शनिवार, 23 सितंबर 2017

जगदीश के परिजनों को न्याय दिलाने लड़ेंगे सडक़ की लड़ाई, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के पदाधिकारियों ने ली प्रेसवार्ता

जांजगीर-चांपा. ग्राम कुरदा निवासी किसान जगदीश बघेल द्वारा बीते सोमवार को कलेक्टोरेट में जहर सेवन कर खुदकुशी किए जाने के मामले में विपक्षी दलें सक्रिय हो गई हैं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के पदाधिकारियों ने पार्टी सुप्रीमो अजीत जोगी के मार्गदर्शन में मृतक जगदीश के परिजनों को न्याय दिलाने सडक़ की लड़ाई लडऩे की बात कही है। जकांछ के पदाधिकारियों का कहना है कि इस मामले को लेकर कलेक्टर पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। ऐसे में कलेक्टर को बर्खास्त किया जाए तथा मृतक जगदीश के परिजनों को एक करोड़ रुपए मुआवजा, सरकारी नौकरी तथा बच्चों की उच्च शिक्षा का संपूर्ण खर्च शासन वहन करे। ऐसा नहीं होने पर जकांछ शासन-प्रशासन के खिलाफ लगातार उग्र आंदोलन करेगी।

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के पदाधिकारियों ने शनिवार को जिला मुख्यालय जांजगीर के एक हॉटल में प्रेसवार्ता ली, जिसमें कलेक्टोरेट जनदर्शन में किसान जगदीश की मौत को लेकर जकांछ की आगामी रणनीति की विस्तृत जानकारी दी। प्रेसवार्ता में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश महामंत्री मो. इब्राहिम मेमन, गौ सेवक विभाग के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष गिरधारी यादव, जांजगीर-चांपा जिलाध्यक्ष संतोष गुप्ता, सक्ती जिलाध्यक्ष गीतांजलि पटेल, जिला पंचायत सदस्य संदीप यादव, महिला विभाग की अध्यक्ष वर्षा सिंह सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। इस दौरान प्रदेश महामंत्री मो. इब्राहिम मेमन ने बताया कि पार्टी सुप्रीमो अजीत जोगी के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए 11 सदस्यीय टीम गठित की गई है। जांच टीम के सदस्य इस मामले की जांच के लिए किसान जगदीश के गृहग्राम कुरदा पहुंचे थे, जहां उसके परिजनों से मुलाकात कर घटना से संबंधित जानकारी ली गई। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तैयार कर ली गई है, जिसे पार्टी सुप्रीमो अजीत जोगी को सौंपी जाएगी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में भाजपा सत्ता पर जरूर काबिज है, लेकिन उसे प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस का खुला समर्थन मिल रहा है। किसान जगदीश की आत्महत्या के मामले को लेकर जकांछ सडक़ की लड़ाई लड़ेगी। यदि कांग्रेस हमारे साथ में मिलकर विपक्ष की भूमिका निभाना चाहती है तो स्वागत है। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण को लेकर हम सतत् संघर्ष करने तैयार हैं। बड़ी विडम्बना की बात यह है कि सूदखोरों की प्रताडऩा से त्रस्त होकर किसान जगदीश पिछले चार साल से थाना और कलेक्टोरेट के चक्कर लगा रहा था। संबंधित अफसरों ने उसकी फरियाद सुनकर न्याय दिलवाने के बजाय उल्टा उसे ही सूदखोर करार दे दिया। कर्ज और गरीबी के बोझ तले दबे एक किसान को सूदखोर साबित करना निंदनीय है। 

जांजगीर-चांपा जिलाध्यक्ष संतोष गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि घटना के बाद जिला अस्पताल में मृतक जगदीश की पत्नी को उसके शव को देखने तक नहीं दिया गया। कागजात से भरा थैला गायब करवा दिया गया, यह प्रशासन की सोंची समझी चाल नहीं तो और क्या है। उन्होंने आगे कहा कि हिन्दू धर्म में सूर्यास्त के बाद शव के अंतिम संस्कार का रिवाज नहीं है, लेकिन जिला प्रशासन ने पुलिस बल की मौजूदगी में रात में ही शव का अंतिम संस्कार करवा दिया, जो निंदनीय है। प्रशासन को यह मालूम होना चाहिए कि जिसे उसने सूदखोर करार दिया है, उसके घर में बैठने के लिए प्लास्टिक की एक कुर्सी तक नहीं है। वह आखिर क्या सूदखोरी करेगा। उन्होंने आगे कहा कि जकांछ, शासन-प्रशासन से मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए मुआवजा, मृतक जगदीश की पत्नी केराबाई को शासकीय नौकरी और उसके एक पुत्र तथा पुत्री के उच्च शिक्षा की व्यवस्था सहित मानसिक रूप से अस्वस्थ्य एक पुत्र के उपचार की सारी व्यवस्था किए जाने की मांग कर रही है। उन्होंने बताया कि आगामी पांच से सात अक्टूबर के बीच पार्टी सुप्रीमो अजीत जोगी, विधायक अमित जोगी सहित पार्टी के अन्य नेता यहां पहुंचेंगे, उनकी मौजूदगी में किसान जगदीश की मौत की लड़ाई को बड़ा स्वरूप दिया जाएगा। 

सक्ती जिलाध्यक्ष गीतांजलि पटेल ने कहा कि जांजगीर-चांपा जिला वैसे तो 95 फीसदी सिंचित जिला कहलाता है, इसके बावजूद इस जिले के किसान कर्ज तले दबकर आत्महत्या करने मजबूर हैं, यह दुर्भाग्य नहीं तो और क्या है। उन्होंने कहा कि इस मामले में शासन द्वारा कलेक्टर सहित उन सभी अधिकारियों को बर्खास्त किया जाना चाहिए, जो घटना के दौरान मौजूद थे और अब इस मामले में लीपापोती कर रहे हैं। यदि ऐसा नहीं होता है तो जकांछ आगामी समय में सडक़ की लड़ाई लडऩे तैयार है।

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