शुक्रवार, 29 सितंबर 2017

मजदूरी दर को लेकर जल्द होगी निर्णायक लड़ाई - दीपक दुबे, राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष की पत्रवार्ता

चांपा. छत्तीसगढ़ में मजदूरों के हित में कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ के भू-विस्थापितों को नौकरी और मुआवजा, विद्युत कंपनी का निजीकरण रद्द करने, पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगाने व उद्योगों पर कार्रवाई, मनरेगा मजदूरी दर 400 रुपए प्रतिदिन करने, आंगनबाड़ी एवं मध्यान्ह भोजन कर्मियों को शासकीय कर्मी घोषित करने, सफाई कर्मचारियों व विभिन्न शासकीय विभागों में कार्यरत मजदूरों को रेग्युलर करने की मांग को लेकर जल्द निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी।

ये बातें राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष दीपक दुबे ने पत्रवार्ता के दौरान कही। दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) का राष्ट्रीय अधिवेशन विगत दिनों धनबाद में हुआ था, जहां कोर कमेटी की बैठक में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर दुबे द्वारा छत्तीसगढ़ मजदूर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष के पद पर मुझे नियुक्त किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करते हुए मजदूर विरोधी बीजेपी सरकार को हटाने राज्य के मजदूरों को संगठित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यहां के मजदूरों का भला नहीं हुआ। छत्तीसगढ़ में मजदूरों की स्थिति दयनीय है। बड़े-छोटे उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों, संगठित-असंगठित श्रमिकों, कंस्ट्रक्शन मजदूरों का शोषण प्रदेश में निरंतर बीजेपी सरकार की शह पर हो रहा है। आधे से भी कम दरों पर मजदूरों से दस-दस, बारह-बारह घंटे काम लिया जा रहा है। मजदूरों की सुरक्षा को नजरअंदाज करते हुए मजदूरों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। 

दुबे ने कहा कि आए दिन प्रदेश के आद्योगिक प्रतिष्ठानों, फैक्ट्रियों में दुर्घटना हो रही है, जिसमें मजदूर की असमय मृत्यु हो रही है। मजदूरों को पीएफ, इएसआई का लाभ नहीं दिया जा रहा है और न ही मृत मजदूर के परिवारों को कोई आर्थिक मदद मिल रही है। प्रदेश में मजदूरों की स्थिति बहुत दयनीय है, जिसको सुधारने, केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मजदूरी सभी वर्ग के मजदूरों को दिलाए जाने के लिए प्रयास करते हुए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। दुबे ने कहा कि राज्य श्रम विभाग ने छत्तीसगढ़ में न्यूनतम वेतन 9 हजार 100 रुपए किया गया था, जिसके तहत स्टील प्लांट, स्पंज आयरन, रोलिंग मिल, पॉवर प्लांट के साथ ही शिक्षण संस्थानों, दुकानों, भवन निर्माण अन्य संस्थाओं व स्थानों पर काम कर रहे लोगों के लिए तय मजदूरी की दरों में बढ़ोतरी की गई थी। उच्च कुशल, कुशल, अद्र्धकुशल और अकुशल श्रेणी के लोगों के लिए मजदूरी की अलग-अलग दरें तय की गई थी, जिसमें शहरी, ग्रामीण और कस्बाई इलाकों के मजदूरों के लिए श्रम विभाग ने सेक्युलर जारी कर दरों की बढ़ोत्तरी कर अकुशल श्रमिक को प्रतिमाह 9 हजार 620 रूपए, अद्र्धकुशल श्रमिक को 10 हजार 270 रुपए, कुशल श्रमिक को 11 हजार 50 रुपए, उच्च कुशल श्रमिक को 11 हजार 830 रुपए देना तय किया गया, जिस पर आदेश के एक महीने बाद 1 मई को श्रम विभाग ने नया आदेश जारी किया, जिसके मुताबिक बढ़ी हुई मजदूरी घटाकर अकुशल को 8 हजार 320 रुपए, अद्र्धकुशल को 8 हजार 970 रुपए, कुशल को 9 हजार 750 रुपए, उच्च कुशल को 10 हजार 530 रुपए देने का फैसला किया गया। 

इससे श्रमिकों की मजदूरी एक हजार 300 रुपए काम हो गई। सरकार के दबाव में श्रम विभाग द्वारा लिए गए  इस फैसले की वजह से प्रदेश के मजदूर परेशान हैं। बढ़ती महंगाई के दौर में सरकार धूप-छांव का खेल खेल रही है। कभी मजदूरी बढ़ा दी जाती है और मन में आया तो घटा दी जाती है। दुबे ने कहा कि राज्य के मजदूरों का सरकार से भरोसा उठ गया है। श्रम विभाग के निर्धारित मजदूरी दर को बीजेपी सरकार ने एक महीना में ही मजदूर दिवस के दिन कम करके श्रमिकों के अहित में फैसला लेते हुए उद्योगपतियों को बढ़ावा देने का काम किया है, जिसे अब अक्टूबर में न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत पुनर्निर्धारण किया जा रहा है, जिसका हम विरोध करते हैं। 

राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस द्वारा श्रमिकों के हित में अकुशल श्रमिक की न्यूनतम मजदूरी 14 हजार रुपए, अद्र्धकुशल श्रमिक की 15 हजार 400 रुपए और कुशल श्रमिकों की 17 हजार रुपए तथा उच्च कुशल श्रमिकों की 20 हजार रुपए करने की मांग पर आंदोलन कर मजदूरी दर बढ़ाने सहित मजदूरों की सुरक्षा, सभी मजदूरों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने, समाजिक सुरक्षा पेंशन, चिकित्सा व्यवस्था, मजदूरों का पीएफ और ईएसआई समय पर कटने, मजदूरों की मजदूरी का भुगतान बैंक से ही करने की मांग की जाएगी।  पत्रकारवार्ता में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पांडे, राहुलराज पांडे, शोभित श्रीवास, आलोक सोनवानी, युवा प्रदेश महामंत्री मनीष राव सरोसे, उमेश रगड़े, मनीष शर्मा, मुकेश ठाकुर, राजेश ठेठवार, कन्हैया शर्मा, हेमंत पटेल, राकेश साहू, रामगोपाल साहू, उत्तम शर्मा, चैतु यादव, निरंजन सिंह, चंद्रशेखर पांडे व राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के अन्य पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।

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