रविवार, 9 सितंबर 2018

जूदेव सर्मथकों ने अपनी ही पार्टी के दिव्यांग कार्यकर्ता को जमकर पीटा, अटल स्मृति दूत प्रशिक्षण शिविर के दौरान की पिटाई, डभरा में लगी थी शिविर

जांजगीर-चांपा। भारतीय जनता पार्टी और इस पार्टी के पदाधिकारी भले ही अपनी पार्टी को अनुशासित पार्टी कहकर वाहवाही बटोरते हैं, लेकिन इस पार्टी में आखिरकार कितना अनुशासन है, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण डभरा में आयोजित अटल स्मृति दूत प्रशिक्षण शिविर के दौरान देखने को मिला। शिविर के दौरान चंद्रपुर विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव के खिलाफ हल्ला बोलना पार्टी के ही एक वरिष्ठ एवं दिव्यांग कार्यकर्ता को उस वक्त महंगा पड़ गया, जब जूदेव समर्थकों ने उस कार्यकर्ता की जमकर पिटाई कर दी। यह पिटाई तब हुई, जब पार्टी के दर्जनों वरिष्ठ पदाधिकारी वहां मौजूद थे। इस मामले को लेकर विधायक जूदेव और उनके समर्थकों की खूब किरकिरी हो रही है। वहीं इस घटना को लेकर क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में गहरा आक्रोश भी है। हालांकि इस मसले पर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अब तक अपना मंुह नहीं खोला है, लेकिन हालात यदि इसी तरह बने रहे तो चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की छीछालेदर होने से इंकार नहीं किया जा सकता। 

उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी समेत तमाम् राजनैतिक पार्टियां आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर युद्धस्तर पर तैयारियां कर रही है। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी द्वारा जिले के चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के डभरा स्थित अग्रसेन भवन में अटल स्मृति दूत प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। बताया जा रहा है कि उक्त कार्यक्रम के दौरान चंद्रपुर विधायक युद्धवीर सिंह जूदेव के समर्थकों ने अपने ही पार्टी के एक दिव्यांग वरिष्ठ कार्यकर्ता की जमकर पिटाई कर दी। जानकारी के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता एवं जनपद पंचायत मालखरौदा के पूर्व अध्यक्ष घनश्याम प्रसाद चंद्रा कार्यक्रम में उपस्थित पर्यवेक्षक एवं कार्यक्रम प्रभारी को चंद्रपुर विधानसभा की वास्तविक स्थिति से अवगत करवा रहे थे। 

घनश्याम प्रसाद चंद्रा
वे विधायक जूदेव की नाकामी को गिना रहे थे। उनका कहना था कि चंद्रपुर विधायक जूदेव अपने क्षेत्र में कभी आते ही नहीं। पिछले 10 वर्षों में क्षेत्र में जिस प्रकार विकास होना था, वह विकास होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। इस तरह की कई समस्याओं को लेकर वे पार्टी के पदाधिकारियों से चर्चा कर रहे थे, जो जूदेव समर्थकों को रास नहीं आई और उन्होंने दिव्यांग कार्यकर्ता चंद्रा की जमकर पिटाई कर दी। साथ ही उन्हें धक्के मारते हुए कार्यक्रम स्थल से बाहर भी निकाल दिया। खास बात यह है कि इस वाक्ये को कार्यक्रम के मंच पर आसीन पार्टी के पदाधिकारी देखते रहे। हद तो तब हो गई, जब उन्होंने जूदेव समर्थकों को ऐसा करने से रोकने की कोशिश भी नहीं की। बहरहाल, इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि विधायक समर्थकों द्वारा चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ किस तरह का सुलूक किया जा रहा है। इस संबंध में पीड़ित घनश्याम प्रसाद चंद्रा का कहना है कि वे मामले की शिकायत पार्टी आलाकमान से करेंगे। साथ ही मामले की शिकायत थाने में भी दर्ज करवाई जाएगी।


नाकामी बताने पर की मारपीट

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में विधायक की नाकामी बताने पर इसी तरीके से कार्यकर्ताओं के साथ सुलूक किया जाता है। वहीं शिविर के दौरान जो मारपीट हुई है, यह कोई बाहरी नहीं, बल्कि जूदेव समर्थकों ने की है। प्रत्यक्षदर्शियों का यह भी कहना है कि पार्टी ने जिन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है, वे बीजेपी के प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे थे, जिसके बाद विधायक की नाकामी बताने पर दिव्यांग वरिष्ठ बीजेपी कार्यकर्ता के साथ मारपीट करते हुए उन्हें घसीटकर बाहर ले गए। 


कांग्रेसियों ने की घटना की निंदा

कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। कांग्रेस के पदाधिकारियों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी अपने आपको अनुशासित पार्टी तो बताती है लेकिन वाकई क्या है, इस कार्यक्रम में हुई घटना से समझ आ गया है। कांग्रेसियों का कहना है कि जहां अपने ही पार्टी के कार्यकर्ता के साथ मारपीट की जाती है, उस पार्टी और उसके विधायक से आखिर क्या उम्मीद की जा सकती है। कांग्रेसियों का कहना है कि चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा में साफ तौर से गुटबाजी दिख रही है। इसका फायदा आगामी चुनाव में कांग्रेस को जरूर मिलेगा।


मारपीट को बताया सामान्य घटना

प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे प्रशिक्षण प्रभारी पुरन्दर मिश्रा से जब मामले की जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि यह उनका परिवार है। परिवार में छोटी-मोटी बातें होती रहती हैं। गौरतलब है कि प्रशिक्षण प्रभारी ने तो यह कह दिया कि यहां छोटी-मोटी बातें होती रहती है, लेकिन चंद्रपुर विधानसभा में क्या गुटबाजी हो रही है, यह साफ दिखाई दे रहा है। एक तरफ जूदेव तो दूसरी तरफ बीजेपी दिखाई दे रही है। वहीं जब परिवार की बात कही जा रही है तो परिवार में समस्याएं बताई भी जाती है, लेकिन मारपीट होना समझ से परे है। वही इस गुटबाजी का फायदा विपक्षी पार्टी को मिल सकता है। साथ ही यह भाजपा के लिए नुकसानदायक हो साबित सकती है।

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