जांजगीर-चांपा. जिले के जनपद पंचायत नवागढ़ को खुले में शौचमुक्त बनाने की प्रशासनिक कवायद तेज हो गई है। जिले के मिशन 07-11 के तहत जनपद पंचायत नवागढ़ के 77 ग्राम पंचायतों में 1700 राजमिस्त्री 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक सात दिवस के भीतर 11 हजार शौचालय का निर्माण करेंगे। एक साथ शौचालय निर्माण से 18 करोड़ रुपए की शासकीय राशि की बचत होगी। शौचालय निर्माण के दौरान गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान रखा जाएगा, ताकि हितग्राही योजना के तहत निर्मित शौचालय का बेहतर उपयोग कर सकें।
ये जानकारी कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने सोमवार को जिला पंचायत सभाकक्ष में पत्रकारों को दी। इस दौरान जिला पंचायत के सीईओ अजीत वसंत भी मौजूद थे। कलेक्टर डॉ. भारतीदासन ने बताया कि प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप स्वच्छ भारत अभियान के तहत अब तक जिले के जनपद पंचायत मालखरौदा, पामगढ़, अकलतरा और बम्हनीडीह को खुले में शौचमुक्त किया जा चुका है। जनपद पंचायत बलौदा ओडीएफ होने के कगार पर है। जिले में सबसे पहले जनपद पंचायत मालखरौदा को ओडीएफ जनपद का दर्जा मिला, इसके बाद पामगढ़ और अकलतरा जनपद ओडीएफ घोषित हुए। इसी क्रम में बम्हनीडीह ओडीएफ हुआ और उसके बाद अब बलौदा जनपद ओडीएफ घोषित होने वाला है। जिले के शेष चार जनपद पंचायत जैजैपुर, नवागढ़, डभरा और सक्ती को अब खुले में शौचमुक्त करने की कवायद की जा रही है। मिशन 07-11 के तहत सबसे पहले जनपद पंचायत नवागढ़ को ओडीएफ का दर्जा दिलवाने के लिए चुना गया है।
इसी के मद्देनजर पिछले दिनों ग्राम पंचायत केरा में एक कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों को शौचालय के प्रति जागरूक किया गया। इस दौरान ग्रामीणों के साथ मिलकर शौचालय के लिए एक हजार गड्ढे खोदे गए, जिसमें संसदीय सचिव अंबेश जागड़े सहित प्रशासनिक अफसरों ने भी सहभागिता निभाई। उस कार्यक्रम के दौरान ग्रामीणों में खासा उत्साह दिखा, जिसके कारण नवागढ़ जनपद क्षेत्र को खुले में शौचमुक्त बनाने की कवायद तेज की गई है। कलेक्टर ने बताया कि जनपद पंचायत नवागढ़ के 16 ग्राम पंचायत खुले में शौचमुक्त हो चुके हैं। शेष 77 ग्राम पंचायतों को खुले में शौचमुक्त किया जाना है, जिसके लिए पांच जोन बनाए गए हैं। बलौदा, पामगढ़, अकलतरा, बम्हनीडीह और मालखरौदा के जनपद सीईओ को जोन प्रभारी नियुक्त कर उन्हें शौचालय निर्माण करवाने का दायित्व सौंपा गया है।
किसी जोन में 13 ग्राम पंचायत शामिल हैं तो किसी में 16 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। सबसे अधिक 27 ग्राम पंचायत जोन क्रमांक पांच में शामिल किए गए हैं। इस जोन के प्रभारी का दायित्व जनपद पंचायत नवागढ़ की सीईओ अभिलाषा पैकरा को सौंपा गया है। वहीं मिशन समन्वयक के रूप में जनपद पंचायत बलौदा के सीईओ आशीष देवांगन तथा जिला समन्वयक अमित यादव को विशेष दायित्व सौंपा गया है। उन्होंने आगे बताया कि मिशन 07-11 के तहत 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक अभियान चलाकर जनपद पंचायत नवागढ़ में 11 हजार शौचालय के निर्माण का प्रयास किया जाएगा। केन्द्र और राज्य शासन की मंशा है कि स्वच्छ भारत मिशन को जन आंदोलन के रूप में अपनाया जाए। इसी के अनुरूप नवागढ़ में सात दिन में सौ प्रतिशत गुणवत्तायुक्त 11 हजार शौचालय बनाने की योजना तैयार की गई है। इस कार्य में यदि सरपंच और सचिव की मदद की आवश्यकता होगी तो उनसे बात की जाएगी।
जिला पंचायत सीईओ वसंत ने बताया कि 31 दिसम्बर से पहले जांजगीर-चांपा जिले को ओडीएफ किया जाना है। जनपद पंचायत नवागढ़ के 77 ग्राम पंचायतों में एक साथ शौचालय निर्माण से करीब 18 करोड़ रुपए की शासकीय राशि की बचत होगी। इस कार्य में रोजगार सहायक, तकनीकी सहायक और प्रेरक का सहयोग लिया जा रहा है। जिले में मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना के तहत सबसे ज्यादा राजमिस्त्री कार्य में यहां के युवाओं को प्रशिक्षण मिला है, जिन्हें इस कार्य से जोड़ा जाएगा।
65 लाख ईंट बनकर तैयार
कलेक्टर डॉ. भारतीदासन ने बताया कि जनपद पंचायत नवागढ़ के 77 ग्राम पंचायतों में 11 हजार शौचालय निर्माण के लिए कुल एक करोड़ 30 लाख ईंट की आवश्यकता होगी, जिसके विरूद्ध अब तक 65 लाख ईंट बनकर तैयार हो चुका है। शेष ईंट के लिए एनटीपीसी सीपत और एनटीपीसी कोरबा के महाप्रबंधक से चर्चा की गई है। वहां रोजाना 50 हजार फ्लाईएश का निर्माण होता है। वहां की ईंट गुणवत्तायुक्त है। ऐसे में कहीं कोई समस्या नहीं आएगी।
जनआंदोलन का दिया रूप
कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह एक जनआंदोलन है, जो अकेले जिला प्रशासन के प्रयास से कारगर नहीं होगा। इसमें हितग्राही से लेकर उन सभी के सहयोग की आवश्यकता होगी, जो इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि ग्रामीण पीने और नहाने के लिए पानी की व्यवस्था कर सकते हैं तो शौचालय के उपयोग के लिए पानी की व्यवस्था करना कोई बड़ी बात नहीं है। शौचालय के प्रति लोगों में जागरूकता जरूरी है। लोगों को जागरूक होना ही पड़ेगा।
मायने नहीं रखता अवार्ड
एक सवाल के जवाब में कलेक्टर डॉ. भारतीदासन एवं जिपं सीईओ वसंत ने कहा कि देश भर में शौचालय और खुले में शौचमुक्त करने को लेकर अभियान चल रहा है तो हम आखिर क्यों पीछे रहे। यदि थोड़े प्रयास से जनपद पंचायत से संबद्ध सभी ग्राम पंचायत खुले में शौचमुक्त हो जाते हैं तो इसमें हर्ज ही क्या है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण पर इसलिए जोर दिया जा रहा है, ताकि ग्रामीणों में जागरूकता आए। हमें अवार्ड से मतलब नहीं है। एक बात जरूर है कि यदि हम इस कार्य में सफल हो जाते हैं और कोई अवार्ड मिलता है तो वह जिला प्रशासन ही नहीं, बल्कि जिलेवासियों के लिए गर्व की बात होगी।
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