जांजगीर-चांपा. पेंट्री कार और स्टॉल संचालक अब यात्रियों को परोसे जाने वाले खानपान में बदमाशी नहीं कर सकेंगे। रेलवे बोर्ड ने उन पर शिकंजा कसने फरमान जारी किया है। इसके तहत खाना और नाश्ते के पैकेटों में सप्लायर का नाम, पैकिंग की तारीख, वजन व वेज-नानवेज का उल्लेख करना पड़ेगा। चेयरमैन अश्विनी लोहानी के इस आदेश का हवाला देते हुए एडिशनल मेंबर ट्रैफिक एंड कैटरिंग संजीव गर्ग ने सभी जोन के जनरल मैनेजर को निर्देश करते हुए इस व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए कहा है, ताकि रेलवे में खानपान की क्वालिटी पर सुधार आ सके।
उल्लेखनीय है कि कैग की रिपोर्ट में खानपान के घटिया होने की जानकारी मिली थी। इसके अलावा ऐसा कोई दिन नहीं जब ट्रेन में पेंट्रीकार व स्टेशन में स्टॉल की शिकायत नहीं होती है। यह अकेले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की स्थिति नहीं है बल्कि, भारतीय रेलवे जोन के हर स्टेशनों का यही हाल है। पैकेट बंद नाश्ता व खाने में पैकिंग की तारीख से लेकर कई प्रमुख जानकारियां, जो यात्रियों के लिए जरूरी है उसका अभाव रहता था। इसे लेकर रेलवे बोर्ड स्तर पर मंथन हुआ। साथ ही इस व्यवस्था को बेहतर करने पैकेट पर चार बिंदुओं पर जानकारी अंकित करने का निर्णय लिया गया है। सप्लायर या कांट्रेक्टर का नाम होने से यात्री सीधे नामजद शिकायत कर सकते हैं। सप्लायर के मन में भी इस बात का भय रहेगा। ज्ञात हो कि सप्लायर या कांट्रेक्टर अक्सर वजन में कांटा मारते हैं। सबसे बड़ी लापरवाही वेज व नानवेज पैकेट को लेकर होती है। सफर के दौरान अक्सर यात्री जल्दबाजी में रहते हैं। भीड़ देखकर स्टॉल के कर्मचारी हाथ में जो पैकेट आता है, थमा देते हैं। यह भी नहीं देखते हुए वेज या नानवेज। इन्हीं शिकायतों के मद्देनजर नई व्यवस्था लागू की जा रही है।
नहीं माने तो कड़ी कार्रवाई
बोर्ड ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यह यात्रियों की सुविधा के तहत है। इसके लिए स्टॉल संचालकों पर अतिरिक्त भार भी नहीं पड़ेगा। इसलिए सभी को इसका पालन करना अनिवार्य है। इसके बाद भी यदि लापरवाही हुई तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जुर्माने के साथ ठेका भी रद्द हो सकता है।
ओवरचार्ज पर किया सचेत
बोर्ड से जारी गाइडलाइन में एक बिंदु ओवरचार्जिंग को लेकर भी है। इसमें सभी स्टॉल संचालक, कर्मचारी, पेंट्रीकार कर्मचारियों को सचेत किया है कि यह सबसे बड़ी लापरवाही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बेहतर होगा कि प्रिंट रेट के हिसाब से यात्रियों से कीमत ली जाए। इससे एक रुपए अधिक लेने की शिकायत पर बड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें