गुरुवार, 24 अगस्त 2017

गैंगरेप के मामले में चार आरोपियों को 20-20 साल सश्रम कारावास, ग्राम देवरघटा का मामला, फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला

जांजगीर-चांपा. युवती को बंधक बनाकर गैंगरेप करने और उसका एमएमएस बनाकर वायरल करने के मामले में जिला अपर सत्र न्यायालय (फास्ट ट्रैक कोर्ट) ने बड़ा फैसला सुनाया है। न्यायालय ने मामले में संलिप्त चार आरोपियों को 20-20 साल की सजा सुनाई है। इस मामले में संलिप्त एक अन्य नाबालिग आरोपी का प्रकरण बाल न्यायालय में चल रहा है, जिसने मोबाइल से एमएमएस बनाया था। यह मामला 10 जुलाई 2015 का है। इस तरह दो साल बाद कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। गैंगरेप की घटना के 15 दिन बाद एमएमएस के वायरल होने के बाद पीडि़ता ने 25 जुलाई 2015 को शिवरीनारायण थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। 

जिला न्यायालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिवरीनारायण थाना क्षेत्र के महानदी के तट पर स्थित धार्मिक तीर्थ स्थल देवरघटा गांव में 10 जुलाई 2015 की दोपहर पड़ोस के गांव की एक युवती अपने साथी युवक के साथ घूमने गई थी। इसी दौरान उन्हें सूनसान इलाके में अकेला पाकर देवरघटा गांव के ही चार युवकों ने दोनों को घेर लिया तथा चारों युवकों ने युवती और उसके साथी युवक के साथ जमकर मारपीट भी की। इसके बाद चारों युवकों ने युवती के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। घटना के दौरान वहां मौजूद एक नाबालिग अपनी मोबाईल से युवती के साथ हो रहे सामूहिक दुष्कर्म का अश्लील वीडियो बना रहा था। वारदात के बाद मामला उजागर करने पर वीडियो को सार्वजनिक करने की धमकी पीडि़ता को दी गई थी। घटना के बाद युवक और युवती ने किसी तरह से अपने आप को संभाला। युवती ने घर पहुंचकर घटना की जानकारी अपने परिजन को दी, लेकिन लोकलाज के भय से परिजनों ने मामला पुलिस तक नहीं पहुंचाया, लेकिन आरोपियों द्वारा जब अपने कुकर्म का वीडियो (एमएमएस) सार्वजनिक किया गया तो परिजनों ने 25 जुलाई 2015 को शिवरीनारायण थाने पहुंचकर घटना की जानकारी पुलिस को दी। 

मामले में एफआईआर के बाद पुलिस ने आरोपियों की पतासाजी शुरू की और नाम सामने आने के बाद तीन आरोपी किशन तुरकाने, रामकुमार केंवट और नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार किया। वहीं फरार दो आरोपी ललित केंवट और बिन्नू केंवट की तलाश पुलिस सरगर्मी के साथ कर रही थी। कुछ दिनों बाद फरार दोनों आरोपी ललित केंवट और बिन्नू केंवट की भी गिरफ्तारी कर ली गई और उन्हें जेल भेज दिया गया। इस तरह चार आरोपी जेल की सलाखों के पीछे थे तो नाबालिग आरोपी को बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया था। इस चर्चित मामले में जिला अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) संतोष कुमार आदित्य ने बड़ा फैसला सुनाया है। प्रकरण की सुनवाई के बाद उन्होंने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले चारों आरोपियों को 20-20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपियों को 20-20 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है।

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