मंगलवार, 25 अप्रैल 2017

अब फल कारोबारियों को लेना होगा लाइसेंस, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग का फरमान

जांजगीर-चांपा. फलों को केमिकल से तैयार करने की मिल रही शिकायतों और इस पर कृषि वैज्ञानिकों की चिंता को संज्ञान में लेते हुए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने फलों के थोक व चिल्हर कारोबारियों को फूड एण्ड सेफ्टी लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। जिले में तैनात खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को भी इस आदेश का परिपालन करवाने का निर्देश जारी हो गया है। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कई जिलों में लिक्विड केमिकल से केले को पकाते हुए कुछ कारोबारियों को रंगे हाथों पकड़ा था, लेकिन यह कारोबार अब दूसरे रूप में सामने आ रहा है। समय से पहले फलों को पकने के लिए ग्रोथ रेग्यूलेटर की मदद ली जा रही है। फल वैज्ञानिकों ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि इस तरह की प्रक्रिया अपनाने से फलोंं की प्राकृतिक गुणवत्ता पूरी तरह खत्म हो सकती है। साथ ही जिस केमिकल की मदद इस काम में ली जा रही है, उस के कुछ अंश फलों में आ रहे हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकते हैं। विभाग का मानना है इससे जवाबदेही बढ़ेगी और आम उपभोक्ताओं तक सही गुणवत्ता वाले फलों की पहुंच सुनिश्ति की जा सकेगी।

ट्रांसपोर्टरों पर भी सख्ती

विभाग यही पर नहीं रुका है, उसने फलों का परिवहन करने वाली ट्रांसपोर्ट कंपनियों पर भी शिकंजा कसते हुए उन्हें भी फूड एवं सेफ्टी लाइसेंस लेने के आदेश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया है कि वे जल्द से जल्द लाइसेंस बनवाएं। जांच में पकड़े गए तो फूड सेफ्टी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। यहां यह बता देना जरूरी होगा कि कोल्ड स्टोरेज को पहले से ही इस नियम के दायरे में रखा जा चुका है।

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