जांजगीर. शहर के पेंशनधारियों को इनदिनों पेंशन लेने के लिए बैंकों का चक्कर काटना पड़ रहा है। पिछले चार-छह महीने से बैंकों में पेंशनरों का फिंगर प्रिंट एक्सेप्ट ही नहीं हो रहा है, जिसके कारण बुजुर्ग पेंशनधारी नगरपालिका और बैंकों की दौड़ लगा रहे हैं।
जहां से हर रोज पेंशनरों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। बड़ी बात तो है कि पिछले चार-छह महीने से आ रही दिक्तत के बाद भी बैंकों में सिस्टम दुरस्त नहीं किया गया है। इसके चलते ही पेंशनरों को बैंकों के चक्कर में चप्पल घिसने को मजबूर होना पड़ रहा है। आपको बता दें कि शहर में हजारों पेंशनधारी हैं। कुछ माह पहले ही सभी पेंशनधारियों के बैंक अकाउंट को आधार से लिंक कराया गया है, जिसके बाद से पेंशनरों को फिंगर प्रिंट के आधार पर ही पेंशन राशि का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन पिछले चार-छह महीने से आधार लिकिंग का नया सिस्टम पेंशनरों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। हर वार्ड के पेंशनधारी इसी समस्या से परेशान हैं। खबर है कि हर रोज बुजुर्ग पेंशनरों को बैंक और नगरपालिका का चक्कर काटना पड़ रहा है। वे पार्षदों तक भी पहुंच रहे है, लेकिन कहीं भी सही जवाब नहीं मिलने के कारण उन्हें भटकना पड़ रहा है। इससे पेंशनरों में आक्रोश है।
शहर के हर वार्ड में यही दिक्कत
जानकारी के मुताबिक हर वार्ड के पेंशनर पिछले चार-छह महीनों से इस समस्या से जूझ रहे हैं। इसको लेकर कई बार पालिका प्रशासन को आवेदन भी दिया गया है, लेकिन अभी तक सिस्टम में सुधार नहीं हुआ है। यही कारण है कि हर रोज बैंक आने के बाद पेंशनरों को बैरंग ही वापस लौटना पड़ रहा है।
आर्थिक संकट से जूझ रहे पेंशनर
शहर के कई पेंशनर ऐसे हैं, जो बुढ़ापे की इस घड़ी में पेंशन की राशि के भरोसे ही अपना गुजारा करते हैं, लेकिन पिछले चार-छह महीने से हो रही दिक्कत के कारण पेंशनरों की आर्थिक स्थिति भी डगमगा गई है। पेंशनधारियों को कर्ज भी लेना पड़ रहा है। कुछ पेंशनरों ने बताया कि बैंक में फिंगर प्रिंट की मशीन खराब है। इसके कारण उन्हें हर दिन लौटा दिया जा रहा है।
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