रविवार, 23 अप्रैल 2017

कोतवाली पुलिस का दिमाग पड़ा ठंडा, पाइप में बंधवा दिया उल्टा झंडा

रविवार को घंटों तक उल्टा लहराता रहा पुलिस का ध्वज, बड़ी लापरवाही उजागर


जांजगीर-चांपा. देशभक्ति और जनसेवा का नारा लगाने वाली पुलिस अपने दायित्वों के प्रति आखिर कितनी संजीदा है, इसका प्रत्यक्ष नमूना रविवार को कोतवाली थाने में दिखा। कोतवाली थाने के बाहर लगी पाइप पर पुलिस का ध्वज घंटों तक उल्टा लहराता रहा, जिस पर जिम्मेदारों की नजर कई बार पड़ी, लेकिन उन्होंने समय रहते झंडा को सीधा करवाना मुनासिब नहीं समझा। 

उल्टा लहराता रहा पुलिस का ध्वज
दरअसल, जिला मुख्यालय जांजगीर स्थित नए कोतवाली थाना भवन के बाहर ध्वजारोहण के लिए पाइप लगवाई गई है, जिसमें विशेष अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। जबकि अन्य दिनों उसमें पुलिस का ध्वज फहरता है। रोजाना की तरह रविवार को भी उस पाइप में पुलिस का ध्वज बांधा गया, लेकिन ध्वज सीधा है या उल्टा, इस पर किसी ने ध्यान तक नहीं दिया। 

पाइप में बंधा उल्टा ध्वज पूरे दिन लहराता रहा। दोपहर के समय जब कुछ मीडियाकर्मियों की नजर ध्वज पर पड़ी और उन्होंने लहराते उल्टे ध्वज की तस्वीर लेनी शुरू की, तब पुलिस महकमा होश में आया। मौके पर उपस्थित कोतवाली थाने के एएसआई केके द्विवेदी ने दो आरक्षकों को बुलवाकर पुलिस ध्वज को पाइप से नीचे उतरवाया और फिर सधा करके दोबारा पाइप में बंधवाया। इस दौरान एएसआई द्विवेदी ने इसे छोटी चूक बताते हुए मीडियाकर्मियों से कैमरे में ली गई उलटे लटक रहे ध्वज की तस्वीरों को डिलिट करने का आग्रह किया, लेकिन मीडियाकर्मी राजी नहीं हुए। 

सीधा करके लगाते आरक्षक

क्या है नियम-कायदें

पुलिस ध्वज में छत्तीसगढ़ पुलिस का मोनो बना हुआ है। कुछ माह पहले पुलिस ध्वज को सभी थानों के बाहर सम्मान रोजाना फहराए जाने का निर्देश पुलिस मुख्यालय रायपुर से जारी हुआ था। इसके लिए बकायदा पुलिस ध्वज संहिता लागू हुआ है। संहिता के अनुसार, पुलिस ध्वज को रोजाना सूर्योदय के साथ सम्मानपूर्वक फहराया जाना है, जबकि सूर्यास्त से पहले ससम्मान उतार लिया जाना है। यदि इस कार्य में कोई चूक होती है तो जवाबदार पुलिसकर्मी उतना ही दोषी होगा, जितना राष्ट्रध्वज के अपमान में होता है।

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