जांजगीर-चांपा. मुंबई में बॉलीबुड के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ जिले की दिव्यांग बेटी एवं डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल मेगा शो कौन बनेगा करोड़पति नहीं खेल पाएगी। इस शो में भाग लेने के लिए अनुराधा ने सामान्य प्रशासन मंत्रालय में आवेदन किया था। आवेदन पर विचार करने के बाद सामान्य प्रशासन मंत्रालय ने उन्हें मेगा शो में भाग लेने की अनुमति नहीं दी है। राज्य शासन के इस फैसले से अनुराधा के शुभचिंतकों सहित जिलेवासियों में निराशा है।
दरअसल, मुंबई में बॉलीबुड के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन के मेगा शो कौन बनेगा करोड़पति के लिए जिले की सक्ती निवासी तथा मुंगेली की परिवीक्षाधीन डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल का चयन हुआ था। इससे जिलेवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। दिव्यांग अनुराधा को सभी ने बधाईयां दी और लोग उस घड़ी के इंतजार में थे, जब दिव्यांग अनुराधा हॉट सीट पर बैठकर महानायक अमिताभ बच्चन के सवालों का जवाब देगी और लोग उन्हें टीवी पर देखेंगे, लेकिन लोगों की यह तमन्ना अब पूरी होने वाली नहीं है। जानकारी के अनुसार, इस शो में भाग लेने के लिए दिव्यांग अनुराधा ने सामान्य प्रशासन मंत्रालय में अर्जी दी थी। सामान्य प्रशासन मंत्रालय ने आवेदन पर विचार करने के बाद दिव्यांग अनुराधा को मेगा शो में भाग लेने की अनुमति नहीं दी। बताया जा रहा है कि दिव्यांग अनुराधा के आवेदन को मुंगेली कलेक्टर ने सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा था। विभाग ने परिवीक्षाधीन डिप्टी कलेक्टर अनुराधा के आवेदन पर विचार करने के बाद उसे अमान्य कर दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग के उपसचिव एमआर ठाकुर ने मुंगेली कलेक्टर को दिव्यांग अनुराधा की अर्जी अपात्र किए जाने के संबंध में पत्र प्रेषित किया है। इसकी प्रतिलिपि बिलासपुर संभाग के आयुक्त टीसी महावर को भी भेजी गई है। बहरहाल, राज्य शासन के इस फैसले से जिलेवासियों में गहरी निराशा है। वहीं लोगों का यह भी कहना है कि एक तरफ सरकार यह कहती है कि दिव्यांगों को हर क्षेत्र में बढ़ावा दिया जाएगा, लेकिन दिव्यांग डिप्टी कलेक्टर अनुराधा के मामले में राज्य सरकार ने दोहरी नीति अपनाकर यह साबित किया है कि सरकार की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है।
जिले में दे चुकी है अपनी सेवाएं
सक्ती की दिव्यांग बेटी अनुराधा कुछ वर्ष पहले कलेक्टोरेट जांजगीर-चांपा में अपनी सेवा दे चुकी है। यहां काम करने के दौरान ही अनुराधा राज्य लोक सेवा आयोग में पहले नायब तहसीलदार के पद पर चयनित हुई। इसके बाद वह अपनी प्रतिभा के बल पर छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग में डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई थी। वर्तमान में वे परिवीक्षा अवधि में मुंगेली जिले में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ है। अनुराधा नि.शक्त है। वे वॉकर के सहारे चलती-फिरती है।
अर्जी रद्द किए जाने पर सवाल
राज्य शासन द्वारा दिव्यांग अनुराधा की अर्जी रद्द किए जाने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि राज्य सरकार का यह निर्णय व्यक्ति की स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों का हनन है। विधि के जानकारों की मानें तो भारतीय संविधान में भारत के नागरिकों को संविधान के अनुच्छेद 15, 16, 19, 29 एवं 30 में दिए गए अधिकारों का राज्य शासन ने सीधे तौर पर हनन है। लोगों का यह भी कहना है कि नियम सभी शासकीय सेवकों के लिए समान होना चाहिए। ज्ञात हो कि फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन के शो कौन बनेगा करोड़पति के कई शो में अर्द्धसैनिक बल, सीआरपीएफ, पुलिस के अधिकारियों को भाग लेने की अनुमति दी गई थी, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को इस शो में भाग लेने की अनुमति नहीं देकर राज्य शासन ने देश के नागरिक को संविधान में मिले अधिकारों का सीधे तौर पर हनन किया है।
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