मंगलवार, 5 दिसंबर 2017

सूदखोर की प्रताडऩा से त्रस्त किसान ने की खुदकुशी, फसल बर्बाद होने से मानसिक रूप से परेशान था किसान

बाराद्वार. शासन-प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी जिले समेत समूचे प्रदेश में सूदखोरी का काला कारोबार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ दिनों पहले जहां ग्राम कुरदा (चांपा) निवासी किसान जगदीश बघेल ने सूदखोरों की प्रताडऩा से परेशान होकर कलेक्टर जनदर्शन में मौत को गले लगाया था। वहीं अब बाराद्वार थाना क्षेत्र के ग्राम आमापाली के एक किसान ने सूदखोर की प्रताडऩा से त्रस्त होकर खुदकुशी की है। 

जानकारी के अनुसार, बाराद्वार थाना अंतर्गत ग्राम आमापाली निवासी किसान गोपाल पटेल (55) पिता बालाराम पटेल ने एक वर्ष पहले बच्चों की शादी के लिए साहूकारों से कर्ज में रुपए लिए थे। इस दौरान उसने फसल बेचकर कर्ज लौटाने की बात कही थी, लेकिन इस वर्ष उसकी खड़ी फसल में भूरा माहो एवं कटवा लग गया, जिसके कारण किसान गोपाल की पूरी फसल बर्बाद हो गई। इसके चलते वह मानसिक रूप से परेशान था। वहीं साहूकार उससे आए दिन पैसे की मांग करते थे, जिसे लेकर वह मानसिक अवसाद में था। बीती रात परिवार के साथ भोजन करने के बाद वह अपने कमरे में सोने चला गया। रात लगभग दस बजे किसान गोपाल ने कीटनाशक का सेवन कर लिया। इसके बाद जोर-जोर से चीखने लगा। परिजनों ने जब चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनी, तब वे किसी अनहोनी की आशंका से गोपाल के कमरे में पहुंचे। 

परिजनों ने वहां पहुंचकर देखा कि गोपाल के मुंह से झाग निकल रहा है, तब उन्होंने उसे तत्काल सक्ती स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया, जहां इलाज के दौरान गोपाल की मौत हो गई। इसकी सूचना मृतक गोपाल के पुत्र संतराम पटेल द्वारा सक्ती पुलिस को दी गई, जिस पर मर्ग कायम कर शून्य में डायरी बाराद्वार थाना भेजी गई। प्रकरण में विवेचना सक्ती थाने में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक अंजोरसिंह श्रोते एवं आरक्षक वेदप्रकाश द्वारा की गई। बहरहाल, जिले के किसानों द्वारा सूदखोरों की प्रताडऩा से त्रस्त होकर की जा रही खुदकुशी के मामलों में सरकार की योजनाओं एवं दावों की पोल खोलकर रख दी है। वहीं सख्त कार्यवाही नहीं होने से सूदखोरों और साहूकारों के हौसले बुलंद हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें