जांजगीर-चांपा. रसोई गैस सिलेंडर की तर्ज पर ही अब किसानों को खाद की खरीदारी के लिए आधार नंबर अनिवार्य कर दिया गया है। जिन किसानों का आधार नंबर लिंक रहेगा, उन्हीं किसानों को रियायती दर पर खाद मिल सकेगी। नहीं तो बाजार मूल्य में महंगी कीमत पर खाद लेना पड़ेगा। केन्द्र सरकार की नई व्यवस्था से इस बार जिले में सरकारी और निजी दोनों केन्द्रों पर खाद की खरीदी-बक्री पीओएस मशीन के जरिए होगी। किसानों को खरीदारी करने के लिए अपना आधार नंबर जुड़वाना होगा। पिछले साल नई व्यवस्था को लागू करने ट्रायल किया गया था, जो सफल रहा।
उल्लेखनीय है कि खाद की कालाबाजारी रोकने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा नई व्यवस्था बनाई गई है, जिसके तहत किसानों को इसमें सब्सिडी भी मिलेगी। जिले में 206 उपार्जन केन्द्र हैं। जिन किसानों के पास आधार नंबर है, उसे आसानी से खाद मिल जाएगी। वे आधार नंबर जिला सहकारी बैंक या सोसाइटी में जाकर लिंक करा सकते हैं। किसानों को खाद आधार नंबर और अंगूठा निशानी के बाद ही मिलेगा। यहां बताना लाजिमी होगा कि खाद की खरीदी मई से शुरू हो चुकी है। जिन किसानों के पास आधार कार्ड नहीं है, वे लोक सेवा केन्द्र या आधार पंजीयन केन्द्रों में आधार कार्ड बनवा सकते हैं। जानकारी के अनुसार जिले में एक लाख 21 हजार पंजीकृत किसान हैं, जिसमें से अब तक करीब एक लाख 18 हजार किसानों का आधार नंबर बैंक खाता से लिंक हो चुका है। वहीं करीब तीन हजार किसानों ने अभी तक लिकिंग कार्य नहीं कराया है।
ऐसे होगा आधार लिंक
लिंक कराने के लिए किसानों को आधार कार्ड की फोटोकॉपी, अपने बैंक पासुबक की फोटोकॉपी जमा कराना होगा। जो किसान ऋण नहीं लेते हैं, वे निजी खाद विक्रेता से खाद खरीदारी करते हैं। वे यहां पर फार्म भर सकते हैं। ऋणी-अऋणी दोनों किसानों के फिंगर प्रिंट लिए जाएंगे।
अब नहीं होगी धोखाधड़ी
नई व्यवस्था से खाद खरीदी-बिक्री में बिचौलियों और डीलरों का हस्तक्षेप नहीं होगा, क्योंकि सब्सिडी का बिल ऑनलाइन काटा जाएगा। योजना में सब्सिडी के नाम पर किसानों के साथ होने वाली धोखाधड़ी पूरी तरह से बंद रहेगी। किसान के नाम ऑनलाइन बिल कटते ही सब्सिडी संबंधित किसानों के खाते ट्रांसफर हो जाएगी। मान लीजिए एक बोरी यूरिया की कीमत 1000 रुपए पर 700 रुपए सब्सिडी कंपनियों को सरकार देती थी। बाकी 300 रुपए प्रति बोरी यूरिया का दाम दुकानदार को देते थे। इससे अब उन्हें आसानी होगी और पैसे भी बचेंगे।
समितियों में पीओएस मशीन
वर्तमान में जिन किसानों के पास आधार कार्ड है, वे आधार नंबर नजदीक के खाद बिक्री केन्द्र में लिंक करा सकते हैं। सरकार और निजी खरीदार यानी दुकान या कंपनी के डीलर केन्द्रों पर खाद की खरीदारी पीओएस के माध्यम से ही की जाएगी। इसके लिए सभी सहकारी समितियों, इफ्को केन्द्र, पीसीएफ, डीसीएफ आदि निजी दुकानों पर पीओएस लगाई जाएगी। इसमें किसानों के आधार का नंबर दर्ज कर जैसे ही अंगूठा लगाएंगे, वैसे ही निर्धारित मूल्य की प्रिंटेड पर्ची निकलेगी।
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