जांजगीर-चांपा. महानायक अमिताभ बच्चन के टीवी शो कौन बनेगा करोड़पति के लिए सलेक्ट होने के बाद उसमें शामिल होकर लौटी मुंगेली की डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल की मुश्किलें अब टल गई हैं। अनुराधा को अनुमान था कि उन्हें इस शो में हिस्सा लेने में कोई अड़चन नहीं आएगी, लेकिन जब आवेदन के एक महीने बाद उन्हें अनुमति देने से मना कर दिया गया, तब उनकी मुश्किलें बढ़ गई थी। जबकि इस बीच वो शो में शामिल हो चुकीं थीं और उसकी रिकॉर्डिंग भी हो चुकी थी।
कौन बनेगा करोड़पति के लिए सलेक्ट हुई मुंगेली की डिप्टी कलेक्टर एवं सक्ती की बेटी दिव्यंाग अनुराधा अग्रवाल को अमिताभ बच्चन के साथ हॉट सीट पर बैठने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने अनुमति नहीं दी थी। अनुराधा ने इसके लिए आवेदन दिया था। जीएडी ने बिना कोई आधार बताए उनके आवेदन को अमान्य कर दिया था। ताज्जुब है कि सरकार से अनुमति नहीं मिलने का यह पत्र आवेदन देने के एक महीने बाद अनुराधा को मिला। इस समय तक अनुराधा केबीसी शो में शामिल होकर वापस आ चुकी थीं। दरअसल, मुंबई जाने के लिए अनुराधा ने मुंगेली कलेक्टर से अनुमति ली थी। कलेक्टर ने अनुराधा को मुख्यालय छोडऩे की अनुमति तो दे दी, लेकिन केबीसी में भाग लेने की अनुमति संबंधी आवेदन सामान्य प्रशासन विभाग को फारवर्ड कर दिया था। शासन से अनुमति मिलने की उम्मीद में अनुराधा अपनी मां के अंतिम संस्कार के तुरंत बाद मुंबई रवाना हो गई थी और मुंबई पहुंचकर बिग बी के साथ केबीसी खेलने का अपना सालों पुराना सपना पूरा कर लिया। इसके बाद सारी मुश्किलें खड़ी हुई थी।
तीखी प्रतिक्रिया के बाद जागी सरकार
दिव्यांग डिप्टी कलेक्टर अनुराधा के आवेदन को अमान्य करने की सूचना सोशल मीडिया में वायरल होने के साथ ही राज्य सरकार के इस फैसले की जमकर आलोचना होने लगी। आमलोगों के साथ ही राजनीतिक दलों के नेता भी इसकी आलोचना में जुट गए। लोगों ने सोशल मीडिया में कमेंट किया कि रायपुर में तीन साल पहले हुए केबीसी शो में कुछ अधिकारी तो कैमरे के सामने नाचते हुए दिखे थे, जिनके खिलाफ सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन जब एक महिला दिव्यांग अधिकारी अपने राज्य का नाम रोशन करने के लिए इस टीवी शो में जाना चाह रही थी तो सरकार उसे हतोत्साहित क्यों करने लगी। इधर, अनुराधा ने कहा कि जब तक अनुमति नहीं मिलती वो केबीसी में जीते 15 लाख का चेक नहीं भुनाएंगी। आखिरकार सामान्य प्रशासन ने सोमवार को उन्हें अनुमति दे दी।
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