रविवार, 21 मई 2017

दरोगा बाबू के क्या कहने! रसूखदार जब लेकर पहुंचा अपनी अर्जी, तब पीडि़त की सुनी फरियाद, दो माह बाद भी नहीं की कार्रवाई

जांजगीर-चांपा. सक्ती थाने में पदस्थ दरोगा बाबू अपने दायित्वों को लेकर कितने सजग हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नगर के एक रसूखदार के खिलाफ गाली-गलौज और मारपीट की शिकायत लेकर थाने पहुंचे एक पीडि़त की व्यथा सुनने के बजाय दरोगा बाबू ने उल्टा उसे ही एक कोने में बिठा दिया। पीडि़त की फरियाद घंटों बाद तब सुनी गई, जब उसके साथ गाली-गलौज और मारपीट करने वाले रसूखदार की अर्जी लेकर उसे पावती दे दी गई। रसूखदार ने पीडि़त के खिलाफ ही गाली-गलौज और मारपीट की शिकायत दर्ज कराई है, ताकि वह कार्रवाई से बच जाए। इस वाक्ये से दरोगा बाबू की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।

जानकारी के अनुसार, सक्ती के वार्ड क्रमांक एक निवासी धरम रात्रे पिता अंतराम रात्रे 10 मार्च 2017 को किसी काम के सिलसिले में न्यायालय पहुंचे थे, जहां पहले से मौजूद नगर के रसूखदार युवक सुमित अग्रवाल पिता प्रेमचंद अग्रवाल ने उसके साथ जातिगत गाली-गलौच करते हुए धक्का-मुक्की और मारपीट की। पीडि़त धरम रात्रे का आरोप है कि वह उसी दिन इस घटना की शिकायत दर्ज करवाने सक्ती थाना पहुंचा, जहां मौजूद थानेदार ने शिकायत दर्ज करने के बजाय उसे एक कोने में बिठा दिया। वह थाने परिसर में बैठा था, तभी थानेदार ने इसकी सूचना मोबाइल के जरिए सुमित अग्रवाल को दे दी और उसे समझा दिया कि आगे क्या करना है। घंटों बाद सुमित अग्रवाल जब अपनी अर्जी लेकर थाने पहुंचा तो उसकी अर्जी लेकर तत्काल पावती दे दी गई। 

इसके बाद उसे बुलवाया गया और शिकायत ली गई, जिसका विरोध करने पर थानेदार ने धमकी-चमकी लगाई। पीडि़त  धरम रात्रे का यह भी आरोप है कि उसे पुलिसिया धमकी देते हुए कहा गया कि तुम चुपचाप बैठो नहीं तो हवालात के अंदर डालकर ऐसी पिटाई की जाएगी कि तुम सबकुछ भूल जाओगे। थानेदार की धमकी सुनकर वह चुपचाप बैठा रहा और रसूखदार व्यक्ति को पावती देने के बाद उसे पावती दी गई। पीडि़त का कहना है कि घटना के बाद से वह लगातार अपने आवेदन पर हुई कार्रवाई के संबंध में जानकारी लेने थाने पहुंच रहा है, लेकिन उसे संतोषजनक जवाब मिलने के बजाय धमकियां मिल रही है। उसे चेताया जा रहा है कि पुलिस इस मामले में उचित कार्रवाई कर रही है। बेहतर यही होगा कि मामले के संबंध में पता लगाने वह थाने न आए।

रसूखदार से मिल रही धमकियां

पीडि़त धरम रात्रे का कहना है कि एक ओर जहां पुलिस ने उसे संरक्षण नहीं मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर मारपीट करने वाले रसूखदार व्यक्ति सुमित अग्रवाल से उसे लगातार धमकियां मिल रही है। पीडि़त का आरोप है कि रसूखदार व्यक्ति सुमित उसे यह धमकी दे रहा है कि उसकी ऊपर तक पहुंच है। इसलिए मामले में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करेगी। इससे वह खासा परेशान है। वह अपनी शिकायत लेकर न्याय की गुहार लगाने दर-दर भटक रहा है, लेकिन उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।

असहाय महसूस कर रहा पीडि़त

पीडि़त धरम रात्रे ने बताया कि थाने से कार्रवाई नहीं होने पर अपने साथ हुए अत्याचार की शिकायत उसने 16 अप्रैल 2017 को अजाक थाना एवं 19 अप्रैल 2017 को पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चांपा से की, लेकिन नतीजा सिफर रहा। ऐसे में उसने ग्राम सुराज अभियान के तहत 11 मई 2017 को आयोजित शिविर में अपने साथ हुए अत्याचार की शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अब तक उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे वह खुद को असहाय और असुरक्षित महसूस कर रहा है। उसका कहना है कि भविष्य में यदि उसके साथ कोई घटना या दुर्घटना होती है तो उसकी संपूर्ण जवाबदारी सक्ती थाना प्रभारी की होगी।

अब तक नहीं मिला प्रतिवेदन

पीडि़त की शिकायत मिली थी, जिसकी जांच के लिए सक्ती थानेदार को पत्र लिखा गया है। थानेदार से जांच प्रतिवेदन अब तक नहीं मिला है। जैसे ही जांच प्रतिवेदन प्राप्त होगा, उसके बाद मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।

-निकोलस खलखो, एसडीओपी, सक्ती

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