मंगलवार, 26 सितंबर 2017

चौंक जाएंगे आप! यहां तीसरी कक्षा के बच्चे फटाफट बोलते हैं अंग्रेजी, नवाचार अपनाकर अंग्रेजी की शिक्षिका अर्चना निखार रहीं बच्चों की प्रतिभा

राजेंद्र राठौर @ जांजगीर-चांपा. प्राइवेट स्कूलों में बेहतर पढ़ाई होती है, वहां के बच्चे फटाफट अंग्रेजी बोलते हैं, यह कहते हुए अधिकांश लोगों के मुंह से आपने निश्चित ही सुना होगा, लेकिन सरकारी स्कूल के बच्चे भी किसी मामले में पीछे नहीं है, यह हम नहीं, बल्कि शासकीय प्राथमिक शाला मुड़पार के बच्चे स्वयं साबित कर रहे हैं। जी हां, इस स्कूल के कक्षा तीसरी में पढऩे वाले बच्चों की अंग्रेजी सुनकर अच्छे-अच्छे चौंक जाएंगे। यहां के बच्चे एक स्वर में फटाफट अंग्रेजी बोलते हैं। वे सवालों के जवाब भी अंग्रेजी में देते हैं। यह सब संभव हो सका है यहां पदस्थ अंग्रेजी शिक्षिका के कठिन परिश्रम और नवाचार से। नवाचार अपनाकर उस शिक्षिका ने इस स्कूल के बच्चों की प्रतिभा को निखारने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
शासकीय स्कूलों की पढ़ाई के स्तर को लेकर अभिभावकों मेें हमेशा निराशा रहती है। मध्यमवर्गीय परिवार से लेकर उच्च वर्ग, खासकर व्यापारी, अधिकारी और मंत्री-विधायक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने को अपनी तौहिन समझते हैं, लेकिन लोगों की इस मानसिकता को अकलतरा विकासखंड के अंतर्गत ग्राम मुड़पार में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला में कार्यरत अंगे्रजी विषय की शिक्षिका अर्चना शर्मा ने बदलने का बीड़ा उठाया है। वे पाठ्यक्रम की पढ़ाई बच्चों को नवाचार के जरिए करवा रही हैं। आप पढ़ रहे है Dainik Navin Kadam. खेल-खेल में पाठ्यक्रम की पढ़ाई करवाने के साथ ही बच्चों को अंग्रेजी विषय में दक्ष बनाने शिक्षिका शर्मा ने कमर कस ली है। उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति और कठिन परिश्रम की वजह से इस स्कूल के कक्षा तीसरी के बच्चे आज फटाफट अंग्रेजी बोलने में सक्षम हो सके हैं। इस स्कूल में कार्यरत शिक्षिका शर्मा द्वारा अपनाए जा रहे नवाचार की जानकारी मंगलवार को जब मिली तो तत्काल मुड़पार स्थित स्कूल पहुंचकर वास्तविकता का जायजा लिया गया। इस दौरान कक्षा तीसरी के बच्चों ने जिस तरह फटाफट अंग्रेजी बोले, वह सुनकर चौंकना स्वभाविक है। मगर यह उस विद्यालय में पदस्थ शिक्षकों के लिए एक दिनचर्या में शामिल हो गया है, इसलिए वो इसे सामान्य ढंग से ले रहे थे।  


आप पढ़ रहे है Dainik Navin Kadam. उत्सुकतावश जब बच्चों से पांच पक्षियों, पांच फलों, पांच रंगों के नाम अंग्रेजी में पूछे गए तो उन्होंने बिना थिरके जवाब देना शुरू कर दिया। सिर्फ इतना ही नहीं, प्रत्येक बच्चे ने अपने संबंध में अंग्रेजी में जानकारी दी तथा अंग्रेजी की कई कविताएं भी प्रस्तुत की। इस नवाचार के संबंध में शिक्षिका शर्मा से जब जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि उनकी मूल पदस्थापना शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला किरारी में है, लेकिन युक्तियुक्तकरण के तहत उन्हें मुड़पार के इस स्कूल में संलग्र कर दिया गया है। आप पढ़ रहे है Dainik Navin Kadam. दो साल पहले संलग्नीकरण आदेश के तहत जब वे पहली बार इस स्कूल में पहुंची तो मन में कई सवाल उठ रहे थे। मूल शाला नहीं होने की वजह से वे कुंठित महसूस कर रही थीं, लेकिन सारी कुंठाओं को उन्होंने मन से निकालकर बच्चों के भविष्य के लिए कुछ नया करने की ठानी और दो साल की मेहनत के परिणामस्वरूप इस स्कूल के बच्चे आज अंग्रेजी बोलने में दक्ष हो गए। आप पढ़ रहे है Dainik Navin Kadam. शिक्षिका शर्मा ने आगे बताया कि वे नवाचारी तरीके से बच्चों को पढ़ाकर उसका वीडियो क्लिप भी तैयार करती हैं, जिसे संकुल के शिक्षकों के अलावा यू-ट्युब में भी शेयर करती हैं, ताकि उस नवाचार से अन्य शिक्षक भी प्रभावित हों और ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इसका लाभ मिले। शिक्षिका शर्मा के इस प्रयास से न केवल बच्चों में आत्मविश्वास जगा है, बल्कि वे प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को अंग्रेजी विषय में मात देने पूरी तरह से तैयार हैं।
 

हर बच्चे की जुबान पर रटे हैं जवाब

शासकीय प्राथमिक शाला मुड़पार में अध्ययनरत् हर बच्चे की जुबान पर अंग्रेजी विषय से संबंधित सभी सवालों का जवाब रटा हुआ है। शिक्षिका शर्मा जैसे ही प्रश्न करती हैं, वैसे ही प्रत्येक विद्यार्थी उस प्रश्न का जवाब देने के लिए आतुर हो जाता है। प्रत्येक विद्यार्थी हाथ उठाकर सवाल का जवाब देने तैयार रहते हैं। शिक्षिका शर्मा उन्हें विषयगत शिक्षा के साथ ही खेलकूद तथा अन्य नवाचार अपनाकर पारंगत बनाने हरसंभव कवायद कर रही हैं।
 

प्राइवेट स्कूलों से कहीं बेहतर पढ़ाई

एक दशक पहले शासकीय प्राथमिक शाला मुड़पार की शिक्षा व्यवस्था अत्यंत दयनीय थी। इसी वजह से यहां अच्छे शिक्षक भी पदस्थ होना नहीं चाहते थे, लेकिन ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों के समन्वित प्रयास से यह स्कूल आज पूरे विकासखंड का नंबर वन स्कूल हो चुका है। यहां प्राइवेट स्कूलों से कहीं बेहतर पढ़ाई हो रही है। स्कूूल के प्रधानपाठक ने बताया कि शिक्षा गुणवत्ता अभियान के तहत पूर्व में इस स्कूल को सी ग्रेड प्राप्त हुआ था, लेकिन शिक्षिका शर्मा सहित अन्य शिक्षकों के समन्वित प्रयास से इस स्कूल के शिक्षा स्तर में काफी सुधार आया है और उच्चाधिकारियों ने इस स्कूल को ए ग्रेड में शामिल करने की अनुशंसा की है।
 

समूचे संकुल में नवाचार की योजना

शिक्षिका अर्चना शर्मा ने चर्चा के दौरान बताया कि उनके दो बच्चे हैं, जिनकी शिक्षा को लेकर वे हमेशा चिंतित रहती हैं। उनका कहना है कि जब हम अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित हैं तो उन बच्चों की शिक्षा को लेकर प्रयास करने में क्या हर्ज है, जिन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी शासन ने हमें सौंपी है। इसलिए नवाचार के जरिए बच्चों को पारंगत बनाने का प्रयास किया जा रहा है। संकुल प्रभारी अनुभव तिवारी ने बताया कि शिक्षिका शर्मा का नवाचार काबिले तारीफ है। नवाचार को पूरे संकुल में लागू करने की कवायद चल रही है। उच्चाधिकारियों ने इस नवाचार की काफी सराहना भी की है। जल्द ही बेहतर परिणाम सामने आने की संभावना है।

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