शनिवार, 1 अप्रैल 2017

शराबबंदी को लेकर चांपा में विलंब से जागे कांग्रेसी, कांग्रेस के धरना-आंदोलन की सूचना चेंबर के जरिए हुई प्रसारित

गौरवपथ के किनारे शराब दुकान खोलने निर्माण प्रारंभ, फिर भी नहीं टूटी चुप्पी

 

चांपा. नगर में गौरवपथ के किनारे खुल रही शराब दुकान के विरोध में कांग्रेसियों ने शनिवार को स्थानीय उत्कृष्ट विधायक मोतीलाल देवांगन के नेतृत्व में प्रस्तावित शराब दुकान स्थल के पास जोर-शोर से धरना प्रदर्शन किया। वहीं आंदोलन के दौरान पहुंचे एसडीएम के आश्वासन पर कांग्रेसियों ने अपना धरना समाप्त किया। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी कांग्रेस का मुख्य एजेंडा है और खासकर जांजगीर और चांपा की बात करें तो जिला मुख्यालय में कांग्रेसियों ने सडक़ पर उतरकर इसके लिए आंदोलन भी किया था, लेकिन चांपा में शराबबंदी के लिए कांग्रेसियों द्वारा सडक़ पर उतरकर आंदोलन किए जाने में काफी विलंब किए जाने को लेकर यहां चर्चा का बाजार गरम है। इसके अलावा कांग्रेस के इस मुख्य एजेंडा वाले कार्यक्रम की सूचना चेंबर आफ कामर्स चांपा इकाई द्वारा प्रसारित कराना भी लोगों के समझ से परे है। 

चांपा के गौरवपथ, तहसील कार्यालय मार्ग के किनारे सहित अन्य जगहों पर शराब दुकान खुलना प्रस्तावित है। खासकर गौरवपथ और तहसील मार्ग के किनारे खुल रही शराब दुकान को लेकर वार्ड पार्षद सहित नगरवासियों ने अपना विरोध कलेक्टर सहित संबंधित अफसरों के पास दर्ज कराया है। राज्य सरकार द्वारा ठेका पद्धति बंद कर शराब बिक्री की कमान खुद के हाथों में लिया है। वहीं सेल्समेन, सुपरविजन सहित अन्य पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी कर ली गई है। वहीं एक अप्रैल से शराब दुकान खुलना निर्धारित है। ऐसे में शराबबंदी मुख्य एजेंडा लेकर चलने वाली कांग्रेस के विलंब से जागने को लेकर नगर में आज दिनभर चर्चा होती रही। कुछ लोगों का कहना है कि जब शराब दुकान संचालित करने के लिए गौरवपथ के किनारे स्थल चयन किया गया तो कांग्रेसियों की आपत्ति नाकाफी थी। 

वहीं जब शराब दुकान खोलने के लिए प्रस्तावित स्थल पर नींव खोदकर निर्माण प्रारंभ कराया गया, तब भी कांग्रेसियों की चुप्पी नहीं टूटी। अब जब एक अप्रैल से शराब दुकान खुलना तय है तो ऐसे में आंदोलन करना महज औपचारिता नहीं है। अहम बात यह है कि इस धरना प्रदर्शन की सूचना बीती रात चेंबर्स आफ कामर्स के माध्यम से प्रसारित कराई गई, जबकि हर बार की तरह इस बार भी नगर कांग्रेस अध्यक्ष के जरिए सूचना प्रसारित होनी थी। इसे लेकर भी कई तरह की चर्चा होती रही। 

उल्लेखनीय है कि प्रारंभ से ही चांपा के इन दोनों जगहों में खुल रही शराब दुकान को लेकर कांग्रेस शासित नगरपालिका अध्यक्ष पर मौन स्वीकृति के आरोप लगते रहे हैं। कहीं कांग्रेसियों द्वारा आंदोलन करने में हुए विलंब का कारण यही तो नहीं है। हालांकि नपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने इस बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए शराब दुकान खुलने का विरोध जताया है। बहरहाल, मामला जो भी हो, जनहित व नगरहित के मुद्दे पर दलगत राजनीति से उपर उठकर सभी को एकसाथ आवाज उठानी चाहिए। क्योंकि सदा से अनेक मामलों में चांपा की उपेक्षा होते आई है।

महंत ने बनाई आंदोलन से दूरी

नगर के कुछ लोगों का कहना है पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. चरण दास महंत शनिवार को अपने पिता व पूर्व मंत्री बिसाहूदास महंत की जयंती पर चांपा पहुंचे थे। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बीडीएम अस्पताल में स्थापित बीडी महंत की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किया, वहीं मरीजों को ब्रेड व फल का वितरण भी किया। इसके बाद वे जांजगीर में आयोजित कार्यक्रम के लिए निकल गए। यदि डॉ. महंत शराबबंदी के लिए आयोजित धरना प्रदर्शन में शामिल होते तो निश्चित ही आंदोलन की गरिमा और बढ़ जाती। डॉ. महंत की इस दूरी को गुटबाजी से भी जोडक़र देखा जा रहा है।

कश्मकश में नगर के भाजपाई

लोगों का कहना है कि चांपा में नि:शक्तजन वित्त एवं विकास निगम के प्रदेश अध्यक्ष, राज्य युवा आयोग के उपाध्यक्ष, उर्दू अकादमी के राज्य अध्यक्ष, राज्य हाथकरघा के अध्यक्ष सहित कई अन्य बड़े पदों पर अपनी बखूबी सेवा दे चुके भाजपाई निवासरत हैं, लेकिन रिहायशी इलाके और सरकार की योजना वाले गौरवपथ में खुल रही शराब दुकान के विरोध को लेकर भाजपाई कश्मकश में है। हालांकि यह बात भी सही है कि राज्य सरकार ने ही शराब बिक्री का निर्णय लिया है। ऐसे में भाजपाईयों द्वारा विरोध किया जाना यानी सरकार के निर्णय का विरोध है। नगर मंडल अध्यक्ष संतोष जब्बल ने कहा कि इस विषय में अब तक पार्टी से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है, लेकिन उनका व्यक्तिगत विरोध है।   

केवल गौरवपथ का ही विरोध क्यों!

यह बात भी लोगों की समझ से परे है कि कांग्रेसियों ने जब धरना आंदोलन किया तो उनकी मांग थी कि गौरवपथ के किनारे शराब दुकान न खोली जाए। यहां रिहायशी इलाका के अलावा कॉलेज, सरकारी कार्यालय, गार्डन सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं का हवाला दिया गया। वहीं तहसील मार्ग के किनारे खुल रही शराब दुकान के संबंध में विरोध तो दूर चर्चा तक नहीं हुई। इसे लेकर भी लोग सवाल उठा रहे हैं। क्या यह वार्ड भाजपा पार्षद वाला है इसलिए यहां के संबंध में आपत्ति नहीं जताई गई, जबकि यहां भी कई सरकारी कार्यालय के अलावा यह रिहायशी इलाका है। ऐसे में कांग्रेसियों ने जब आंदोलन किया तो इसे भी शामिल किया जाना था।

आश्वासन का थमाया गया झुनझुना

गौरवपथ पर खुल रही शराब दुकान के विरोध में कांग्रेसी विधायक मोतीलाल देवांगन के नेतृत्व में जब धरना प्रदर्शन कर रहे थे, तभी चांपा के नवनियुक्त एसडीएम युगलकिशोर उर्वशा ने मौके पर पहुंचकर उन्हें समझाइश दी। वहीं एसडीएम ने जल्द जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में एक बैठक आयोजित कर इस मुद्दे पर चर्चा कर निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया। इसके बाद कांग्रेसियों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया। सभी जानते हैं सरकार को जहां दुकान खोलना है वहां खुलकर ही रहेगी। जिस तरह पावर प्लांटों की स्थापना के लिए जब जनसुनवाई होती है तो उसमें अधिकांश लोग विरोध दर्ज कराते हैं, लेकिन फिर भी प्लांट खुल जाता है।

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