जांजगीर-चांपा. जिला औषधि विक्रेता संघ के अधिकांश पदाधिकारियों ने संघ के जिलाध्यक्ष नरेन्द्र पालीवाल पर निष्क्रियता का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने जिलाध्यक्ष पालीवाल से तत्काल इस्तीफे की मांग की है। पदाधिकारियों का कहना है कि अध्यक्ष द्वारा इस्तीफा नहीं दिए जाने पर वे आमरण अनशन करने बाध्य होंगे।
जिला औषधि विक्रेता संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि उन्होंने जिला मुख्यालय जांजगीर के दवा व्यवसायी नरेन्द्र पालीवाल पर विश्वास जताते हुए उन्हें संघ का जिलाध्यक्ष चुना था। शुरूआत में उनकी कार्यशैली ठीक थी, लेकिन पिछले कुछ समय से वे अपने दायित्वों को लेकर निष्क्रिय हो गए हैं। इसी बात का फायदा प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उठाया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारी जब चाहे, तब दवा दुकानों में छापामार कार्यवाही कर व्यापारियों को भयभीत करते रहते हैं। इसकी जानकारी जिलाध्यक्ष पालीवाल को कई बार दी जा चुकी है, लेकिन उनके द्वारा इस दिशा में कोई पहल ही नहीं की गई। पदाधिकारियों का कहना है कि जिले में 565 दवा दुकानें संचालित हैं, जिनके संचालकों के मन में हमेशा प्रशासन की छोटी-बड़ी कार्यवाही का भय बना रहता है, जबकि ऐसी स्थिति में दवा व्यवसायियों को सुरक्षा प्रदान कराते हुए उनका पक्ष शासन-प्रशासन के समक्ष रखने की जवाबदारी जिलाध्यक्ष पालीवाल की बनती है, लेकिन वे अपने दायित्वों को लेकर पूर्णतया निष्क्रिय हैं, जिसका खामियाजा दवा व्यवसायियों को आए दिन भुगतना पड़ रहा है। संघ के पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष पालीवाल से तत्काल इस्तीफे की मांग की है।
कोषाध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
जिला औषधि विक्रेता संघ के जिलाध्यक्ष नरेन्द्र पालीवाल की निष्क्रियता और पक्षपाती रवैये से जिलेभर के दवा व्यवसायी परेशान हैं। वहीं जिलाध्यक्ष पालीवाल की कार्यशैली से नाराज होकर जिला औषधि विक्रेता संघ के कोषाध्यक्ष पद से हरीश सितलानी और उपाध्यक्ष पद से अनिल चंदानी ने इस्तीफा भी दे दिया है। इन दोनों व्यवसायियों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारी एक ओर जहां जांच के नाम पर जिले भर के दवा कारोबारियों को बेवजह परेशान कर रहे हैं। वहीं संघ के जिलाध्यक्ष पालीवाल दवा कारोबारियों के पक्ष में खड़ा रहकर उन्हें सुरक्षा दिलवाने के बजाय निष्क्रिय बने बैठे हैं। दोनों कारोबारियों का कहना है कि निष्क्रिय जिलाध्यक्ष के साथ संगठन में रहने से अच्छा तो स्वतंत्र रहना बेहतर है।
संघ के सचिव की कार्यशैली पर सवाल
औषधि विक्रेता संघ के पदाधिकारियों ने संघ के सचिव की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं। पदाधिकारियों का आरोप है कि संघ के सचिव दीपक अग्रवाल चुनाव जीतने के बाद से बिलासपुर में निवास करने लगे हैं। इस वजह से संघ का कार्य खासा प्रभावित हो रहा है। वहीं ऐसी परिस्थिति में बड़ी उम्मीद के साथ निर्वाचन में शामिल होने वाले सदस्यों में असंतोष व्याप्त है। पदाधिकारियों का यह भी आरोप है कि अध्यक्ष और सचिव की निष्क्रियता के कारण संघ की गतिविधियां पूरी तरह से ठप है।
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