जांजगीर-चांपा. सक्ती में अवस्थित मरघट भूमि पर रसूखदार से लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के कई नेताओं ने कब्जा कर रखा है, इस बात का खुलासा बुधवार को तब हुआ, जब एसडीएम की उपस्थिति में राजस्व विभाग की टीम ने उक्त भूमि का सीमांकन किया। इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में शहरवासी मौजूद थे, जिन्होंने सीमांकन करने के लिए पहुंची टीम की एक-एक गतिविधियों पर पैनी नजर रखी। सक्ती एसडीएम का कहना है कि सीमांकन के बाद मरघट भूमि पर अनाधिकृत कब्जा करने वालों को तत्काल बेदखली का आदेश दिया गया है। इसके बाद भी यदि संबंधित लोग मरघट भूमि से कब्जा नहीं छोडऩे हैं तो उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
दरअसल, सक्ती में अवस्थित मरघट भूमि खसरा नंबर क्रमश: 1213/1, 1213/2, 1213/3, रकबा क्रमश: 1.00, 0.27, 8.00 एकड़ कुल करीब साढ़े 10 एकड़ भूमि पर भूमाफियाओं ने अनाधिकृत कब्जा कर लिया है, जिससे शहरवासियों को कफन-दफन के लिए जमीन नसीब नहीं हो रही है। यह मामला तब तूल पकड़ा, जब पिछले दिनों एक बच्ची की मौत हो गई, जिसके कफन-दफन के लिए जमीन नहीं मिली। इस बात की जानकारी जब नगर के कुछ जागरूक लोगों को हुई, तब उन्होंने शहर में अवस्थित मरघट भूमि के संबंध में राजस्व अधिकारियों से जानकारी मांगी। राजस्व अधिकारियों ने जो जानकारी दी, उसके अनुसार शहर में साढ़े दस एकड़ मरघट भूमि सुरक्षित रखी गई है, लेकिन जिस जगह मरघट भूमि अवस्थित होना बताया गया, असल में वहां भू-माफियाओं ने लंबे समय से कब्जा कर रखा है। इस खुलासे के बाद उन्हीं जागरूक लोगों ने बैठक आयोजित कर मुक्तिधाम संरक्षण समिति का गठन किया और शहर में अवस्थित मरघट तथा घास मद में दर्ज भूमि में हुए अतिक्रमण को जड़ से समाप्त करने का बीड़ा उठाया। इसी बीच मुक्तिधाम संरक्षण समिति सक्ती के अध्यक्ष संजय रामचंद्र ने नगर की मरघट भूमि के सीमांकन के लिए सक्ती के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया, जो अग्रिम कार्यवाही के लिए तहसीलदार को प्राप्त हुआ, जिसके परिपालन में तहसीलदार ने संबंधित भूमि के सीमांकन के लिए सक्ती के राजस्व निरीक्षक बुधवार सिंह सिदार के नेतृत्व में पटवारी भुवेश्वर राठौर, केशव पटेल, खगपति साहू, धनेश कुर्रे तथा प्रमोद कश्यप की टीम गठित की।
तहसीलदार द्वारा नियत तिथि के तहत 20 दिसम्बर की सुबह 10 बजे राजस्व विभाग की टीम सीमांकन करने के लिए मौके पर पहुंची। इस दौरान सक्ती एसडीएम इंद्रजीत बर्मन और तहसीलदार भी मौके पर मौजूद थे। मरघट भूमि पर अनाधिकृत कब्जा करने वाले कुछ रसूखदार लोगों ने सीमांकन शुरू होने से पहले हंगामा किया, जिसके कारण करीब दो घंटे बाद यानी दोपहर 12 बजे सीमांकन कार्य प्रारंभ करने की घोषणा एसडीएम बर्मन ने की, तब तक वहां मुक्तिधाम संरक्षण समिति सहित शहर के सैकड़ों लोग पहुंच गए थे। सीमांकन कार्य शुरू होने से पहले मुक्तिधाम संरक्षण समिति के पदाधिकारियों द्वारा मरघट भूमि से संबंधित एक डेमो का प्रदर्शन किया गया, जिसके बाद सीमांकन की प्रक्रिया विधिवत् प्रारंभ हुआ। राजस्व विभाग की टीम ने जब-जब एक-एक इंच जमीन की नापजोख की, तब मरघट भूमि पर अनाधिकृत कब्जा करने वाले कई नामी चेहरे सामने आए, जिसमें व्यापारी नेता से लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधि के नाम भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि दोपहर 12 बजे से प्रारंभ हुआ सीमांकन कार्य शाम करीब पांच बजे तक जारी रहा, तब तक शहर के सैकड़ों लोग वहां डटे हुए थे। वहीं उक्त जमीन पर अनाधिकृत कब्जा करने वाले लोग दूर से ही वस्तुस्थिति की जानकारी ले रहे थे। सक्ती एसडीएम ने बताया कि मरघट भूमि पर जिन रसूखदार लोगों ने अनाधिकृत कब्जा किया है, उन्हें तत्काल कब्जा छोडऩे का आदेश दिया गया है। इसके बाद भी वे कब्जा नहीं छोड़ते हैं तो उच्चाधिकारियों से दिशा-निर्देश प्राप्त कर उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
एडीएम के स्थगन आदेश को लेकर बवाल
मुक्तिधाम संरक्षण समिति के आवेदन पर विचार करते हुए सक्ती तहसीलदार ने सीमांकन के लिए 20 दिसम्बर की तिथि निर्धारित की थी। इस बात की जानकारी मरघट भूमि पर अनाधिकृत कब्जा करने वालों को भी थी। इसलिए वे तरह-तरह के प्रपंच रचकर सीमांकन कार्य रूकवाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन अंतिम तक जब उनकी एक भी चाल सफल होती नहीं दिखी तो कुछ लोगों ने सीमांकन के एक दिन पूर्व ही अतिरिक्त कलेक्टर के न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया, जिसका खुलासा बुधवार को सुबह 10 बजे सीमांकन कार्य प्रांरभ होने से ठीक पहले हुआ, तब मुक्तिधाम संरक्षण समिति के साथ ही शहरवासियों ने एसडीएम पर दबाव बनाया। बताया जा रहा है कि लोगों के बढ़ते दबाव को देखते हुए एसडीएम ने वस्तुस्थिति से तत्काल कलेक्टर को अवगत कराया, जिसके बाद उनसे दिशा-निर्देश प्राप्त कर सीमांकन प्रारंभ करवाया गया। इस दौरान जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली को लेकर शहरवासी उग्र हो रहे थे, लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि कलेक्टर ने स्थगन आदेश रद्द कर दिया है, तब वे शांत हो गए।
राजस्व विभाग की टीम पर भडक़े लोग
बताया जा रहा है कि सीमांकन की प्रक्रिया जब प्रारंभ हुई, तब राजस्व विभाग की टीम ने सीमांकन में गड़बड़ी करने का प्रयास किया, लेकिन समय रहते इस बात की खबर लोगों तक पहुंच गई। संदेहवश कुछ लोगों ने जब चैन की कडिय़ों को गिनकर देखा तो कडिय़ा कम मिली, जिसे लेकर मौके पर मौजूद लोगों ने जमकर बवाल किया। इस बीच वहां एसडीएम भी पहुंच गए, जिन्होंने लोगों को शांत करवाकर नियम के तहत ही सीमांकन कार्य करने का भरोसा दिलाया। इसके बाद जब टीम ने एक-एक इंच जमीन की नापजोख की तो मरघट भूमि पर अनाधिकृत कब्जा करने वाले एक व्यापारी नेता से लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधियों के चेहरे सामने आ गए। बताया यह भी जा रहा है कि उक्त व्यापारी नेता की पूरी बिल्डिंग मरघट भूमि पर बनी हुई है, जबकि सत्तापक्ष के एक नेता ने मरघट भूमि पर अहाता निर्माण कराया है तो वहीं एक जनप्रतिनिधि ने लंबी-चौड़ी भूमि घेरकर रखा हुआ है। इनके अलावा और भी कई लोग हैं, जिन्होंने मरघट भूमि को निगलने की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन सीमांकन से उन सबकी करतूतें सामने आ गई।
मरघट भूमि के चारों तरफ लगेंगे खंभे
मरघट भूमि के सीमांकन के बाद चिन्हित भूमि के चारों ओर सीमेंट का खंभा लगवाने के निर्देश सक्ती एसडीएम बर्मन ने नगरपालिका सक्ती के मुख्य नगरपालिका अधिकारी को दिए हैं। एसडीएम ने कहा है कि उक्त कार्य को नगरपालिका प्रशासन जल्द से जल्द करवा ले। एसडीएम ने यह भी कहा है कि मरघट भूमि के आसपास अवस्थित शासकीय भूमियों का भी जल्द सीमांकन कराया जाएगा, जिससे स्पष्ट हो सकेगा कि मरघट भूमि के आसपास आखिर कितनी शासकीय भूमि है। यहां बताना लाजिमी होगा कि मरघट भूमि के अलावा आसपास में अवस्थित शासकीय भूमियों पर भी भू-माफियाओं ने अनाधिकृत कब्जा कर रखा है। सक्ती एसडीएम द्वारा सभी शासकीय भूमियों का सीमांकन कराए जाने की बात से भू-माफियाओं में हडक़ंप मच गया है।
भू-माफियाओं पर एफआईआर की मांग
मुक्तिधाम संरक्षण समिति के पदाधिकारियों ने मरघट भूमि पर अनाधिकृत कब्जा करने वाले भू-माफियाओं के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने पूर्व में भी सक्ती एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था। वहीं सीमांकन के बाद भी समिति के पदाधिकारियों ने अपनी यही मांग दोहराई, जिस पर एसडीएम ने उचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया है। आपको बता दें कि सक्ती में अवस्थित शासकीय भूमि पर अनाधिकृत कब्जा करने वालों की केस डायरी भले ही सक्ती थाने से गायब हो गई है, लेकिन इस मामले को जिला न्यायाधीश ने अपने संज्ञान में लिया है। बताया जा रहा है कि जिला न्यायाधीश के निर्देश पर सक्ती की अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने इस मामले की फाइल पुन: खुलवाई है, जिसके तहत राजस्व और पुलिस विभाग से आवश्यक जानकारी मंगाई गई है। इससे संभावना है कि सक्ती शहर की शासकीय भूमि पर अनाधिकृत कब्जा करने वालों के खिलाफ शीघ्र ही बड़ी कार्यवाही होगी।
शहरवासियों ने कहा-धन्यवाद ‘नवीन कदम’
सक्ती में अवस्थित मरघट और शासकीय भूमि में हुए अनाधिकृत कब्जे के मामले को ‘दैनिक नवीन कदम’ ने लगातार प्रमुखता से प्रकाशित किया। ‘दैनिक नवीन कदम’ ने इस मसले से संबंधित प्रत्येक गतिविधि पर पैनी नजर रखी, जिसके कारण शहरवासियों ने ‘दैनिक नवीन कदम’ को हाथों-हाथ लिया। बुधवार को जब मरघट भूमि का सीमांकन कार्य पूर्ण हुआ और वस्तुस्थिति स्पष्ट हुई, तब शहर के प्रत्येक व्यक्ति के जुबान पर ‘दैनिक नवीन कदम’ का नाम था। सभी ने एक स्वर में ‘दैनिक नवीन कदम’ को धन्यवाद दिया है। वहीं मुक्तिधाम संरक्षण समिति के अध्यक्ष संजय रामचंद्र, सचिव राजेश शर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों ने ‘दैनिक नवीन कदम’ को आमजनता का बुलंद आवाज बताया है। सभी ने अपेक्षा भी रखी है कि ‘दैनिक नवीन कदम’ आगे भी जनहित से जुड़े मुद्दों को पूरे दमखम के साथ उठाता रहेगा।
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