राजेंद्र राठौर@जांजगीर-चांपा. ग्राम कुरदा निवासी किसान जगदीश बघेल द्वारा बीते दिनों कलेक्टर जनदर्शन में जहर सेवन कर खुदकुशी किए जाने के बाद जिला प्रशासन, खासकर कलेक्टर के मन में ऐसा खौफ बैठ गया है कि उन्हें अपने चेंबर के बाहर पांच गार्ड तैनात करना पड़ा है। चेंबर के बाहर तैनात गार्ड पहले फरियादियों की पूरी तलाशी लेते हैं। इसके बाद ही उन्हें कलेक्टर से मिलने की अनुमति दी जाती है। बात चाहे सामान्य दिनों की हो या फिर साप्ताहिक जनदर्शन की, संपूर्ण तलाशी बगैर कोई भी फरियादी, कलेक्टर से मिल ही नहीं सकता।
उल्लेखनीय है कि चांपा तहसील के अंतर्गत ग्राम कुरदा निवासी किसान जगदीश बघेल ने पखवाड़े भर पहले कलेक्टोरेट जनदर्शन में जहर सेवन कर खुदकुशी कर ली थी। इस घटना के बाद जमकर बवाल मचा था। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर जहां जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था। वहीं जिला प्रशासन ने संपूर्ण घटना की जांच करवाकर मामले में उचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था। घटना की जांच को लेकर जिला प्रशासन ने चांपा एसडीएम यूके उर्वशा को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। वहीं प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस, बसपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष और सुप्रीमों ने पार्टी की ओर से जांच टीमें बनाई थी। कलेक्टोरेट में हुई इस घटना को लेकर कई दिनों तक हो-हल्ला होता रहा है। इधर, जैसे ही मामला शांत हुआ, ठीक वैसे ही जिला प्रशासन ने अपनी चाल चली। कलेक्टोरेट में भविष्य में इस तरह की घटना न हो, यह ध्यान में रखते हुए कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने अब अपने चेंबर के बाहर पांच गार्डों की तैनाती कराई है।
नगरसेना के ये पांचों गार्ड कलेक्टोरेट खुलने के समय से लेकर बंद होने के समय तक कलेक्टर डॉ. भारतीदासन के चेंबर के बाहर तैनात रहते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, कलेक्टर से मिलने पहुंचे सभी फरियादियों की ये गार्ड पूरी तलाशी भी लेते हैं। वे फरियादी के पूरे शरीर के अलावा पास उपलब्ध थैले और बैग की भी सूक्ष्म जांच करते हैं, जिसके बाद ही उन्हें कलेक्टर के चेंबर में प्रवेश की अनुमति दी जाती है। ऐसा केवल सामान्य दिनों में ही नहीं, बल्कि साप्ताहिक जनदर्शन के दिन भी होता है। जनदर्शन के दिन भी कोई फरियादी बगैर तलाशी कलेक्टर से मिल नहीं सकता। बताया जा रहा है कि किसान जगदीश की मौत से सबक लेते हुए कलेक्टर ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई है, ताकि उस तरह की घटना की पुर्नवृत्ति न हो।
चेंबर के बाहर महिला गार्ड भी
कलेक्टर चेंबर के बाहर तैनात किए गए गार्डों में महिला गार्ड भी शामिल हैं। वे कलेक्टर से मिलने पहुंची महिला फरियादियों की संपूर्ण तलाशी लेती है। जांच में यदि सबकुछ ठीक-ठाक मिलता है तभी फरियादी को कलेक्टर से मिलने की अनुमति दी जाती है। अन्यथा, गेट से ही वापस लौटा दिया जाता है। इसके अलावा कलेक्टोरेट में लगे सीसी कैमरों को भी चुस्त-दुरूस्त रखा गया है। बताया जा रहा है कि कलेक्टोरेट में हो रही संपूर्ण गतिविधियों की मॉनिटरिंग कलेक्टर अब स्वयं कर रहे हैं।
मुख्य द्वार पर पांच जवान पहले से
कलेक्टोरेट के मुख्य द्वार के सामने पहले से ही पांच गार्ड तैनात हैं। वे कलेक्टोरेट के बाहरी हिस्से की चौकसी करते हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें कलेक्टोरेट के मुख्य द्वार के आसपास अव्यवस्था फैलाने वालों को हिदायत देकर वहां से भगाने की जवाबदारी दी गई है। इसके बाद अब कलेक्टर चेंबर के बाहर पांच गार्ड तैनात किए गए हैं। वहीं कलेक्टर का गनमैंन भी पूरे समय तक चेंबर के बाहर तैनात रहता है, ताकि कलेक्टर की सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरूस्त रहे।


कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें