जांजगीर-चांपा. प्रदेश के मुुख्यमंत्री डॉ. रमनसिंह के नौ अक्टूबर को जिला प्रवास के दौरान नि:शक्तजन अधिकार सहयोग समिति द्वारा जिला मुख्यालय जांजगीर के कचहरी चौक में प्रस्तावित सद्बुद्धि यज्ञ से पहले जिला प्रशासन को सद्बुद्धि आ गई है। जिला प्रशासन ने रविवार को समिति के पदाधिकारियों की बैठक लेकर उनकी लगभग सभी मांगे मान ली हैं। साथ ही प्रदेश स्तरीय मांगों के संबंध में समिति के चार लोगों के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री से मिलवाने का आश्वासन भी दिया है। जिला प्रशासन से मिले आश्वासन के आधार पर समिति ने फिलहाल प्रस्तावित सद्बुद्धि यज्ञ को स्थगित कर दी है।
इस संबंध में नि:शक्तजन अधिकार सहयोग समिति के पदाधिकारी राधाकृष्ण गोपाल ने बताया कि जिला प्रशासन ने उनकी सारी मांगे मान ली हैं। वहीं एक-दो मुद्दों के संबंध में 9 अक्टूबर को 4 लोगों के प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री डॉ. सिंह से अकेले में मिलाने का आश्वासन दिया है, ताकि उन मांगों पर भी सहमति बन सके। उन्होंने बताया कि समिति की मांगों को लेकर प्रशासन के साथ कई दिनों तक बैठकें हुई। पूर्व में प्रशासनिक अधिकारी उनकी मांगों को मानने तैयार नहीं हो रहे थे, लेकिन लगातार दबाव बनाए जाने पर उन्हें मांगे माननी पड़ी। उल्लेखनीय है कि नि:शक्तजन अधिकार सहयोग समिति ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 9 अक्टूबर को जिला प्रशासन को जगाने सद्बुद्धि यज्ञ करने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री के जिला प्रवास के दिन प्रस्तावित दिव्यांगों के इस आंदोलन को लेकर जिला प्रशासन सकते में आ गया था। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा समिति के पदाधिकारियों को शुक्रवार को दिनभर मौखिक रूप से समझाइश दी जाती रही। उनसे कहा गया कि उनकी मांगे संबंधित विभाग के अफसरों से 11 अक्टूबर को बैठक कर पूरी की जाएगी, लेकिन अफसर इस बात को लिखित में देने तैयार नहीं हुए। ऐसे में नि:शक्तजन अधिकार सहयोग समिति ने उनकी बात सुनने साफ तौर पर इंकार कर दिया। समिति के पदाधिकारियों का कहना था कि यदि विभागीय अफसरों की बैठक करानी ही है तो आठ अक्टूबर को करवाई जाए। बैठक में समिति की मांगों पर सहमति बनती है और उन मांगों को पूरा किया जाता है तो समिति स्वमेव ही अपना आंदोलन स्थगित कर देगी। इतना सुनकर अफसर वहां से चलते बने थे। इसके बाद शनिवार को भी इस मसले पर दोनों पक्षों में चर्चा हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला।
सीएम के प्रवास से एक दिन पहले रविवार को हुई बैठक में आखिरकार जिला प्रशासन झुका और समिति की मांगे माननी पड़ी। ज्ञात हो कि समिति द्वारा शासन-प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर जिले में विवाहित और अविवाहित नि:शक्तों का राशन कार्ड बनाए जाने तथा रोजगार गारंटी के तहत नि:शक्तों का जॉब कार्ड प्रत्येक ग्राम पंचायत में बनाए जाने, नि:शक्तों को प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित कराने, 40 फीसदी से अधिक के सभी नि:शक्तों को बैटरी वाली गाड़ी प्रदान करने, सभी जनपदों में शिविर लगाकर नि:शक्तों का बस पास बनाए जाने, संगठन को कार्यालय के लिए जिला मुख्यालय में भवन उपलब्ध करवाने, विकलांग कोटे में फर्जी तरीके से नियुक्त कर्मचारियों पर कार्रवाई करने, जिले में पुनर्वास केन्द्र खोलने, चाइस सेंटर की वेबसाइट में नि:शक्तों के लिए उपयोग में लाए जा रहे अपमानजनक भाषा को समाप्त कर तत्काल सम्मानजनक भाषा में परिवर्तन लाए जाने, साइट संचालक पर अधिनियम के अनुसार उचित कार्रवाई करने, जिला अस्पताल जांजगीर में कार्यरत अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. एसएच चंदेल के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने आदि की मांगे रखी गई थी। वहीं इन मांगों के पूरा नहीं होने पर 9 अक्टूबर को जिला प्रशासन को जगाने सद्बुद्धि यज्ञ करने की चेतावनी दी गई थी।
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