सोमवार, 5 फ़रवरी 2018

मानवता हुई शर्मसार, नसीब नहीं हुआ वाहन, हाथ ठेले से अस्पताल पहुंचा शव, स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही उजागर

जांजगीर-चांपा. ग्राम कुरदा में एक युवक की फांसी लगाने से मौत के बाद उसके शव को वाहन तक नसीब नहीं हुआ। इसके चलते उसकी लाश को हाथ ठेले से पोस्टमार्टम के लिए चांपा स्थित बीडीएम अस्पताल पहुंचाया गया। स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से मानवता तार-तार होती दिखी। 

पुलिस के अनुसार, चांपा थाना क्षेत्र के पटेलपारा कुरदा निवासी गणेश पटेल (22) पिता संतराम पटेल ने बीती रात अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। सोमवार की सुबह घर के लोग जब नींद से जागे तो उन्हें घटना की जानकारी हुई। मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा के बाद शव को नीचे उतारा। इसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव को बीडीएम अस्पताल भेज दिया। मृतक के परिजनों ने बताया कि शव को बीडीएम तक ले जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फोन किया गया। यहां तक उनके समक्ष गुहार लगाई गई, लेकिन वाहन की व्यवस्था नहीं हो सकी। इसके चलते वे हाथ ठेले में शव रखकर उसे खींचते-खींचते अपने गांव से बीडीएम अस्पताल तक ले गए। पीएम होने के बाद शव को फिर से इसी हाथ ठेले से गांव पहुंचाया गया। इसके बावजूद किसी का हृदय नहीं पसीजा। स्वास्थ्य विभाग की इस गंभीर लापरवाही के कारण मानवता एकबार फिर से शर्मसार हो गई। इधर, पुलिस ने शव के कब्जे से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है। पुलिस मामले में मर्ग कायम कर जांच कर रही है।


समाज से बहिष्कृत है परिवार

सोसाइड नोट के मुताबिक, उसके बड़े भाई संतोष पटेल ने यादव समाज की लडक़ी से शादी की है। इसके कारण समाज ने परिवार को बहिष्कृत कर दिया है। पुलिस ने बताया कि गणेश तीसरे नंबर का भाई था, जबकि उससे बड़ा संतोष व राजेन्द्र हैं। वहीं उससे छोटा महेश, गणेशी, मीना व आरती है। सामाजिक बहिष्कार के कारण भाई बहनों की शादी में दिक्कतें हो रही है। पुलिस ने बताया कि सोसाइड नोट में किश्त में बाइक लेने और जनवरी व फरवरी माह का 5000 रुपए किश्त जमा नहीं होने का उल्लेख है।

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