सोमवार, 18 सितंबर 2017

शव वाहन को ग्रामीणों ने रोका, मृतक जगदीश के परिजनों को रोजगार तथा उचित मुआवजा देने की रखी मांग

जांजगीर-चांपा. जिला प्रशासन को बार-बार आवेदन दिए जाने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं निकलने से परेशान एक किसान ने सोमवार को कलेक्टोरेट में आयोजित साप्ताहिक जनदर्शन में कलेक्टर के सामने ही जहर पी लिया, जिससे उसकी हालत बिगडऩे लगी और वह गश खाकर गिर पड़ा।  जिला अस्पताल पहुंचते ही उस किसान ने दम तोड़ दिया। इधर, जिला अस्पताल जांजगीर में पोस्टमार्टम होने के बाद कृषक जगदीश बघेल के शव को शासकीय शव वाहन से उसके गृहग्राम कुरदा के लिए रवाना किया गया। शव वाहन जैसे ही ग्राम कुरदा के बाहर पहुंचा, तभी वहां पहले से बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने परिजनों के साथ मिलकर शव वाहन को रोक लिया। ग्रामीणों का कहना था कि यह घटना कलेक्टोरेट में कलेक्टर के समक्ष हुई है। ऐसे में घटना की संपूर्ण जिम्मेदार कलेक्टर की बनती है। कलेक्टर इस मामले की तत्काल जांच करवाएं तथा मृतक जगदीश के परिजनों को रोजगार तथा उचित मुआवजा प्रदान करें।

दरअसल, चांपा तहसील अंतर्गत ग्राम कुरदा निवासी जगदीश बघेल लघु कृषक था। उसके पास महज डेढ़ एकड़ खेत था और वह भी उसके ही किसी रिश्तेदार के पास गिरवी था। इस वजह से वह काफी परेशान था। बताया जा रहा है कि आर्थिक सहायता सहित अन्य मामलों को लेकर वह पहले भी कलेक्टोरेट जनदर्शन में गुहार लगाने आया था, लेकिन जिला प्रशासन के अफसर उसकी फरियाद सुन उचित पहल नहीं कर रहे थे। पिछले बार की तरह जगदीश सोमवार को भी कलेक्टोरेट जनदर्शन में अपनी समस्या लेकर पहुंचा। वह अन्य फरियादियों के साथ कतार लगाकर खड़ा था। इसी दौरान अचानक उसने जहर पी लिया, जिससे उसकी हालत बिगडऩे लगी और वह मौके पर ही गश खाकर गिर पड़ा। इससे कलेक्टोरेट में कोहराम मच गया। कलेक्टोरेट के अफसर सकते में आ गए और मौके पर मौजूद जांजगीर एसडीएम अजय उरांव सहित अन्य अफसरों ने बेसुध जगदीश को जिला अस्पताल पहुंचाने की कवायद शुरू की। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद जगदीश को मृत घोषित कर दिया। जिला अस्पताल जांजगीर में पोस्टमार्टम होने के बाद कृषक जगदीश बघेल के शव को शासकीय शव वाहन से उसके गृहग्राम कुरदा के लिए रवाना किया गया। शव वाहन जैसे ही ग्राम कुरदा के बाहर पहुंचा, तभी वहां पहले से बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीणों ने परिजनों के साथ मिलकर शव वाहन को रोक लिया। 

परिजन एवं ग्रामीणों का आरोप था कि मृतक जगदीश अपनी समस्या लेकर कई मर्तबा कलेक्टर के समक्ष गुहार लगाने गया था, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही थी। वहीं सूदखोर लगातार जगदीश को मानसिक रूप से परेशान कर रहा था। इस वजह से जगदीश ऐसा कदम उठाने मजबूर हुआ है। ग्रामीणों का कहना था कि यह घटना कलेक्टोरेट में कलेक्टर के समक्ष हुई है। ऐसे में घटना की संपूर्ण जिम्मेदार कलेक्टर की बनती है। कलेक्टर इस मामले की तत्काल जांच करवाएं तथा मृतक जगदीश के परिजनों को रोजगार तथा उचित मुआवजा प्रदान करें। ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दी गई। मौके पर चांपा एसडीएम यूके उर्वशा, एसडीओपी उद्यन बेहार तथा चांपा तहसीलदार सरस्वती बंजारे देर शाम तक सदलबल मौजूद रहे। अफसरों की समझाइश पर ग्रामीणों ने शव को किसी तरह मृतक के घर तक जाने दिया। बताया जा रहा है कि प्रशासन की ओर से मृतक के परिजनों को तत्कालीक आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई है। वहीं घटना के बाद से एहतियात के तौर पर गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

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