शनिवार, 11 मार्च 2017

रमन मामा, आपकी साइकिल तो घटिया है!

विधायक ने किया घटिया साइकिलों का वितरण, साइकिल वितरण के नाम पर चल रहा गोरखधंधा

नवीन कदम@सक्ती. छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह की सरकार जब से बनी है तब से प्रदेश की उत्तरोत्तर विकास के लिए डॉ. रमन ने कई योजनाओं का शुभारंभ किया है। उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत सरस्वती साइकिल योजना का शुभारंभ किया है। केंद्रीय महिला नेत्री एवं मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने सक्ती प्रवास के दौरान पंडित दीनदयाल स्टेडियम में सभी बेटियों से कहा था कि रमन मामा ने बेटियों को साइकिल की सौगात दी है। इस स्लोगन का जोरदार स्वागत हुआ था। वर्तमान समय में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मंशा के अनुरूप साइकिल वितरण का कार्यक्रम तो हो रहा है, लेकिन साइकिल वितरण के नाम पर बिजनेस का गोरखधंधा भी चल पड़ा है। यहां साइकिल की गुणवत्ता पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं है एवं बेटियों को घटिया साइकिल दिया जा रहा है।
स्थानीय शासकीय गल्र्स स्कूल में आयोजित सरस्वती साइकिल योजना के तहत करीब 180 छात्राओं को साइकिल वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक डॉ. खिलावन साहू को मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित किया गया था। वहीं भाजपा के जिला उपाध्यक्ष रामअवतार अग्रवाल विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित थे। अन्य जनप्रतिनिधियों में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष नरेश गेवाडीन, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष कन्हैया गोयल सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे। क्षेत्रीय विधायक डॉ. साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धि देखी गई है। डॉ. रमन सिंह सरकार द्वारा जहां एक और नि:शुल्क शिक्षा, नि:शुल्क ड्रेस वितरण एवं नि:शुल्क साइकिल वितरण की योजना ने स्कूली बच्चों को लाभांवित किया है। वहीं शिक्षा का स्तर बढ़ाने भी प्रयास किया गया। यही कारण है कि अब प्रदेश के 99 फीसदी बच्चे स्कूल जाते हैं। सरस्वती साइकिल योजना के तहत साइकिल वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा जिला उपाध्यक्ष रामअवतार अग्रवाल ने कहा कि बेटियों को घर से स्कूल आने में परेशानी न हो एवं अधिक से अधिक बेटियों को शिक्षा प्राप्त हो सके, इसी मंशा से सरस्वती साइकिल योजना के तहत नि:शुल्क साइकिल का वितरण किया जाता है, जो सरकार की उपलब्धि को बताता है ।

पंचर मिली साइकिल

सरस्वती साइकिल योजना के तहत गल्र्स स्कूल सक्ती में वितरित की गई साइकिल में कई साइकिल पंचर स्थिति में पाए गए, जिसे छात्राओं को पैदल ले जाना पड़ा। इनके साथ आए कुछ पालकों का कहना था कि अभी साइकिल मिली ही है और हमें इस पर सौ पचास रुपए खर्च करने पड़ेंगे।

तीन घंटे करना पड़ा इंतजार

साइकिल वितरण के लिए कार्यक्रम का आयोजन तो दोपहर 2.30 बजे से किया गया था, लेकिन छात्राओं को 11 बजे से ही बुला लिया गया था। छात्राओं के पालकों का कहना था कि कुछ बच्चे साइकिल लेने के लिए बिना खाना खाए ही आए हुए हैं और इतना विलंब कार्यक्रम में किया गया है। इधर, कार्यक्रम में जब क्षेत्रीय विधायक उद्बोधन में शासन की योजना को छात्राओं को बता रहे थे, उसी समय एक छात्रा बेहोश होकर गिर पड़ी, जिसे तत्काल वहां से ले जाया गया।

ठेकेदार पर हो कार्यवाही

भाजपा की सरकार जहां कई महत्वपूर्ण योजनाओं को संचालित कर आम जनमानस को लाभ पहुंचाने का कार्य कर रही है। वहीं ऐसे योजनाओं में भ्रष्ट अधिकारी एवं ठेकेदार भ्रष्टाचार कर ऐसी योजनाओं का बंटाधार करने में लगे हैं। सरस्वती साइकिल योजना के तहत वितरण की गई साइकिल के मूल्य के अनुसार साइकिल प्रदान नहीं किया जा रहा है। अभी तक सक्ती विकासखंड में वितरित हुए साइकिल के बारे में अगर बात करें तो साइकिलों को अभी से सायकिल दुकान में मरम्मत के लिए ले जाना पड़ रहा है। नागरिकों ने ऐसे साइकिलों का भौतिक सत्यापन कर भ्रष्टाचार कर मोटी रकम कमाने वाले ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। ज्ञात हो कि इस योजना में बंदरबांट से जहां छात्राओं को घटिया साइकिल के चलते कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी और भाजपा सरकार की छवि खराब हो रही है। भाजपा के ही कुछ कार्यकर्ताओं ने नाम नहीं लेने की शर्त पर कहा कि साइकिल वितरण में जिस साइकिल का वितरण किया जा रहा है, उसमें घटिया पाट्र्स लगाए गए हैं। इनका मानना है कि टायर से लेकर के अन्य सामान भी घटिया है जो मापदंड में खरे नहीं उतरते।

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