बुधवार, 7 फ़रवरी 2018

नवनिर्मित सरस्वती विला में धूमधाम से हुआ रूखमणी विवाह, सैकड़ों लोग बने साक्षी, आचार्य ने छठवें दिन कही बाल चरित्र और कंस संहार की कथा

जांजगीर. कलेक्टोरेट चौक के समीप नवनिर्मित ‘सरस्वती विला’ में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन जारी है। छठवें दिन कथा वाचक पं. प्रियांश तिवारी ने बाल चरित्र और कंस संहार की कथा सविस्तार कही। इस दौरान धूमधाम से रूखमणी विवाह हुआ, जिसके सैकड़ों लोग साक्षी बने।

बाल चरित्र का वर्णन करते हुए कथा वाचक पं. प्रियांश तिवारी ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का विस्तृत वर्णन किया। उन्होंने कंस संहार की कथा भी विस्तार से कही। कथा वाचक पं. प्रियांश तिवारी ने कहा कि कंस काफी अधर्मी था, जिसने अपनी सगी बहन और बहनोई को वर्षों तक कारागार में रखकर उनकी संतानों की निर्मम हत्या की। कंस को पहले से ही पता चल गया था कि उसका अंत उसकी बहन का पुत्र करेगा, इसलिए उसने अपनी सगी बहन के सात संतानों की हत्या कर दी, लेकिन आठवीं संतान के रूप में जन्मे भगवान श्रीकृष्ण ने आखिरकार कंस का अंत किया और अपने माता-पिता को उसके चंगुल से मुक्त कराया। आचार्य ने कहा कि जब-जब अधर्मियों का जिक्र होता है, तब-तब कंस का नाम लिया जाता है। उन्होंने कहा कि हमें गलत विचारों को अपने मन में कभी भी नहीं लाना चाहिए। गलत विचार और गलत कर्मों से मनुष्य का दुखद अंत निश्चित है। कथा के दौरान धूमधाम से रूखमणी विवाह हुआ, जिसके सैकड़ों लोग साक्षी बने। इस दौरान उपस्थित श्रोताओं ने एक-दूसरे को हल्दी लगाकर रूखमणी विवाह की खुशियां बांटी। संगीतमय भजन के साथ संध्या आरती के बाद कथा विश्राम हुआ। 

इसके बाद प्रसाद वितरण किया गया। आठ फरवरी को जरासंध, शिशुपाल संहार तथा सुदामा चरित्र, नौ फरवरी को कौरव संहार, परीक्षित मोक्ष, कथा विश्राम एवं चढ़ोत्री होगी। दस फरवरी को तुलसी वर्षा, हवन, सहस्त्रधारा एवं ब्राह्मण भोज का आयोजन होगा। कथा का समय प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे तक निर्धारित है। आयोजन को सफल बनाने धरमसिंह राठौर, अजीत सिंह राठौर, रंजीत सिंह राठौर, गर्व सिंह सहित अन्य लोग जुटे हुए हैं।

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