राजेंद्र राठौर@जांजगीर-चांपा. प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह ने कहा कि कांग्रेसी कहते हैं कि राज्य सरकार को बोनस देना होगा, देना होगा। अरे भाई, राज्य सरकार बोनस दे तो रही है, यदि आप भी किसान हैं और बोनस की पात्रता रखते हैं तो आकर ले जाइए, इसमें हल्ला-गुल्ला और शोर-शराबा करने की जरूरत ही क्या है। डॉ. रमन ने मंच से सवाल किया कि कांग्रेस सरकार ने क्या अपने कार्यकाल में कभी बोनस दिया, यदि नहीं तो उसे भाजपा सरकार की किसान हितैषी योजनाओं का दुष्प्रचार करने का अधिकार किसने दिया है?
जिला मुख्यालय जांजगीर के हाईस्कूल मैदान में सोमवार को आयोजित बोनस तिहार
समारोह को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने कांग्रेस पर
सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार सभी वर्ग के हितों को ध्यान में रख योजनाएं चला रही है। छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की सरकार थी, उस समय करीब 55 प्रतिशत बेटियां ही स्कूल जाती थीं। क्योंकि उनके पास दूर-दराज में संचालित स्कूल आने-जाने के लिए कोई साधन नहीं था, लेकिन आज 98 फीसदी बेटियां हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी और कॉलेजों में पहुंचकर पढ़ाई करते हुए अपना भविष्य संवार रही हैं। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण सरकार की सरस्वती साइकिल योजना है, जिसने बेटियों के भविष्य का द्वार खोला है। सरकारी साइकिल योजना का लाभ मिलने से बेटियों को न केवल आवागमन में सुविधा मिल रही है, बल्कि अब वे मन लगाकर पढ़ाई करते हुए प्रदेश और देश का नाम भी रौशन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं से आज सभी वर्ग का विकास हुआ है। बात चाहे नि:शुल्क सिलाई मशीन योजना की हो या फिर कन्यादान योजना की। इन सभी योजनाओं की बदौलत आज भाजपा सरकार प्रदेश के जन-जन के दिल में रची-बसी है।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि जांजगीर-चांपा जिले में पहली बार दीनदयाल उपाध्याय अन्न योजना लागू की जा रही है। इस योजना के तहत मजदूरों को पांच रुपए की लागत में 18 रुपए की कीमत का स्वादिष्ट और गर्म खाना मिलेगा। इस योजना से मजदूर खुशहाल होंगे। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब किसानों को 16 प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण मिलता था, जिसे भाजपा सरकार ने अपने प्रथम कार्यकाल में 14 प्रतिशत किया। इसी तरह दूसरे कार्यकाल में 8 प्रतिशत, फिर 3.5 प्रतिशत किया गया। वर्तमान में प्रदेश के लाखों किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण दिया जा रहा है। इसी तरह प्रत्येक किसान को साढ़े सात हजार यूनिट बिजली मुफ्त में दी जा रही है। इसके पीछे एक हजार 700 करोड़ रुपए का सरकारी बजट खर्च हो रहा है, फिर भी डॉ. रमन निश्चिंत हैं, क्योंकि इस योजना से किसानों का हित जुड़ा हुआ है। आज सौर सुजला योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। किसान अपने खेतों में सोलरपंप लगाकर समृद्ध बन रहे हैं, वह पंप जो सरकार सब्सिडी पर दे रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की बेटी-बहनों की चिंता करते हैं। इसीलिए उन्होंने उज्ज्वला योजना शुरू की है, इससे महिलाओं को जहां चूल्हा फूंकने तथा धुएं से राहत मिली है। वहीं हर साल ढाई हजार करोड़ पेड़ कटने से बचे हैं। इस योजना के तहत अब तक देश भर में 36 लाख महिलाओं को 200 रुपए की न्यूनतम दर में गैस चूल्हा सेट उपलब्ध करवाया गया है। जांजगीर-चांपा जिले में ही इस योजना से अब तक एक लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। आगामी वर्ष में एक लाख से अधिक महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलना है। इसी तरह अब तक 11 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल चुका है। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई परिवार न बचे, जिसे आवास योजना का लाभ न मिले। वे चाहते हैं कि घर-घर बिजली हो। इसी तरह बेटियों को बढ़ावा देने के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया गया है, यह सब आमजनता के हित से जुड़ी योजनाएं हैं, जिसका हर किसी को लाभ मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार कृषि के क्षेत्र में लगातार काम कर रही है। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए ऐसी योजनाएं बनाई गई हैं कि उन योजनाओं के क्रियान्वयन से प्रदेश के किसान वर्ष 2022 तक अपनी आमदनी दुगुना कर सकेंगे। किसान केवल खेती पर निर्भर न रहे, इस मकसद से नगदी फसल, पशुपालन सहित अन्य रोजगार के अवसर किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे किसानों की आमदनी निश्चित रूप से दुगुनी होगी। प्रदेशवासियों को स्मार्टकार्ड के जरिए मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। पहले स्मार्ट कार्ड से 30 हजार तक का उपचार होता था, जो अब बढक़र 50 हजार रुपए हो गया है। इस बार प्रदेश के 13 लाख 50 हजार किसानों ने फसल बीमा करवाया है। मौसम प्रतिकूल है, जिससे किसान परेशान जरूर हैं, किन्तु ऐसी घड़ी में रमन सरकार आप सबके साथ है। प्रदेश में कुपोषण के प्रतिशत में भारी गिरावट आई है, जो हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है।
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