चांपा. शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने जिला प्रशासन दोहरी नीति अपना रहा है। कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व अमला अभियान चलाकर गरीबों के अतिक्रमण को धड़ाधड़ ढहा रहा है। भले ही प्रभावित गरीब परिवार बेघर हो जाए, लेकिन अमीरों के अतिक्रमण को हटाने उन्हीं अधिकारियों के हाथ कांप रहे हैं। यही वजह है कि बिरगहनी में अवस्थित करोड़ों की शासकीय भूमि पर एक रसूखदार कब्जा जमाए हुए है। उस रसूखदार के हौसले तो देखिए, शासकीय भूमि पर न केवल उसने अतिक्रमण किया है, बल्कि उस भूमि पर दर्जनों दुकान निर्माण करवाकर उसे किराए पर भी दे दिया है, जिससे उसे हर माह मोटी रकम मिल रही है। रसूखदार यह दबंगई जिला प्रशासन के अफसरों के आंखों के सामने कर रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं।
दरअसल, चांपा से के समीपस्थ ग्राम बिरगहनी में खसरा नंबर 1131/1 की 10.784 हेक्टेयर सरकारी भूमि अवस्थित है। इस पर एक रसूखदार व्यक्ति मोहन मित्तल ने अतिक्रमण कर दुकान निर्माण करवा लिया है, जिसे उसने कई लोगों को किराए पर दे रखा है। शासकीय भूमि पर निर्मित दुकान से किराया बतौर उसे हर माह मोटी रकम मिल रही है। ऐसा भी नहीं है कि यह बेशकीमती भूमि जिले के किसी दूरदराज के गांव-देहात में अवस्थित है, बल्कि यह भूमि जांजगीर-चांपा मुख्य मार्ग पर अवस्थित है, जिसकी मौजूदा कीमत करोड़ों में होगी। इस भूमि पर रसूखदार व्यक्ति मोहन मित्तल द्वारा अतिक्रमण कर दुकान निर्माण कराए जाने की खबर जिला प्रशासन सहित राजस्व विभाग के अफसरों को है, लेकिन वे इस शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने कोई रूचि नहीं ले रहे हैं। इससे रसूखदार व्यक्ति मोहन मित्तल निश्चिंत होकर शासकीय भूमि पर निर्मित दुकानों के एवज में हर माह किराया बतौर मोटी रकम प्राप्त कर रहा है। यहां बताना लाजिमी होगा कि कुछ दिनों पहले कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में अवस्थित शासकीय भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाने के सख्त निर्देश दिए थे। कलेक्टर डॉ. भारतीदासन ने साफ तौर पर कहा था कि कही भी शासकीय भूमि पर अतिक्रमण होने की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। यदि ऐसी शिकायत मिलती है तो संबंधित तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक तथा पटवारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर डॉ. भारतीदासन के निर्देश पर राजस्व विभाग के अफसरों ने गांव-देहातों में अवस्थित शासकीय भूमि पर हुए अतिक्रमण को ढहाना तो शुरू कर दिया है, लेकिन जांजगीर-चांपा मुख्य मार्ग पर ग्राम बिरगहनी में अवस्थित करोड़ों की शासकीय भूमि पर रसूखदार व्यक्ति मोहन मित्तल द्वारा किए गए अतिक्रमण पर आखिर उनकी नजर कैसे नहीं पड़ रही है, यह समझ से परे है। लोगों की मानें तो इस अतिक्रमण की खबर राजस्व विभाग के अफसरों को भलिभांति है, लेकिन वे जानबूझकर रसूखदार व्यक्ति मोहन मित्तल को संरक्षण प्रदान किए हुए हैं, जिसके कारण उस पर कार्यवाही नहीं की जा रही है।
सौ से अधिक दुकानों का निर्माण
रसूखदार व्यक्ति मोहन मित्तल द्वारा बिरगहनी चौक से एनएच 49 होते हुए लछनपुर चौक तक करीब सौ दुकान व मकानों का निर्माण कराया गया है। ये सारे निर्माण सरकारी भूमि पर है। संबंधित व्यक्ति द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से बनाई गई दुकान को मोटी रकम लेकर किराए पर दे दी गई है, जिससे अतिक्रमणकारी को हर माह मोटी रकम मिल रही है। यहां बताना लाजिमी होगा कि इस मामले की शिकायत कई बार की जा चुकी है, लेकिन राजस्व अधिकारी उस रसूखदार व्यक्ति के कब्जे से शासकीय भूमि को अतिक्रमणमुक्त करने रूचि ही नहीं ले रहे हैं। इससे ऐसा लग रहा है कि राजस्व विभाग के अफसरों से रसूखदार व्यक्ति मोहन मित्तल की तगड़ी सांठगांठ है, तभी तो उस पर दरियादिली दिखाई जा रही है।
शिकायत पर हो चुकी है जांच
ग्राम बिरगहनी में अवस्थित खसरा नंबर 1131/1 की 10.784 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर रसूखदार व्यक्ति मोहन मित्तल द्वारा अतिक्रमण कर दुकान निर्माण कराने तथा उसे किराए पर देने की शिकायत जिला प्रशासन सहित राजस्व अफसरों तक पहुंची थी, जिसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर डॉ. भारतीदासन ने जांजगीर तहसीलदार शशि चौधरी को जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिए थे। कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार चौधरी ने अपने अमले के साथ मौका मुआयना कर राजस्व दस्तावेजों का परीक्षण किया था, जिससे स्पष्ट हो गया था कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर दुकान का निर्माण करवाया गया है। इसके बावजूद तहसीलदार ने अब तक संबंधित के खिलाफ कार्यवाही नहीं की है। इससे तहसीलदार की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें