जांजगीर-चांपा. ग्राम गतवा निवासी एक महिला गुरूवार को दिन-दहाड़े चोटी कटवा का शिकार हो गई। बताया जा रहा है कि जिस वक्त यह घटना हुई, उस समय महिला अपनी बाड़ी में काम कर रही थी। इसी दौरान अचानक पीछे से ठंडी हवा चली और चोटी कटते ही महिला बेहोश हो गई। घटना की खबर पाकर महिला के परिजन एवं ग्रामीण मौके पर पहुंचे और उसे होश में लाने का प्रयास किया। जिले में सप्ताह भर के भीतर महिलाओं की चोटी कटने की यह दूसरी घटना है।
जिले की महिलाओं में चोटी कटने का भय दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश के दीगर जिलों से निकलकर यह भय अब जिले के ग्रामीण इलाकों में पहुंच गया है। चोटी कटने के भय से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं अब सिर पर कपड़ा बांधने लगी हैं। महिलाएं दिन में झुंड बनाकर रहती हैं। इसके बावजूद, चोटी कटने का दहशत कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा ही एक मामला सक्ती क्षेत्र के ग्राम गतवा में गुरूवार को प्रकाश में आया है। जानकारी के अनुसार, सक्ती क्षेत्र के ग्राम गतवा निवासी मोंगराबाई पति नारायण कंवर गुरूवार की सुबह अपनी बाड़ी में काम कर रही थी, तभी अचानक तेजी से ठंडी हवा चली और उसकी चोटी कटकर जमीन पर गिर गई। जमीन पर कटी हुई चोटी देखकर मोंगराबाई मौके पर ही बेहोश हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे और मोंगराबाई को होश में लाने का प्रयास किया। होश में आने के बाद महिला ने आपाबीती सुनाई। दिन-दहाड़े हुई इस घटना से गांव में हडक़ंप मच गया है। ज्ञात हो कि तीन दिन पहले विधायक आदर्श ग्राम सिवनी (चांपा) निवासी श्यामाबाई देवांगन पति रामसाय देवांगन चोटी कटवा का शिकार हुई थी। वह बीते सोमवार की रात खाना खाकर अपने कमरे में सोने चली गई। रात करीब 2 से ढाई बजे के बीच जब वह उठी तो देखा कि उसके सिर के पिछले हिस्से के बाल कटे हुए हैं। वह अपने कटे बालों को देखने के बाद चक्कर खाकर गिर गई थी। इसके बाद महिला के पति रामसाय देवांगन ने गांव के लोगों को बुलाया और अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचा था। बाल कटने की खबर सुनते ही महिला के घर ग्रामीणों की भीड़ लग गई थी। सिवनी गांव में भी इस घटना के बाद से दहशत का माहौल है। लोग अपने घर के दरवाजे में नीम के पत्ते लटका रहे हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों समेत देश के कई राज्यों में महिलाओं की चोटी कटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही है। कुछ लोग इस जहां अंधविश्वास करार दे रहे हैं। वहीं शासन-प्रशासन ऐसी घटनाओं को महज अफवाह बता रहा है। इन सबके बीच चोटी कटने का भय अब जिले के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के दिलो-दिमाग पर घर कर गया है। जिले में एक के बाद एक सामने आ रही इस तरह की घटनाओं से महिलाएं दहशतजदा हैं। बताया जा रहा है कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं चोटी कटने के डर से अपने बालों को कपड़े से बांधकर रख रही हैं। कुछ महिलाएं अपने छत पर जाते समय सिर में प्लास्टिक बांध लेती हैं। ऐसी स्थिति पिछले कुछ दिनों से निर्मित हुई है। चोटी कटने की घटना से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की नींद हराम हो गई है। यहां तक कि डर के मारे उन्होंने घर से निकलना तक बंद कर दिया है।

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