस समय वह बात भी नहीं कर पा रहा था। ऐसे में उन्होंने तत्काल उस बुजुर्ग को बीडीएम अस्पताल में दाखिल कराया। साथ ही अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष श्रीवास्तव से संपर्क कर उसकी अच्छे से देखभाल करते हुए उपचार कराने को कहा। इसके अलावा बुजुर्ग के लिए कपड़े और खाने की भी व्यवस्था की गई। 

सघन उपचार और देखभाल के बाद जैसे ही उस बुजुर्ग की स्थिति सामान्य हुई, तब थाना प्रभारी मरकाम ने एक केरल के व्यक्ति की सहायता से उस बुजुर्ग से बात की, तब पता चला कि वह पलाकड़ पीएमजी स्कूल से रिटायर्ड शिक्षक है। उसका नाम टीएल चेलन (65) है। वह केरल प्रदेश अंतर्गत जिला पलाकड़ के ग्राम पराली का रहने वाला है। उसकी पत्नी प्रेमालथा और पुत्र अमरजीत है। उसके दो भाई और हैं। उनके नाम मध्यान और शिवरमन है। बातचीत में यह भी पता चला कि उसका अपनी पत्नी से तलाक हो गया है और वह अकेले ही रहता है। वह पारिवारिक विवाद के कारण दिल्ली जाने के लिए निकला था, लेकिन वह चांपा पहुंच गया। बुजुर्ग से बातचीत के बाद टीआई ने उसके परिजनों से मोबाइल पर बात कर मामले की पूरी जानकारी दी। उसके परिजन केरल से चांपा आने के लिए निकल गए हैं। जल्द ही वह बुजुर्ग अपने घरवालों से मिल सकेगा। अभी उस बुजुर्ग का उपचार बीडीएम अस्पताल में ही चल रहा है। अब उसकी स्थिति सामान्य है।

ईश्वर का वरदान मानकर सेवा

आज के दौर में लोग आगे निकलने सबको पीछे ढकेल दे रहे हैं। इस दौड़ में कई लोग मदद के लिए गुहार लगाने वालों की भी अनदेखी कर देते हैं, जबकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सहायता की जरूरत वाले लोगों को ईश्वर का वरदान मानकर उसकी सेवा में जुट जाते हैं। इन्हीं लोगों में से एक है आरिफ अंसारी, जिन्होंने समय पर उस मदद की जरूरत वाले अंजान शख्स की जानकारी पुलिस को देकर अपना कर्तव्य निभाया। वहीं टीआई केपी मरकाम, जिन्होंने अपने इस पुनित कार्य से पुलिस के प्रति बनी मानसिकता को बदलने में अहम भूमिका निभाई है। आपकों बता दें कि करीब दो साल पहले गर्मी के दिनों में एक शख्स कोरबा रोड के किनारे कई दिनों से पड़ा था। उसकी खबर मिलते ही टीआई मरकाम ने वहां पहुंचकर उसे अस्पताल पहुंचाया था। वहीं उसके लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई थी। बाद में उसे कोरबा के एक आश्रम में शिफ्ट किया गया था। उस समय भी टीआई मरकाम के प्रयास से उस शख्स को जीवनदान मिला था, नहीं तो 48 डिग्री वाली गर्मी में कई दिनों से भूखे-प्यासे पड़े किसी की भी जान जा सकती है।

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