गुरुवार, 13 सितंबर 2018

प्रधानमंत्री मोदी की सभा में भीड़ जुटाने का टारगेट, सरपंच-सचिवों पर प्रशासनिक अफसर बना रहे दबाव

सक्ती। आगामी 22 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जांजगीर आगमन को लेकर जहां राज्य के मुख्यमंत्री सहित केबिनेट मंत्री, भाजपा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता तैयारियों में जुटे हुए हैं। वही प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारियां प्रारंभ हो गई है, जिसके तहत स्थानीय जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायतों के सरपंचों एवं सचिवों को भीड़ जुटाने का टारगेट दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर उनकी सभा में भीड़ जुटाने के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा सभी सरपंचों को प्रधानमंत्री के आगमन के दिन अपने पंचायत क्षेत्रों से अधिक से अधिक लोगों को संग्रहित कर उन्हें अपने स्वयं के खर्च से चारपहिया वाहनों की व्यवस्था कर जांजगीर पहुंचाने तथा उनके लिए भोजन व्यवस्था करने के निर्देश जारी करते हुए उन पर दबाव बनाया जा रहा है, ताकि प्रधानमंत्री की सभा में अधिक से अधिक लोगों को जुटाकर जिले के भाजपा पदाधिकारी एवं प्रशासनिक अधिकारी अपनी वाहवाही लूट सकें।  एक ओर जहां ग्राम पंचायतों में इन दिनों शौचालय निर्माण एवं प्रधानमंत्री आवास की अनिवार्यता के साथ उसकी लक्ष्य पूर्ति करने में सरपंच एवं सचिव पहले ही परेशानियों के दौर से गुजर रहे हैं। वही सक्ती में पदस्थ जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को वित्तीय अधिकार प्राप्त न होने के कारण सरपंच एवं सचिवों द्वारा विभिन्न दुकानदारों से सीमेंट, छड़ आदि लेकर गांव में विकास कार्यो को करने का कार्य बाध्यतावश किया जा रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर भीड़ जुटाने सरपंच एवं सचिवों के सिर पर एक और अतिरिक्त बोझ लादकर प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुुए सरपंच एवं सचिवों को अनिवार्य रूप से ग्राम पंचायत से लक्ष्य देकर व्यक्ति एकत्रित कर उनके भोजन व्यवस्था के साथ जांजगीर पहुंचने का निर्देश जारी कर उन्हें एक और विवशता में डाल दिया है। 

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