जांजगीर-चांपा. वातानुकूलित कमरों से निकलकर अब सांसद से लेकर मंत्री, विधायक व भाजपा पदाधिकारी गांव की खाक छानेंगे। भाजपा आलाकमान ने छत्तीसगढ़ समेत देशभर में 20 हजार ऐसे गांवों को चिन्हांकित करने का फरमान जारी किया है, जहां एक हजार से ज्यादा की आबादी है। इन गांवों में 14 अप्रैल से पांच मई तक भाजपाई दिग्गज पदयात्रा करेंगे। एक के हिस्से में दो गांव रहेगा, जहां इनको रात रुकना है। रात्रि विश्राम के दौरान केंद्र सरकार की सात प्रमुख योजनाओं को ग्रामीणों के बीच प्रमुखता के साथ रखेंगे। यात्रा की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने देशभर के सांसदों को पत्र लिखकर संयोजन करने और यात्रा में शामिल होने की हिदायत दी है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में कुछ महीने बाद विधानसभा और वर्ष 2019 में लोकसभा का चुनाव होना है। राष्ट्रीय कार्यालय ने लोकसभा चुनाव के एक वर्ष पहले से ही अपनी तैयारी शुरू कर दी है। यह पहली बार होगा, जब सांसदों के साथ ही मंत्री, विधायक व पदाधिकारियों को केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए भाजपा ने झोंकने का निर्णय लिया है। पदयात्रा के लिए भाजपाई रणनीतिकारों ने जरूरी मापदंड भी तय कर दिए हैं। यात्रा उन गांवों में जाएगी, जहां एक हजार से इससे ज्यादा लोग रहते हैं। पहले दौर में बड़ी जनसंख्या को अपने पक्ष में करने का निर्णय लिया गया है। यात्रा के दौरान सुबह के वक्त गांव में चौपाल लगाएंगे व रात्रि में ग्रामीणों से सीधी मुलाकात करेंगे। ग्रामीणों के बीच किन योजनाओं को और मुद्दों को प्रभावी तरीके से रखना है, इसकी सूची जारी कर दी गई है। साथ ही क्रियान्वयन को लेकर रायशुमारी भी करनी है। जिन ग्रामीणों से सरकार के कामकाज के संबंध में बात करेंगे, उनका नाम, पता व उपलब्ध हो तो मोबाइल नंबर भी नोट करना होगा। इस दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, जनधन योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व स्वच्छता अभियान को लेकर फीडबैक भी लिया जाएगा।
अजा-अजजा व ओबीसी पर फोकस
एक हजार की आबादी वाले ऐसे गांव जहां अजा-अजजा व ओबीसी वर्ग की बहुलता पर ध्यान देने व इन्हीं गांवों से होकर यात्रा प्रारंभ करने की हिदायत दी गई है। बताया जा रहा है कि भाजपा आलाकमान ने पत्र लिखकर यात्रा के संबंध में संबंधितों को निर्देशित किया है। पत्र में कहा गया है कि संबंधितों को गांवों में रात्रि विश्राम करना पड़ेगा तथा चौपाल लगाकर ग्रामीणों को केंद्र सरकार की सात प्रमुख महत्वाकांक्षी योजनाओं की जानकारी देकर उनसे फीडबैक लेना है।
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