राजेन्द्र राठौर. छत्तीसगढ़ की इस्पात नगरी रायगढ़ से वर्ष 2004 में उदित हुए ‘दैनिक नवीन कदम’ ने एक वर्ष पहले 19 फरवरी 2017 को जब जाज्वल्यदेव की पावन धरा जांजगीर में अपना कदम रखा, तब हमारे सामने कई तरह की चुनौतियां थी। चुनौती न केवल अच्छी खबरें और विज्ञापन प्रकाशित करने की, बल्कि आमजन से लेकर उन सभी के दिल जीतने की, जो हमसे खास उम्मीद लगाए बैठे हैं।
चूंकि प्रदेश के कोने-कोने से प्रकाशित तमाम लोकप्रिय अखबार जाज्वल्यदेव की नगरी में पहले से ही अपनी पैठ बना चुके थे। ऐसी स्थिति में हमारे सामने कई तरह की चुनौतियां थी। शुरूआत में ऐसा लगने भी लगा था कि बड़े घरानों के सामने हम शायद टिक भी नहीं पाएंगे, लेकिन मन में आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प भी था। इसीलिए किसी से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय हमने अपने कलम की धार तेज की, जिससे लोगों का विश्वास बढ़ता गया और दैनिक नवीन कदम का कारवां लगातार बनता गया। वर्तमान में दैनिक नवीन कदम जिला मुख्यालय जांजगीर के साथ चांपा, सक्ती, अकलतरा, डभरा, चंद्रपुर, मालखरौदा, बम्हनीडीह समेत उन तमाम स्थानों पर हर सबेरे पहुंच रहा है, जहां के दबे-कुचले, शोषित तथा शासन-प्रशासन की कारगुजारियों से त्रस्त लोगों को हमसे खासी उम्मीद है। इस एक वर्ष के भीतर हमने उन तमाम मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है, जो शायद कभी उठे ही नहीं थे और न ही किसी अन्य अखबार समूह ने उन मुद्दों को कभी तवज्जो दी थी। चाहे वह भीमा तालाब के सौन्दर्यीकरण के नाम पर टेण्डर में घालमेल का मामला हो या फिर चांपा के ऐतिहासिक रामबांधा तालाब के टेण्डर में गड़बड़ी का।
कुछ माह पहले नगरपालिका चांपा क्षेत्र में अवैध तरीके से अस्थायी दखल वसूली का मुद्दा जब हमने जोरशोर से उठाया, तब कई लोगों ने तरह-तरह की बातें की। मगर सच्चाई की जीत हमेशा होती है, यह हम नहीं, बल्कि हमारे बड़े-बुजुर्ग भी कहा करते हैं। आखिर हुआ वही, जो सच था। दैनिक नवीन कदम में इस मसले को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित होने के बाद आखिरकार नपा प्रशासन बैकफुट पर आया और न केवल अवैध वसूली बंद कराई गई, बल्कि अस्थायी दखल ठेके को ही रद्द कर दिया गया। इसी तरह सक्ती विधायक डॉ. खिलावन साहू की कारगुजारियों को जब हमने सबके सामने लाया तो उनके समर्थकों ने कई तरह के सवाल-जवाब किए। कई तरह की दलीलें दी, लेकिन सच्चाई तो सच्चाई है, जो ज्यादा समय तक छिपती नहीं। आखिरकार इस मुद्दे में विधायक डॉ. साहू की खूब किरकिरी हुई।
इसी तरह कुछ दिनों पहले ही सक्ती के मरघट भूमि पर हुए अवैध कब्जे को हटवाने को लेकर जब हमने जंग की शुरू की, तब जमीन कारोबार से जुड़े कुछ लोगों ने कई तरह के प्रलोभन दिए। परिचतों से लेकर बड़े-बड़े नेताओं से सिफारिश भी लगवाई, लेकिन हमने शुरूआत से ही ठान लिया था कि यह मुद्दा जनमानस से जुड़ा हुआ है, इसलिए किसी भी कीमत पर हम अपना कदम पीछे नहीं करेंगे। सक्ती के प्यारे भाईयों, बहनों, माताओं एवं बड़े-बुजुर्गों ने हर कदम पर हमारा साथ दिया, परिणामस्वरूप मुक्तिधाम की जमीन भू-माफियाओं के चंगुल से जल्द से जल्द छूटने वाली है। बात चाहे जांजगीर की करें या फिर चांपा अथवा सक्ती की, इन शहरों के सुधि पाठक, गणमान्य नागरिक से लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी आज दैनिक नवीन कदम की खबरों को पत्थर की लकीर मानने लगे हैं। उनके दिलो-दिमाग में यह बात घर कर गई है कि दैनिक नवीन कदम केवल उन्हीं खबरों को प्रकाशित करता है, जिसमें सच्चाई होती है।
एक-एक खबरों को लेकर बात करें तो वर्ष 2017 में प्रकाशित खबरों की प्रतिक्रिया और हमारी उपलब्धि गिनाने में चंद घंटे नहीं, बल्कि कई महीने लग सकते हैं। खैर, इस एक वर्ष के भीतर हमने कुछ अच्छा करने का प्रयास किया। इस बीच शायद हमसे कुछ गलतियां भी हुई होंगी, जिसके लिए हम हृदय से क्षमा याचना करते हैं। साथ ही उम्मीद करते हैं कि एक वर्ष के भीतर आपने जिस तरह अपार स्नेह और आशीर्वाद दैनिक नवीन कदम को प्रदान किया, उस स्नेह और आशीर्वाद को आगे और अनवरत् बनाए रखेंगे। इन्हीं आशाओं के साथ सभी सुधि पाठकों, विज्ञापनदाताओं, मित्रों, मागदर्शकों एवं तमाम लोगों को सादर अभिवादन...
मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर,
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया...
लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया...
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