सोमवार, 20 नवंबर 2017

खिलावन भैय्या! अब तो पेश कर दीजिए बेगुनाही का सबूत, मीडिया व आमजनता कर रही मूल दस्तावेजों का बेसब्री से इंतजार

जांजगीर-चांपा. अपात्रों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान दिलवाने के आरोपों से घिरे सक्ती विधायक डॉ. खिलावन साहू की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। एक तरफ जहां भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी उनसे जवाब-तलब कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ मीडिया और आमजनता उनकी ओर से सार्वजनिक किए जाने वाले मूल दस्तावेजों का बेसब्री से इंतजार कर रही है। चूंकि विधायक डॉ. साहू के प्रतिनिधियों ने स्वेच्छानुदान की स्वीकृति में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होने का दावा करते हुए जल्द ही मीडिया के समक्ष पुख्ता प्रमाण प्रस्तुत करने का वायदा किया है। ऐसे में अब विधायक डॉ. साहू की ओर से पेश किए जाने वाले पुख्ता प्रमाण पर सबकी निगाहें टिकी हुई है।

‘दैनिक नवीन कदम’ के पास उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार, सक्ती विधायक डॉ. खिलावन साहू ने कुछ माह पहले मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से कई लोगों को अनुदान दिलवाने की अनुशंसा की थी, जिसके आधार पर छग शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव ने बीते 31 मार्च को पत्र क्रमांक एफ 7-22/2017/एक/1-सीएम जारी कर मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की स्वीकृति दी। सामान्य प्रशासन विभाग से जारी स्वीकृति आदेश में कुल 46 लोगों का नाम है, जिन्हें मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के स्वेच्छानुदान मद से शिक्षा तथा इलाज के नाम पर कुल चार लाख बीस हजार रुपए की आर्थिक मदद की गई है। सूची में शामिल कई हितग्राही रायगढ़ और सारंगढ़ विधानसभा क्षेत्र के हैं, लेकिन 14 हितग्राही सक्ती विधानसभा के अलावा जांजगीर-चांपा जिले से हैं। 

सामान्य प्रशासन विभाग से जारी आदेश में उल्लेखित हितग्राहियों की वास्तविकता की छानबीन की गई तो नगरपालिका सक्ती का एल्डरमैन संजय कुमार देवांगन सबसे पहले संदेह के दायरे में आया। एल्डरमैन देवांगन को विधायक डॉ. साहू ने शिक्षा के लिए स्वेच्छानुदान मद से 20 हजार रुपए दिलवाया है, जबकि वह न तो किसी स्कूल-कॉलेज में अध्ययनरत् हैं और न ही हाल-फिलहाल अध्ययन की उनकी कोई योजना है। इस बात की पुष्टि एल्डरमैन देवांगन पहले ही कर चुके हैं। सूची में उल्लेखित अन्य 13 हितग्राहियों के संबंध में जब बारीकी से पड़ताल की गई तो विधायक डॉ. साहू का फर्जीवाड़ा परत-दर-परत उजागर हुआ। आपकों बता दें कि सूची में उल्लेखित 14 में से आधा दर्जन से अधिक हितग्राहियों ने सूची में दर्शाए गए उद्देश्य को स्वीकार ही नहीं किया है। उनका कहना था कि विधायक डॉ. साहू ने उन्हें रकम बतौर चैक तो दिलवाया है, लेकिन चैक किस मद से है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। ‘दैनिक नवीन कदम’ इस मामले को लगातार प्रमुखता से उठा रहा है, जिस पर आपत्ति जताते हुए उनके कुछ कार्यकर्ताओं ने खबर को ही गलत बताया है। विधायक डॉ. साहू के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया में जिस तरह का बेतुका तर्क दिया है, उससे विधायक डॉ. साहू को पाक साफ नहीं माना जा सकता, क्योंकि अब तक की सारी खबरें प्रमाणित दस्तावेजों के आधार पर ही प्रकाशित हुई हैं। 

विधायक डॉ. साहू यदि वास्तव में सच्चे हैं तो उन्हें सप्रमाण मीडिया के सामने आना चाहिए। वे अगर ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें क्लीनचिट देने का अधिकार उनके कार्यकर्ताओं को नहीं है। सक्ती क्षेत्र के लोगों का कहना है कि मीडिया में आ रही खबरें यदि गलत हैं तो विधायक डॉ. साहू को सही और प्रमाणित दस्तावेज मीडिया और आमजनता के बीच प्रस्तुत करना चाहिए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। उनका यह भी कहना है कि मीडिया ने दस्तावेजों के आधार पर खबर प्रकाशित की है। ऐसे में विधायक डॉ. साहू भी पुख्ता दस्तावेजों के आधार पर ही बात करें तो उचित होगा। बहरहाल, सक्ती विधायक डॉ. साहू के प्रमाणित दस्तावेजों का आमजनता के साथ ही मीडिया भी बेसब्री से इंतजार कर रही है, जिससे यह साबित हो सके कि आखिर हकीकत क्या है।

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