शुक्रवार, 20 अप्रैल 2018

‘दैनिक नवीन कदम’ की खबर का असर- निगम अध्यक्ष सिन्हा के दो चहेते ड्राइवरों का नियमितकरण निरस्त, नियम-कायदों को ताक पर रखकर दोनों ड्राइवरों को किया गया था नियमित

राजेन्द्र राठौर@जांजगीर-चांपा. छत्तीसगढ़ अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम में पदोन्नति, स्थानांतरण तथा नियुक्ति के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। निगम में वर्षों से भर्ती बंद है, इसके बावजूद निगम अध्यक्ष निर्मल सिन्हा के दो चहेतों की भर्ती ड्राइवर के पद पर कर ली गई। सिर्फ इतना ही नहीं, नियम-कायदों को ताक पर रखकर उन दोनों को नियमित भी कर दिया गया। इसका खुलासा ‘दैनिक नवीन कदम’ ने बीते दिनों किया था। ‘दैनिक नवीन कदम’ ने प्रमाणित दस्तावेजों के आधार पर लगातार खबरें प्रकाशित कर राज्य शासन तक यह बात पहुंचाई कि निगम में पदस्थ उच्चाधिकारी एवं शासन से नियुक्त पदाधिकारियों ने नियम-कायदों को दरकिनार कर बड़े पैमाने पर गफलतबाजी की है। ‘दैनिक नवीन कदम’ में प्रकाशित खबरों पर राज्य शासन ने संज्ञान लिया और जांच के बाद नियम विरूद्ध नियमितिकरण पाए जाने पर दोनों ड्राइवरों का नियमितिकरण आदेश तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। इस आशय का आदेश छत्तीसगढ़ अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के प्रबंध संचालक ने 18 अप्रैल 2018 को जारी किया है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम, आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के अधीन है। यहां पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के तबादले के नाम पर जो खेल खेला गया है वो राज्य में पहला मामला तो है ही, साथ ही यहां नियम-कायदों को ताक पर रखकर दो ड्राइवरों की भर्ती भी कर ली गई थी। ‘दैनिक नवीन कदम’ को प्राप्त दस्तावेजों के मुताबिक, छग राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम में वर्षों से कर्मचारियों की भर्ती बंद है। इसके बावजूद, ड्राइवर के पद पर यहां दो लोगों की अस्थायी नियुक्ति की गई, जिन्हें वर्ष 2005 में नियमित भी कर दिया गया। बताया जा रहा है कि निगम के उच्चाधिकारी एवं कुछ पदाधिकारियों ने नियमित करने के एवज में उनसे पांच-पांच लाख रुपए लिए थे। भ्रष्टाचार एवं गड़बड़ी के इस खेल को निगम अध्यक्ष निर्मल सिन्हा के निर्देश पर उच्चाधिकारी ने अंजाम दिया था, जिसकी शिकायत विभागीय मंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह तक पहुंची थी, लेकिन किन्हीं कारणों से शिकायत पर कार्यवाही नहीं हो पा रही थी।

निगम में ड्राइवरों की नियम विरूद्ध हुई भर्ती एवं उनके नियमितिकरण के संबंध में ‘दैनिक नवीन कदम’ ने प्रमाणित दस्तावेजों के आधार पर बीते दिनों लगातार खबरें प्रकाशित की। ‘दैनिक नवीन कदम’ की खबरों पर राज्य शासन ने संज्ञान लिया और भर्ती एवं नियमितिकरण मामले की जांच प्रारंभ की गई। इसी तारतम्य में छग शासन के आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के संयुक्त सचिव ने बीते 11 जनवरी को छग राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम मर्यादित के प्रबंध संचालक को पत्र लिखकर निगम में कलेक्टर दर पर वर्ष 2006 से कार्यरत वाहन चालकों के किए गए नियमितिकरण की कार्यवाही शासन द्वारा जारी प्रावधान के अनुरूप होने अथवा नहीं होने के संबंध में जानकारी चाही। संयुक्त सचिव ने अपने पत्र में लिखा था कि सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक तीन जनवरी 2007 में निर्देश है कि 31 दिसम्बर 1988 के बाद नियुक्त दैनिक वेतनभोगी कार्मचारी को किसी भी दशा में नियमित नहीं किया जा सकता है। उक्त निर्देशों के विपरीत विभाग द्वारा अनियमित रूप से नियमितिकरण किया गया है तो संबंधित की जवाबदारी निर्धारित कर उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने, वेतन भत्तों की वसूली एवं अनियमित आदेश को निरस्त करने के संबंध में कार्यवाही के निर्देश हैं। 

पत्र में यह भी कहा गया कि सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 5 मार्च 2008 में दिनांक एक जनवरी 1989 से 31 दिसम्बर 1997 तक की अवधि में नियुक्ति दैनिक वेतनभोगी/तदर्थ नियुक्त कर्मचारियों को नियमितिकरण के निर्देश हैं। पत्र में आगे यह भी कहा गया कि निगम में जिलाध्यक्ष दर पर कार्यरत दो वाहन चालकों को किए गए नियमितिकरण शासन के निर्देशों के विपरित है। इसलिए नियम विरूद्ध नियमितिकरण को तत्काल निरस्त करते हुए विभाग को अवगत कराएं। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के संयुक्त सचिव के पत्र के आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यवासायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम के प्रबंध संचालक जीआर चुरेन्द्र ने बीते 18 अप्रेल को आदेश जारी कर दोनों ड्राइवरों के नियमितिकरण आदेश को रद्द कर दिया है।
 

यह है प्रबंध संचालक का आदेश

निगम के प्रबंध संचालक जीआर चुरेन्द्र ने अपने आदेश में कहा है कि निगम के आदेश क्रमांक/1413/अंत्या./ स्था./दै.वे.भो./नियमितिकरण/2016-17, रायपुर दिनांक 23 जनवरी 2017 द्वारा निगम में जिलाध्यक्ष दर पर कार्यरत प्रफुल्ल तिवारी और जितेन्द्र कुमार वर्मा वाहन चालक को नियमित किया गया था एवं पत्र क्रमांक 555, दिनांक 20 जुलाई 2017 तथा पत्र क्रमांक/1876, दिनांक 27 दिसम्बर 2017 द्वारा उक्त नियमितिकरण शासन द्वारा जारी प्रावधान के अनुरूप है अथवा नहीं के संबंध में मार्गदर्शन चाहा गया था। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा जारी पत्र के अनुसार उक्त नियमितिकरण को शासन के निर्देशों के विपरित बताया गया है एवं नियम विरूद्ध किए गए नियमितिकरण को तत्काल निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। उक्त निर्देश के परिपालन में पूर्व में जारी नियमितिकरण आदेश क्रमांक/1413/अंत्या./स्था./दै.वे.भो./ नियमितिकरण/ 2016-17, रायपुर दिनांक 23 जनवरी 2017 को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है। प्रबंध संचालक ने इस आदेश की प्रति सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के संयुक्त सचिव, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के आयुक्त, महालेखाकार, पंजीयक सहकारी संस्थाएं रायपुर, स्थानीय/लेखा शाखा निगम मुख्यालय नया रायपुर तथा संबंधित कर्मचारियों को भी प्रेषित की है। 

नियमितिकरण आदेश निरस्त

आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा जारी पत्र के अनुसार उक्त नियमितिकरण को शासन के निर्देशों के विपरित बताया गया है एवं नियम विरूद्ध किए गए नियमितिकरण को तत्काल निरस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। उक्त निर्देश के परिपालन में पूर्व में जारी नियमितिकरण आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया है।

- जीआर चुरेन्द्र, प्रबंध संचालक, छग अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम

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