जांजगीर-चांपा. राज्य शासन के मोर जमीन, मोर मकान योजना के अंतर्गत भूखंड का अधिकतम क्षेत्रफल में बढ़ोतरी करते हुए 800 वर्गफीट के स्थान पर 1500 वर्गफीट किया गया है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने इन शर्तों में बदलाव किया है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लोग अपनी जमीन पर मकान बनाते हैं तो उन्हें भवन विकास और अनुज्ञा शुल्क नहीं देना होगा। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोर जमीन मोर मकान योजना के तहत मकान बनाने वाले हितग्राहियों को 2.5 लाख रुपए तक का अनुदान मिलेगा। इसमें केंद्र सरकार 1.5 लाख और राज्य सरकार एक लाख रुपए का अनुदान देगी। मकान निर्माण की शुरुआत हितग्राही को स्वयं के संसाधन से करनी होगी। इसके बाद भूतल के लिए चार किश्तों में, जबकि प्रथम तल के लिए तीन किश्त में बैंक के माध्यम से सब्सिडी की राशि दी जाएगी।
यह होगी योजना की शर्त
व्यावसायिक एवं अन्य भूमि उपयोग वाली जमीन पर भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रस्तावित स्थल का भूमि उपयोग आवासीय होना आवश्यक होगा। योजना के तहत भवन में खुली सीढ़ी का निर्माण, घुमावदार सीढ़ी का निर्माण एवं पार्किंग निर्माण का प्रावधान आगे की ओर इस प्रकार किया जाना होगा, जिससे नाली और मार्ग का निर्माण आसानी से किया जा सके।

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